चंडीगढ़: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट 2024 पेश कर दिया है. इस साल चंडीगढ़ को 6513.62 करोड़ का बजट मंजूर हुआ है. ऐसे में शहर के सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता और सरकारी कर्मचारियों ने अपनी अलग-अलग टिप्पणी दी है. जहां बीजेपी ने इस बजट की जमकर तारीफ की है वहीं, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं ने इस बजट को चुनावी जुमला और फीका बजट करार दिया.
अंतरिम बजट की सराहना: चंडीगढ़ बीजेपी इकाई के पूर्व अध्यक्ष संजय टंडन ने कहा कि जीडीपी की एक नई शब्दावली के निर्माण को 'शासन विकास प्रदर्शन' के रूप में मनाया. इस देश के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए समर्पित इस पूंजी-गहन बजट से शहर के निवासियों को लाभ मिलता रहेगा. कैपेक्स में 10 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 11.11 लाख करोड़ रुपए का भारत की विकास कहानी पर कई गुना प्रभाव पड़ेगा. बुनियादी ढांचे और पूंजीगत व्यय में खर्च किए गए प्रत्येक रुपए के लिए लगभग 2.95 का गुणांक होता है. इससे राष्ट्र की आर्थिक वृद्धि को भारी बढ़ावा मिलेगा. आयुष्मान भारत का विस्तार सभी आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तक किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि पीएम आवास योजना का लक्ष्य इस योजना के तहत पांच वर्षों में 2 करोड़ और घर बनाना है. जनधन योजना के तहत करीब 51 करोड़ लोगों ने अपना बैंक खाता खुलवाया है. लगभग एक दशक में इस योजना का प्रभाव कंगाल कांग्रेस शासन के पिछले 7 दशकों की तुलना में लगभग 18 गुना अधिक है. अंतरिम बजट के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि 1 करोड़ परिवार हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली पा सकेंगे. कई परिवार मुफ़्त सौर बिजली और वितरण कंपनियों को अधिशेष बेचने से सालाना 15,000-18,000 रुपए तक की बचत करेंगे.
अंतरिम बजट पर पवन बंसल की कड़ी प्रतिक्रिया: वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन बंसल ने कहा कि बजट में सिर्फ जुमलेबाजी, चंडीगढ़ के लिए पवन बंसल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश अंतरिम बजट को निराशाजनक करार दिया. उन्होंने कहा कि इसमें देश की आम जनता के लिए कुछ भी नहीं है. बेरोजगारी को देश का सबसे बड़ा मुद्दा बताते हुए पवन बंसल ने कहा कि इस समय देश में 25 वर्ष की आयु वाले नौजवानों में बेरोजगारी दर 42.3 फीसदी है, जबकि चंडीगढ़ में ये दर महज 0.38 फीसदी है जो अब तक की सबसे खराब स्थिति है. इसको दूर करने के लिए बजट में कोई भी जिक्र नहीं किया गया. मनरेगा में भी UPA के वक्त 100 दिन का काम मिलता था वो अब घट के 48 दिन रह गया है. महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध और नौकरियों में समान वेतन न मिलना जैसे महिलाओं के मुद्दे भी वित्त मंत्री की स्पीच से गायब रहे. खाने की चीजों की महंगाई दर 7.7% है और लगातार बढ़ रही है. जरूरी वस्तुओं पर भी सरकार 5-18% GST लगा रही है. ऐसे में एक आम नागरिक या मजदूर के लिए अपने परिवार का पेट भरना भी मुश्किल हो गया है.
किसानों की आमदनी दोगुनी करने का दावा करने वाली सरकार ने इसके लिए भी कोई योजना नहीं दी, ना ही MSP बढ़ाई और ना ही उसका दायरा. किसान सम्मान निधि में भी कोई वृद्धि नहीं की गई. चालू वित्त वर्ष में 18 लाख करोड़ रुपये का बजट घाटा है. आने वाले साल में यह और बढ़ेगा. इसका सीधा सीधा मतलब है कि सरकार कर्ज लेकर अपना खर्च चला रही है. इस देश का 60 फीसदी पैसा सिर्फ 10 फीसदी आबादी के पास है.
वहीं, चंडीगढ़ महिला कांग्रेस की अध्यक्ष दीपा दुबे ने कहा कि केंद्रीय सरकार का बजट महिला विरोधी है. इस बजट में ना तो महिला की रसोई के बारे में सोचा गया और ना ही युवतियों, महिलाओं, बुजुर्गों और गर्भवती और विधवा महिलाओं के लिए कोई भी सहुलियत नहीं दी गई. अंतरिम बजट में न तो रोजगार की बात की गई और न गी महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर कोई प्रावधान किया गया.
