करनालः भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां ज्यादातर ग्रामीण परिवार अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं. देश में 82 प्रतिशत छोटे और सीमांत किसान हैं. यहां सबसे ज्यादा गेहूं, चावल, दालें, गन्ना, और कपास जैसी फसलें उगाई जाती हैं, लेकिन आज हम लेकर आए हैं ऐसा आइडिया जिसके जरिए हमारे किसान भाई कुछ ही समय में करोड़पति बन सकते हैं.
कम समय में बन सकते हैं करोड़पतिः ऐसे किसानों के लिए महोगनी फार्मिंग एक ऐसा बिजेनस आइडिया है, जिसके सहारे किसान इन पेड़ों को लगाकर काफी कम समय में करोड़पति बन सकते हैं. ऐसा हम नहीं कहते हैं, यह कहना है महोगनी फार्मिंग करने वाले किसानों का. ऐसे लाभदायक खेती करने वाले किसानों को सरकार की ओर से बागवानी संस्थाओं में निः शुल्क प्रशिक्षण के साथ-साथ रियायती दरों पर पौधे और खेती से जुड़े औजार भी उपलब्ध कराए जाते हैं.
हरियाणा में महोगनी की खेती (Etv Bharat)
महोगनी की खेती : हम बात कर रहे हैं महोगनी की खेती की. इस पेड़ को लगाकर करोड़पति बना जा सकता है. अगर एक एकड़ जमीन में महोगनी के 100 से ज्यादा पेड़ लगाते हैं तो आप महज 12 -15 साल में करोड़पति बन सकते हैं. एक बीघा में इसे लगाने की लागत 40-50 हजार रुपये आती है. महोगनी का एक पेड़ 50 से 80 हजार का बिकता है. ऐसे में आप अपने खेत में बड़े स्तर पर इसकी खेती कर करोड़ों रुपये कमा सकते हैं. ना सिर्फ इसकी कीमत ज्यादा है, बल्कि इस पेड़ में औषधीय गुण भी हैं और इसकी लकड़ी कई मायनों में गुणों से परिपूर्ण है. इसकी छाल, पत्ते, बीज ही नहीं पूरा पेड़ ही गुणकारी है.
औषधीय गुणों से भरपूर होता है महोगनी (Etv Bharat)
महोगनी का पेड़ : महोगनी की लकड़ी मजबूत और काफी लंबे समय तक उपयोग में लाई जाने वाली लकड़ी होती है. ये लकड़ी कभी भी खराब नहीं होती है. महोगनी की लकड़ी बाजार में काफी महंगी मिलती है. ये लकड़ी लाल और भूरे रंग में पायी जाती है. इस पर पानी का भी कोई असर नहीं पड़ता. ये पेड़ 50 डिग्री सेल्सियस तक तापमान को सहने की क्षमता रखता है और इसे ज्यादा पानी की जरूरत भी नहीं होती है.
महोगनी का बगान (Etv Bharat)
महोगनी की क्यों है इतनी ज्यादा डिमांडः महोगनी की लकड़ी फर्नीचर और बंदूक का बट बनाने के काम आती है. इसके अलावा इससे नाव भी बनाई जाती है. मेडिकल के लिए भी ये काफी बेशकीमती माना जाता है. इसके पत्तों का उपयोग मुख्य रूप से कैंसर, ब्लडप्रेशर, अस्थमा, सर्दी और मधुमेह सहित कई प्रकार के रोगों में होता है. इसके अलावा इसकी पत्तियों और बीज के तेल का इस्तेमाल मच्छर मारने वाली दवाइयों और कीटनाशक उद्योग में किया जाता है. इसके तेल का उपयोग कर साबुन, पेंट और कई तरह की दवाइयों को बनाया जाता है.
महोगनी का उपयोग (Etv Bharat)
महोगनी लगाने का तरीका : 2 फुट चौड़ा, गहरा और लम्बा गड्डा खोद कर उसमें ऑर्गेनिक खाद डाल कर पौधा लगाना बेहतर होता है. यह एक बहुत ही कड़वा पौधा होता है. इस पौधे में कोई भी बीमारी या कीड़ा नहीं लगता है. इस कारण देखभाल करना भी आसान होता है. सिर्फ बीच में उगने वाली घास आदि को समय-समय पर हटाना पड़ता है.
