नई दिल्ली: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सीबीएसई 10वीं बोर्ड की परीक्षा को और अधिक छात्रों के अनुकूल बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए दो बार परीक्षा कराने के मसौदे को मंजूरी दी गई है जिससे छात्रों की सफलता दर और अधिक बढ़ जाएगी.
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने मंगलवार को 2026 से साल में दो बार कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा आयोजित कराने के मसौदे को मंजूरी दे दी. अधिकारियों के अनुसार मसौदा को सीबीएसई की वेबसाइट पर डाल दिया गया है ताकि लोग उसपर अपनी प्रतिक्रिया दे सकें. इससे जुड़े लोग या संस्थान 9 मार्च तक अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं.
As per the recommendations of the National Education Policy 2020, students will have an opportunity to improve their performance in Board Examinations.
— CBSE HQ (@cbseindia29) February 26, 2025
A meeting chaired by Hon’ble Minister of Education discussed:
1️⃣ From 2025-26, two Board Examinations will be conducted for… pic.twitter.com/sUI6pvEklK
इसके बाद प्रतिक्रियाओं पर गौर किया जाएगा और दो बार परीक्षा कराने की नीति को सीबीएसई द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा. नये मसौदे के हिसाब से पहली बार परीक्षा 17 फरवरी से 6 मार्च के बीच होगी. इसके बाद दूसरी बार 5 से 20 मई के बीच होगी.
बोर्ड अधिकारियों के अनुसार दोनों परीक्षाएं पूर्ण पाठ्यक्रम पर आयोजित की जाएंगी और छात्रों को दोनों संस्करणों में एक ही परीक्षा केंद्र आवंटित किया जाएगा. दोनों परीक्षाओं के लिए परीक्षा शुल्क बढ़ाया जाएगा और ये आवेदन दाखिल करने के समय ही लिया जाएगा.
2026 से सीबीएसई अपने छात्रों को बोर्ड परीक्षा में दो बार बैठने का अवसर देगा. इस नियम के अनुसार पहली परीक्षा हर साल 15 फरवरी के बाद आने वाले पहले मंगलवार से शुरू होगी. पहली परीक्षा 6 मार्च तक पूरी हो जाएगी. बोर्ड परीक्षा का दूसरा चरण 5 से 20 मई तक चलेगा. नई व्यवस्था के तहत छात्रों को जरूरत पड़ने पर दूसरी परीक्षा में अपना रिजल्ट सुधारने का मौका मिलेगा.
नई परीक्षा प्रणाली का मसौदा आधिकारिक सीबीएसई वेबसाइट पर समीक्षा के लिए उपलब्ध करा दिया गया है. स्कूल, शिक्षक, अभिभावक, छात्र और आम जनता सहित हितधारक प्रस्तावित नीति पर अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं. व्यापक चर्चा के बाद मसौदा नीति विकसित की गई है और सीबीएसई वेबसाइट पर पोस्ट की गई है. हितधारक 9 मार्च तक मसौदा नीति पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं.
शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि अधिक लचीलापन, छात्र की पसंद और दो प्रयासों में से सर्वश्रेष्ठ अंकों को लेने के अलावा, क्षमताओं का परीक्षण करने वाले मूल्यांकन सभी बोर्ड परीक्षाओं में तत्काल प्रमुख सुधार होने चाहिए.
बोर्ड समय के साथ परीक्षाओं के और अधिक व्यवहार्य मॉडल भी विकसित कर सकते हैं जो दबाव और कोचिंग संस्कृति को कम करते हैं. कुछ संभावनाओं में वार्षिक/सेमेस्टर/मॉड्यूलर बोर्ड परीक्षाओं की एक प्रणाली विकसित की जा सकती है. ताकि प्रत्येक परीक्षा बहुत कम सामग्री वाली हो और स्कूल में संबंधित पाठ्यक्रम लेने के तुरंत बाद ली जाए ताकि परीक्षाओं का दबाव बेहतर ढंग से वितरित हो.