जबलपुर: जंगली हाथियों को पकड़ने के खिलाफ लगी याचिका पर टिप्पणी करते हुए हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार से सवाल किया है. चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने मध्य प्रदेश सरकार से पूछा है कि किस आदेश के तहत जंगली हाथियों को पकड़कर प्रशिक्षण शिविर में रखा गया है. दरअसल, जंगली हाथियों को पकड़कर टाइगर रिजर्व के प्रशिक्षण शिविर में रखने के खिलाफ एक याचिका दायर की गई थी और उनको जंगलों में छोड़ने की मांग की गई थी.
हाईकोर्ट में दायर की गई थी याचिका
रायपुर के रहवासी नितिन सिंघवी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि केंद्रीय पर्यावरण विभाग की गाइडलाइन्स के अनुसार जंगली हाथियों को पकड़ने का कदम अंतिम उपाय के रूप में होना चाहिए, लेकिन मध्य प्रदेश में इसे पहले विकल्प के रूप में अपनाया जा रहा है. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ से जंगली हाथियों के झुंड मध्य प्रदेश के जंगलों में प्रवेश करते हैं, जिससे किसानों की फसलें बर्बाद होती हैं और घरों में तोड़फोड़ की घटनाएं बढ़ रही हैं. कुछ मामलों में जंगली हाथियों द्वारा किए गए हमलों में लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है.
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