शिमला: गुरुवार 15 फरवरी को राज्यसभा चुनाव के नामांकन का आखिरी दिन था. कांग्रेस और बीजेपी दोनों दलों के उम्मीदवारों ने अपना नामांकन भरा. इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने अभिषेक मनु सिंघवी को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाने को लेकर कांग्रेस पर सवाल उठाए हैं.
सरकार के फैसले के खिलाफ केस लड़ने वाले को क्यों चुना ?
नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवार हर्ष महाजन के नामांकन भरने के बाद कहा कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि कांग्रेस ने उस वकील को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया जो हिमाचल सरकार के फैसले के खिलाफ मुकदमा लड़ रहे हैं.
"हिमाचल में कांग्रेस सरकार ने वाटर सेस लगाने का फैसला लिया था. उस फैसले के खिलाफ जो कंपनियां कोर्ट में गई थी, उनकी पैरवी करने वाले वकील को कांग्रेस ने राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है. इस विरोधाभास पर मुख्यमंत्री को स्टैंड साफ करना चाहिए कि जिस वाटर सेस के मुद्दे को उन्होंने जोर-शोर से उठाया है, उस मामले में सरकार के खिलाफ राज्यसभा भेजा जा रहा है. ऐसे में वाटरसेस पर मुख्यमंत्री सही हैं या फिर राज्यसभा उम्मीदवार" - जयराम ठाकुर, नेता विपक्ष
हिमाचल के नेता को क्यों नहीं बनाया उम्मीदवार ?
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट के वकील और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी को उम्मीदवार बनाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस ने हिमाचल के किसी व्यक्ति या नेता को प्रत्याशी नहीं बनाया है. जबकि कांग्रेस के कई नेता राज्यसभा जाने के इच्छुक थे, जो सालों से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं, जिनका अधिकार उनसे छीना गया है. उनकी बजाय किसी ऐसे नेता को टिकट दिया गया है जिनका हमेशा किसी न किसी विवाद से नाता रहा है. जिससे कांग्रेस नेताओं में निराशा है.