खेतों में महोगनी (Etv Bharat)
महोगनी के बीज की कीमत: महोगनी का पौधा पांच वर्षों में एक बार बीज देता है. इसके एक पौधे से पांच किलो तक बीज प्राप्त किए जा सकते है. इसके बीज की कीमत काफी ज्यादा होती है और ये एक हजार रुपये प्रतिकिलो तक बिकते हैं. वहीं, इसकी लकड़ी होलसेल में कम से कम दो हजार से 2500 रुपये प्रति घन फीट बिकती है.
15 साल में बन सकते हैं करोड़पति (Etv Bharat)
हजारों पेड़ लगाकर कमाएं करोड़ोंः 2 वर्ष पहले सेवानिवृत्त हुए करनाल के किसान परिवार से जुड़े शिक्षक शिव चन्द्र कौशिक ने बताया कि "उनके पिता जी ही उनके प्रेरणा स्रोत है. उनकी वजह से मैं एग्रो फोर्सटी में आया तो मैंने महोगनी के पौधे लगाए. महोगनी के पेड़ लगाकर करोड़ों की कमाई की जा सकती है. मोहगनी की लकड़ी बहुत ज्यादा ठंडे तामपान वाले देशों में एक्सपोर्ट होती है. इससे लकड़ी के घरों में बनाये जाने लकड़ी के फर्श में इसकी लकड़ी का प्रयोग होता है. बड़े-बड़े होटलों में इसके दरवाजे बनते हैं."
महोगनी के साथ बहुउद्देशीय खेती लाभदायकः शिव चन्द्र कौशिक ने बताया कि 6 एकड़ में उन्होंने 3 हजार महोगनी के पौधे लगाए हैं. प्रति पौधा लगाने में 200 रुपये की लागत आई है. इसके अलावा पौधों के रखरखाव के लिए ऑर्गेनिक खाद का प्रयोग करते हैं. एक पौधा जब 12 से 15 साल में पेड़ बनता है तो एक पेड़ की लकड़ी 80 से 1 लाख रुपये में बिक जाती है. ऐसे में महोगनी की खेती से काफी अच्छी कमाई की जा सकती है. शिव चन्द्र ने बताया कि महोगनी की खेती के साथ मैंने बहुउद्देशीय खेती भी की है जिसका मुझे अलग से लाभ मिल रहा है.
करनालः भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां ज्यादातर ग्रामीण परिवार अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं. देश में 82 प्रतिशत छोटे और सीमांत किसान हैं. यहां सबसे ज्यादा गेहूं, चावल, दालें, गन्ना, और कपास जैसी फसलें उगाई जाती हैं, लेकिन आज हम लेकर आए हैं ऐसा आइडिया जिसके जरिए हमारे किसान भाई कुछ ही समय में करोड़पति बन सकते हैं.
कम समय में बन सकते हैं करोड़पतिः ऐसे किसानों के लिए महोगनी फार्मिंग एक ऐसा बिजेनस आइडिया है, जिसके सहारे किसान इन पेड़ों को लगाकर काफी कम समय में करोड़पति बन सकते हैं. ऐसा हम नहीं कहते हैं, यह कहना है महोगनी फार्मिंग करने वाले किसानों का. ऐसे लाभदायक खेती करने वाले किसानों को सरकार की ओर से बागवानी संस्थाओं में निः शुल्क प्रशिक्षण के साथ-साथ रियायती दरों पर पौधे और खेती से जुड़े औजार भी उपलब्ध कराए जाते हैं.
हरियाणा में महोगनी की खेती (Etv Bharat)
महोगनी की खेती : हम बात कर रहे हैं महोगनी की खेती की. इस पेड़ को लगाकर करोड़पति बना जा सकता है. अगर एक एकड़ जमीन में महोगनी के 100 से ज्यादा पेड़ लगाते हैं तो आप महज 12 -15 साल में करोड़पति बन सकते हैं. एक बीघा में इसे लगाने की लागत 40-50 हजार रुपये आती है. महोगनी का एक पेड़ 50 से 80 हजार का बिकता है. ऐसे में आप अपने खेत में बड़े स्तर पर इसकी खेती कर करोड़ों रुपये कमा सकते हैं. ना सिर्फ इसकी कीमत ज्यादा है, बल्कि इस पेड़ में औषधीय गुण भी हैं और इसकी लकड़ी कई मायनों में गुणों से परिपूर्ण है. इसकी छाल, पत्ते, बीज ही नहीं पूरा पेड़ ही गुणकारी है.
