गिरिडीहः जमीन के कारोबार से जुड़े अनिल यादव का हत्यारा बैजू रविदास न्यायिक हिरासत में केंद्रीय कारा जा चुका है. हालांकि जेल जाने से पहले बैजू ने जो बातें पुलिस को बतायी हैं और जिस तरह रांची से आयी फॉरेन्सिक टीम ने बैजू के घर के फर्श, दीवार, कुर्सी समेत कई स्थानों से ब्लड स्टेन ( खून का छींटा ) पाया है वह बताता है कि किस तरह निर्दयी तरीके से अनिल पर भुजाली से वार किया गया था.
बैजू ने दिया बयान, कमीशन रही वजह
जो जानकारी मिली है उसके अनुसार बैजू ने पुलिस को बताया है कि इस पूरी घटना को उसने अकेले ही अंजाम दिया था. उसके मुताबिक रांची के मित्र शशिभूषण सिंह का पांच लाख रुपया कहीं फंस गया था. रकम की वसूली को लेकर उसने अपने पड़ोसी अनिल से सम्पर्क किया. अनिल ने 5 लाख वसूलने के एवज में एक लाख का कमीशन मांगा. शशिभूषण भी तैयार हो गया.
अनिल ने पांच लाख में से दो लाख वापस भी करवा दिया, इसके बाद कमीशन का एक लाख मांगने लगा. मैंने कहा कि पूरा पैसा वापस करवा दो और कमीशन ले लो. ऐसे में अनिल जिद करने लगा. वह धमकी भी देने लगा, कहने लगा कि कमीशन का बात तुमसे हुई है, पैसा तो तुमसे ही लेंगे. मैंने शशि को इसकी जानकारी दी. फिर शशि ने उसके फोन पे पर 10 हजार भेजा और मेरे द्वारा फरवरी से लेकर अगस्त तक अनिल को फोन पे के माध्यम से 30 हजार दे दिया. इसके बावजूद अनिल पूरे एक लाख की मांग करने लगा, कई बार हथियार दिखाकर धमकी भी देता रहा.
कुर्सी पर बैठ गिनने लगा रुपया तभी..
बैजू ने पुलिस को बताया है कि 6 अगस्त की दोपहर उस वक्त उसके घर पर आया जब उसके यहां कोई नहीं था. दोपहर एक बजे अनिल उसके घर आया तो ऐसा लग रहा था कि अनिल नशे में हैं. उसके हाथ में भुजाली था. उसने पहले मेरे घर का मुख्य दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और बोलने लगा कि अभी एक लाख दो नहीं तो इसी से गला रेत देंगे. मैं डर गया और पर्स के अंदर रखे पैसा निकाल कर उसकी हाथों में यह कहकर दिया कि इसे गिनो अंदर से और पैसा लाता हूं.
अनिल भुजाली को पलंग पर रख कर कुर्सी पर बैठकर रुपया गिनने लगा. तभी मुझे मौका मिला और अपनी जान बचाने के लिए अनिल की गर्दन पर पीछे से एक के बाद एक कई वार उसी के भुजाली से करने लगा. अनिल जमीन पर गिर चुका था और मेरी उंगली भी चोटिल हो चुकी थी, लेकिन अब मुझे लगने लगा कि अनिल उठेगा तो उसकी जान ले लेगा. इसी से मैंने सोच लिया कि अब इस लफड़े को खत्म कर देना चाहिए.
इसके बाद मैंने अनिल का गला उसी भुजाली से रेत दिया. फिर घर के अंदर से प्लास्टिक लाया और उसकी लाश को बांधकर कार के अंदर डाला और शव को जंगल में सुनसान स्थान पर फेंक दिया. फिर वापस अलकापुरी स्थित घर वापस लौटा, पहले कार पर लगे खून के धब्बे को धोया, फिर घर के फर्श, दीवार और कुर्सी पर लगे खून के निशान को धोया ताकि सबूत मिटाया जा सके. फिर कार को लेकर वह सरिया स्थित सरकारी क्वार्टर चला गया और सो गया. उसे लगा कि पुलिस उसे नहीं पकड़ पायेगी.
एफएसएल ने इकट्ठा किया ब्लड स्टेन