फरीदाबाद: फरीदाबाद में लगा सूरजकुंड मेला अपने अंतिम पड़ाव पर है. 23 फरवरी को मेले का अंतिम दिन है. इस मेले में कई देसी और विदेशी स्टॉल लगे हैं. हर स्टॉल की अपनी एक अलग कहानी है. इन सबके बीच एक चाय का स्टॉल काफी चर्चा में है. इस चाय स्टॉल का मालिक कंपनी का फाउंडर है, जिसने काफी रिसर्च की. रिसर्च के लिए नौकरी छोड़ दी. अपना घर बेचा. बीवी के मंगलसूत्र बेच दिए. आज उसके रिसर्च को भारत सरकार ने भी सराहा है.
सूरजकुंड मेले का चाय स्टॉल: दरअसल, हम बात कर रहे हैं आटावेयर कंपनी के फाउंडर और डायरेक्टर पुनीत दत्ता की. इन्होंने सूरजकुंड मेले में चाय का स्टॉल लगाया है. इनके स्टॉल में चाय तो आम है, लेकिन चाय जिस कप में मिल रहा है, वो बेहद खास है. आइए आपको हम बताते हैं कि पुनीत दत्ता के चाय के स्टॉल के कप की खासियत.
ये चाय नहीं कप है खास: अक्सर चाय पीने के बाद लोग कप को या तो फेंक देते हैं, या फिर उसे धोकर दोबारा इस्तेमाल करते हैं. लेकिन पुनीत के आटावेयर चाय के स्टॉल में लोग चाय पीने के बाद कप को बड़े चाव से खा रहे हैं. ये कप कई हेल्दी चीजों से तैयार हुआ है. ये कप अपने आप में बेहद खास है. अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा तो पहले भी हो चुका है. कुछ एक जगहों पर ऐसा कप मिलता है, तो पुनीत के कप में क्या खास है? तो चलिए आपको हम बताते हैं पुनीत के बनाए कप की खासियत.
फ्लेवर वाले कप में देते हैं चाय: दरअसल, पुनीत ने ये कप गुड़ सहित कई चीजों को मिला कर तैयार किया है, जो कि काफी हेल्दी है. साथ ही इनके कप के फ्लेवर भी कई तरह के है. जी हां, पुनीत ने फ्लेवर वाले कप तैयार किए हैं. पुनीत ने 2000 से अधिक फ्लेवर वाले कप को तैयार किया है. इनमें पान, इलायची, चॉकलेट, हल्दी, अदरक, अलग-अलग तरह के फल, मीठा-खट्टा, तीखा हर तरह का फ्लेवर है. दो हजार से अधिक फ्लेवर वाले कप आपको इनके पास मिलेंगे. यानी कि आप अपने पसंद के फ्लेवर वाली कप में चाय पीकर उसे आसानी से खा सकते हैं. खास बात यह है कि इनके बनाए कप की लाइफलाइन 2 साल से अधिक की है.
इस वाकए के बाद आया आइडिया: ईटीवी भारत ने आटावेयर कंपनी के फाउंडर और डायरेक्टर पुनीत दत्ता से इस खास कप के बारे में और उनके रिसर्च के बारे में डिटेल से बातचीत की. पुनीत ने कहा, "मैं विदेश में अच्छी नौकरी कर रहा था. इस बीच इंडिया आया. मैं वृंदावन घूमने गया तो वहां पर मैंने देखा यमुना नदी में थर्माकोल की प्लेट तैर रही थी. इसके बाद मैंने पॉल्यूशन को लेकर सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर डाल दिया. इसी बीच वहां भंडारा चल रहा था, जहां पर लोगों की लाइन लंबी लगी थी. इस दौरान मैंने एक बाबा को देखा. बाबा ने हाथ में ही चार पुड़ियां ली, उसी में सब्जी डलवा लिया और उसे खा लिया. इसके बाद उन्होंने दोनों हाथ को साफ करते हुए कहा, "भाई मेरा तो हो गया, अब तुम लोग अपना देख लो." इस घटना के बाद मुझे ये आइडिया आया कि क्यों ना एक ऐसी प्लेट या कप बनाई जाए, जिसमें लोग खाना-पीना खत्म करने के बाद उसे खा लें."

