रतलाम: पीले सोने के लिए मशहूर मध्य प्रदेश में सोयाबीन को लेकर बुवाई के साथ ही घमासान शुरू हो गया था. प्रदेश के अलग-अलग जिलों से सोयाबीन की बदहाली की तस्वीरें भी इस दौरान सामने आईं. सोयाबीन की खेती कर रहे किसानों के लिए अंत में एक राहत की खबर आई की मध्य प्रदेश सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य 4892 रुपए प्रति क्विंटल पर सोयाबीन की फसल खरीदेगी. लेकिन इसके लिए प्रदेश सरकार ने पंजीयन के पश्चात उपार्जन की तारीख 25 अक्टूबर तय की है.
सोयाबीन न बिकने से किसान परेशान
सोयाबीन की हार्वेस्टिंग कर चुके किसान कृषि मंडियों में अब भी सोयाबीन 4500 रुपए प्रति क्विंटल से कम पर बेचने को मजबूर हैं. ऐसे में किसानों ने मोहन सरकार से सोयाबीन की खरीदी जल्दी शुरू करने की मांग की है. किसानों का कहना है कि त्यौहार का समय है और रबी सीजन की फसलों की तैयारी भी करना है. जिसके लिए उन्हें रूपयों की जरूरत है. लेकिन समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदने में अब भी 15 दिन बाकी हैं.
25 अक्टूबर से सरकार खरीदेगी सोयाबीन
दरअसल सोयाबीन के कम दाम मिलने की वजह से शुरुआत से ही सोयाबीन उत्पादक किसान परेशानी में हैं. इसके बाद कीट रोगों का प्रकोप और मौसम की मार की वजह से सोयाबीन उत्पादक किसान सोयाबीन में अधिक लागत लगा चुके हैं. जबकि मंडियों में सोयाबीन 3800 से 4500 रुपए तक ही बिक रहा है. सोयाबीन उत्पादक किसान राजेश पुरोहित का कहना है कि, ''सरकार ने एमएसपी पर सोयाबीन की घोषणा जरूर कर दी है लेकिन उसके बावजूद सोयाबीन ₹3800 से 4500 रुपए तक ही बिक रहा है. राज्य सरकार 25 अक्टूबर से 4892 पर सोयाबीन खरीदेगी. लेकिन उसके पहले किसानों को अपनी जरूरत के लिए सोयाबीन की फसल मंडियों में कम दाम पर बेचना पड़ रही.''
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कम दाम में सोयाबीन बेचने को मजबूर किसान
सोयाबीन की एमएसपी ₹6000 प्रति क्विंटल तो दूर सरकार अपनी स्वयं की घोषित एमएसपी पर भी किसानों का सोयाबीन नहीं बिकवा पा रही है. किसान नेता डीपी धाकड़ का कहना है कि, ''नवरात्रि के बाद अब दीपावली का त्यौहार आने वाला है. लेकिन किसान अपनी फसल सरकार द्वारा घोषित एमएसपी पर बेचने के लिए 25 अक्टूबर तक या तो इंतजार कर रहे हैं या फिर सोयाबीन को 3500 से 4500 के दाम पर बेचने को मजबूर हैं. उस पर भी बारिश की वजह से सोयाबीन का उत्पादन और गुणवत्ता प्रभावित हुई है. क्या सरकार किसानों का खराब हुआ सोयाबीन भी एमएसपी पर खरीदेगी.''
15 अक्टूबर तक पंजीयन की तारीख
बहरहाल इस मामले पर कृषि विभाग के अधिकारी बिका वास्के का कहना है कि, ''15 अक्टूबर तक किसान सोयाबीन की फसल बेचने के लिए पंजीयन करवा सकते हैं. जिसके बाद ब्लॉक स्तर पर बनाए गए उपार्जन केन्द्रों पर किसान 25 अक्टूबर से सोयाबीन की फसल उपार्जन के लिए ले जा सकते हैं.''