औषधीय गुणों से भरपूर होता है महोगनी (Etv Bharat)
महोगनी का पेड़ : महोगनी की लकड़ी मजबूत और काफी लंबे समय तक उपयोग में लाई जाने वाली लकड़ी होती है. ये लकड़ी कभी भी खराब नहीं होती है. महोगनी की लकड़ी बाजार में काफी महंगी मिलती है. ये लकड़ी लाल और भूरे रंग में पायी जाती है. इस पर पानी का भी कोई असर नहीं पड़ता. ये पेड़ 50 डिग्री सेल्सियस तक तापमान को सहने की क्षमता रखता है और इसे ज्यादा पानी की जरूरत भी नहीं होती है.
महोगनी का बगान (Etv Bharat)
महोगनी की क्यों है इतनी ज्यादा डिमांडः महोगनी की लकड़ी फर्नीचर और बंदूक का बट बनाने के काम आती है. इसके अलावा इससे नाव भी बनाई जाती है. मेडिकल के लिए भी ये काफी बेशकीमती माना जाता है. इसके पत्तों का उपयोग मुख्य रूप से कैंसर, ब्लडप्रेशर, अस्थमा, सर्दी और मधुमेह सहित कई प्रकार के रोगों में होता है. इसके अलावा इसकी पत्तियों और बीज के तेल का इस्तेमाल मच्छर मारने वाली दवाइयों और कीटनाशक उद्योग में किया जाता है. इसके तेल का उपयोग कर साबुन, पेंट और कई तरह की दवाइयों को बनाया जाता है.
महोगनी का उपयोग (Etv Bharat)
महोगनी लगाने का तरीका : 2 फुट चौड़ा, गहरा और लम्बा गड्डा खोद कर उसमें ऑर्गेनिक खाद डाल कर पौधा लगाना बेहतर होता है. यह एक बहुत ही कड़वा पौधा होता है. इस पौधे में कोई भी बीमारी या कीड़ा नहीं लगता है. इस कारण देखभाल करना भी आसान होता है. सिर्फ बीच में उगने वाली घास आदि को समय-समय पर हटाना पड़ता है.
खेतों में महोगनी (Etv Bharat)
महोगनी के बीज की कीमत: महोगनी का पौधा पांच वर्षों में एक बार बीज देता है. इसके एक पौधे से पांच किलो तक बीज प्राप्त किए जा सकते है. इसके बीज की कीमत काफी ज्यादा होती है और ये एक हजार रुपये प्रतिकिलो तक बिकते हैं. वहीं, इसकी लकड़ी होलसेल में कम से कम दो हजार से 2500 रुपये प्रति घन फीट बिकती है.
15 साल में बन सकते हैं करोड़पति (Etv Bharat)
हजारों पेड़ लगाकर कमाएं करोड़ोंः 2 वर्ष पहले सेवानिवृत्त हुए करनाल के किसान परिवार से जुड़े शिक्षक शिव चन्द्र कौशिक ने बताया कि "उनके पिता जी ही उनके प्रेरणा स्रोत है. उनकी वजह से मैं एग्रो फोर्सटी में आया तो मैंने महोगनी के पौधे लगाए. महोगनी के पेड़ लगाकर करोड़ों की कमाई की जा सकती है. मोहगनी की लकड़ी बहुत ज्यादा ठंडे तामपान वाले देशों में एक्सपोर्ट होती है. इससे लकड़ी के घरों में बनाये जाने लकड़ी के फर्श में इसकी लकड़ी का प्रयोग होता है. बड़े-बड़े होटलों में इसके दरवाजे बनते हैं."
महोगनी के साथ बहुउद्देशीय खेती लाभदायकः शिव चन्द्र कौशिक ने बताया कि 6 एकड़ में उन्होंने 3 हजार महोगनी के पौधे लगाए हैं. प्रति पौधा लगाने में 200 रुपये की लागत आई है. इसके अलावा पौधों के रखरखाव के लिए ऑर्गेनिक खाद का प्रयोग करते हैं. एक पौधा जब 12 से 15 साल में पेड़ बनता है तो एक पेड़ की लकड़ी 80 से 1 लाख रुपये में बिक जाती है. ऐसे में महोगनी की खेती से काफी अच्छी कमाई की जा सकती है. शिव चन्द्र ने बताया कि महोगनी की खेती के साथ मैंने बहुउद्देशीय खेती भी की है जिसका मुझे अलग से लाभ मिल रहा है.