साल 2013 से शुरू किया रिसर्च: पुनीत ने आगे कहा, " इस घटना के बाद मैंने अपनी नौकरी छोड़ दी और साल 2013 से मैंने इसके ऊपर रिसर्च करना शुरू किया. इस बीच मैंने देखा कि कई लोगों ने इस तरह का प्रोडक्ट बनाया है, लेकिन उसमें सबसे बड़ी कमी थी कि कोई भी गर्म चीज उसमें डालो तो वह प्लेट या कप उसे ऑब्जर्व नहीं कर पा रहा था. रिसर्च के दौरान जर्मनी से मेरे कुछ दोस्त मेरे पास इंडिया आए. वह कुतुब मीनार देखने चले गए. वहां के टूरिस्ट गाइड ने मजाक में मेरे दोस्तों से कहा कि कुतुब मीनार गुड़ से बना हुआ है. इतना सुनते ही मेरे दोस्त ने कुतुब मीनार के पास से एक छोटा पत्थर का टुकड़ा तोड़कर अपने जेब में रख लिया और वह रात को मेरे पास घर पर आया तो खाना खाते समय वह टुकड़ा देते हुए मुझे बोला कि इसे मेरे सूप में डाल दो, यह गुड़ है."
साल 2019 में पूरा हुआ रिसर्च: पुनीत दत्ता ने ईटीवी भारत को बताया कि, " दोस्त की बात सुनने के बाद मैंने सोचा कि क्यों न गुड़ का इस्तेमाल करते हुए प्रोडक्ट को बनाया जाए. मैंने इस पर अपना रिसर्च जारी रखा. इस रिसर्च के कारण मेरा घर बिक गया. मेरे घर में रखे हुए सारे जेवर बिक गए. यहां तक कि बीवी का मंगलसूत्र तक बिक गया. फाइनली साल 2019 में मैंने इस पर रिसर्च कर लिया. गुड़ में फ्लेवर डालकर मैंने चाय का कप तैयार किया. शुरुआती दिनों में लोगों को फ्री में कप देना शुरू किया. इसके बाद लोगों ने मेरे प्रोडक्ट को खूब पसंद किया. इस तरह से मेरा हौसला और बढ़ता गया और मैं आगे बढ़ता चला गया."
इसलिए है दूसरों से खास: पुनीत ने कहा कि, "ऐसा नहीं है कि ये मैंने ही किया है. कुछ एक लोगों ने ऐसा कप जरूर तैयार किया है. लेकिन मेरा बनाया कप दूसरों से अलग है. दूसरे प्रोडक्ट और मेरे प्रोडक्ट में पांच बड़े अंतर हैं. दूसरे जितने भी प्रोडक्ट बना रहे हैं, वह प्रोडक्ट बिस्कुट के फार्मूले से तैयार होता है, जिसमें तेल, पानी, केमिकल, प्रिजर्वेटिव्स, बेकिंग रेजिंग एजेंट को मिलाया जाता है. हालांकि हम अपने प्रोडक्ट में इनमें से किसी भी चीज को नहीं मिलाते हैं. हम अपने प्रोडक्ट में गुड़ के साथ अनाज को मिक्स करते हैं. आटे का प्रयोग बिल्कुल नहीं करते. गुड़ और अनाज को अच्छे से गर्म करते हैं. उसमें अच्छी तरह से अनाज को मिक्स करके कप तैयार करते हैं."