अंतरिम बजट विकसित भारत और सशक्त भारत का बजट- अरुण सूद: वित्त मंत्री सीतारमण ने 2024-2025 के लिए अपना छठा और अंतरिम बजट पेश किया. बजट की सराहना करते हुए, चंडीगढ़ के पूर्व मेयर और पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद ने कहा कि यह विकासशील भारत के लिए बजट है. इसमें समाज के सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है. अरुण सूद ने कहा कि इस वर्ष चंडीगढ़ को 426.62 बढ़ाकर दिए हैं और विकास कार्यों के लिए कुल 6513.62 दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि पीएम जन धन योजना खातों में डी बी टी के माध्यम से 34 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर किए, जिससे 2.7 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है. पीएम विश्वकर्मा योजना योजना कारीगरों को विशेष सहायता प्रदान करती है. पीएम-स्वनिधि योजना के तहत 78 लाख स्ट्रीट वेंडरों को ऋण सहायता प्रदान की गई. महिला उद्यमियों को 30 करोड़ मुद्रा योजना ऋण वितरित किया.
स्किल इंडिया मिशन के तहत 1.4 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया था. पीएम मुद्रा योजना के तहत 43 करोड़ ऋण स्वीकृत किए. प्रमुख आकर्षणों में से एक कि सरकार ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए 'लखपति दीदी' योजना का भी विस्तार करेगी. 2024-25 के लिए पूंजीगत व्यय पर खर्च बढ़ाकर ₹11.11 लाख करोड़ कर दिया गया है. सरकार 2025-26 में राजकोषीय घाटे को 4.5% तक कम करने के लिए राजकोषीय सुदृढ़ीकरण के पथ पर आगे बढ़ेगी.
फीका बजट, कुछ नया नहीं- प्रेम गर्ग सीए: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रेम गर्ग ने कहा कि अंतरिम केंद्रीय बजट से कुछ खास शानदार उम्मीद नहीं थी, लेकिन यह पूर्ण बजट नहीं है. यह पूरी तरह से एक फीका बजट है, जिसमें कुछ भी नया नहीं है. इस चुनावी वर्ष में, यह उम्मीद की जा रही थी कि सरकार जीएसटी और आयकर अनुपालन को सरल बनाने के अलावा रोजगार, बुनियादी ढांचे और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगी. आज अर्थव्यवस्था बाहरी और आंतरिक कर्ज के बोझ तले दबी हुई है और जनता बढ़ती कीमतों और घटती आय से निराश हैं. राम मंदिर और हिंदुत्व राजनीति जैसे विभिन्न मुद्दों पर प्रचार करने के बजाय, मूल मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है. आज हजारों युवा विदेशी वीजा पाने के लिए लाखों खर्च कर रहे हैं और ईमानदार आप्रवासन माफियाओं के जाल में फंस रहे हैं. सरकार को देश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और चिकित्सा सुविधाएं बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि विदेशी लोग अपने बच्चों को शिक्षित करने और शिक्षा प्राप्त करने के लिए भारत आएं.
चंडीगढ़ चार्टेड अकाउंटेंट एसोसिएशन के मेंबर रचित गोयल ने कहा कि केंद्रीय आम बजट काफी अच्छा रहा. इसे चुनावी बजट बताया जा रहा था, लेकिन चुनावी बजट नहीं बल्कि साल में केंद्र सरकार ने जो काम किया है, उसको लेकर ही यह बजट पेश किया है. उन्होंने सरकार से भी मांग की है कि माइक्रो स्तर के जो इंडस्ट्रीज हैं, उनके भी लोन को माफ किया जाए, क्योंकि उनके पास क्षमता नहीं है कि वह वकील और चार्टर्ड अकाउंट रखकर अपनी लड़ाई लड़ सकें. बजट में सरकार ने अपनी उपलब्धि बताई है. 43 करोड़ लोगों को मुद्रा लोन दिया गया है. जिसको जो चाहिए उसके हिसाब से मुद्रा लोन दिया गया. तीन कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया गया है. एनर्जी कॉरिडोर, पोर्ट कॉरिडोर और कंजेशन कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया गया है. यह काफी सराहनीय कदम है. इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष फोकस किया गया है. बजट में टूरिज्म बढ़ावा को लेकर के भी बजट रहा.