2 हजार से अधिक फ्लेवर उपलब्ध: पुनीत ने बताया, " सबसे खास बात तो यह है कि मेरे बनाए कप के अलग-अलग फ्लेवर हैं. हमारे पास आपको एक ही फ्लेवर का कप नहीं मिलेगा. आप अपने पसंद के फ्लेवर वाली कप में चाय पियो और उसे खा लो. दो हजार से अधिक फ्लेवर वाले कप मैंने तैयार किए हैं. गुड़ के साथ उन फ्लेवरों को मैंने एड किया है. सभी नेचुरल है. इन फ्लेवर में पान, इलाइची, अदरक, हल्दी, फ्रूट, तीखा, खट्टा हर तरह का फ्लेवर उपलब्ध है. इस प्रोडक्ट को मैंने मशीनरी प्रोडक्ट का पैटर्न देकर तैयार किया है. एक कप की कीमत 25-30 रुपया मैंने रखा है."
अब सरकार का मिल रहा सपोर्ट: पुनीत ने कहा कि, "कप तैयार करने के बाद मुझे शुरू में काफी परेशानी हुई थी. हालांकि अब व्यापार पहले से बेहतर है. सरकार मुझे सपोर्ट कर रही है. अब उम्मीद है कि अपना घर और बाकी चीज मैं फिर से ले लूंगा.मैंने अपने प्रोडक्ट को इंडिया में बनाने के लिए इसलिए सोचा क्योंकि यहां पर आसानी से गन्ना मिल जाता है. गन्ने से गुड़ तैयार होता है, जिसका हम इस्तेमाल करते हैं. सबसे ज्यादा पापुलेशन इंडिया में है तो स्टार्टअप के लिए इंडिया सबसे बेहतर है. इसलिए मैंने इसकी शुरुआत अपने देश में ही की है. सबसे बड़ी बात है कि इस प्रोडक्ट को बनाने में कोई पॉल्यूशन नहीं फैलता है. कोई वेस्टेड सामान नहीं बचता है."

कई लोगों ने मारे ताने: पुनीत दत्ता ने आगे कहा, "जब मैंने इसकी शुरुआत की तो लोगों ने ताने भी मारे. फैमिली ने भी कहा कि इतनी बड़ी नौकरी छोड़कर तुम अब चाय की दुकान खोल रहे हो. विदेश में सेटल थे. पता नहीं क्यों इंडिया आए. खास तौर पर जब मेरा मेरा घर बिक गया, मेरी पत्नी के गहने भी बिक गए. उस टाइम ज्यादा दिक्कतें आई, लेकिन फिर भी मैं स्टार्टअप को लेकर रिसर्च करता रहा. आज मेरा रिसर्च सबके सामने है."
चाय पीने आए लोगों को भा रहा कप: वहीं, पुनीत के दुकान पर चाय पीने कई लोग पहुंचे थे. सभी को चाय से बेहतर कप लग रहा था. चाय पीने आए संजय शर्मा ने कहा, "मैंने चाय पी लिया है.अब कप खा रहा हूं. कप का टेस्ट काफी अच्छा लग रहा है." वहीं, चाय पीने गुरुग्राम से आए कृष्ण कुमार सैनी ने कहा,"पहली बार ऐसी चीज मैंने देखी है. मैंने चाय पी लिया है. चाय पीने के बाद आप कब खा रहा हूं. काफी अच्छा लग रहा है." वहीं, स्टॉल पर चाय पीने आई कल्पना ने कहा, "चाय अच्छी है. सबसे अच्छी बात है कि चाय पीकर कप को खाने में बहुत अच्छा लग रहा है. कप में चॉकलेट का स्वाद है. वह भी ओरिजिनल वाला."
स्टार्टअप से मिली पहचान: दरअसल, पुनीत दत्ता मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं, लेकिन अब वह दिल्ली सेटल हो चुके हैं. इससे पहले पुनीत कैलिफोर्निया स्थित आईटी कंपनी में रिक्रूटमेंट मैनेजर के पद पर नौकरी कर रहे थे. नौकरी छोड़कर उन्होंने यह स्टार्टअप शुरू किया. अब इस स्टार्टअप के जरिए, उन्हें एक नई पहचान मिली. भारत सरकार की ओर से अब उनको सपोर्ट मिल रहा है.