इंदौर. बीते 7 सालों से देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में चर्चित इंदौर अब एक और वजह से मशहूर हो रहा है. सेंट्रल इंडिया के इस शहर में ज्यादातर लोग अपने सपनों का घर बनाने की हसरत रखते हैं. इतना ही नहीं हर राज्य की तुलना में इस शहर में हर साल बसाहट की दर 15 परसेंट से भी ज्यादा है. इंदौर को लेकर ऐसे ही कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. इंदौर शहर में अब तक की रिकॉर्ड रजिस्ट्रियां हो रही हैं और इससे होने वाली आय कोई 100 या 500 करोड़ नहीं बल्कि कई हजार करोड़ में पहुंच गई है.
सबसे महंगी प्रॉर्पटी गाइडलाइन के बावजूद रिकॉर्ड रजिस्ट्री
इंदौर जिले के वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक शर्मा के मुताबिक प्रदेश में सर्वाधिक महंगी संपत्ति की गाइडलाइन इंदौर (property guideline indore) में है. इसके बावजूद इस वर्ष यहां 1 लाख 76 हजार संपत्तियों की रजिस्ट्री लोगों ने कराई है. इससे मध्य प्रदेश शासन को 2 हजार 412 करोड़ रु का राजस्व प्राप्त हुआ है. मध्य प्रदेश में इंदौर इकलौता ऐसा शहर है जहां इतनी बड़ी संख्या में हर साल लोग संपत्तियां खरीदते हैं.
महिलाओं के नाम पर भी रिकॉर्ड रजिस्ट्री
प्रॉर्पटी की रजिस्ट्रियों से एक और चौंकाने वाला आंकड़ा महिलाओं से जुड़ा हुआ है. इस साल यहां रजिस्ट्री में 2% छूट के लिए महिलाओं के नाम पर जमकर रजिस्ट्री कराई गईं. कुल रजिस्ट्रियों में से 38 फीसदी रजिस्ट्रियां महिलाओं के नाम पर हुईं. यानी इस साल यहां 34 हजार महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री हुई है.
बाहरी लोगों की इंदौर में ज्यादा प्रॉपर्टी
वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक शर्मा के मुताबिक इंदौर में विभिन्न संपत्तियों की रजिस्ट्री करने वाले अधिकांश लोग बाहरी हैं. यहां प्रॉपर्टी खरीदने वाले लोग अन्य राज्यों व अन्य शहरों से या तो किसी काम के सिलसिले में इंदौर में रह रहे हैं या फिर यहां व्यापार व्यवसाय करने के बाद अपनी संपत्ति बना रहे हैं. उन्होंने बताया कि फिलहाल इंदौर में सर्वाधिक संपत्तियों अथवा प्रॉपर्टी बनाने का क्रेज शहर के सुपर कॉरिडोर क्षेत्र में है. इसके अलावा इंदौर के बाद उज्जैन रोड पर हो रहे तेजी से विकास के चलते सांवेर रोड पर भी लोगों का घर बनाने को लेकर क्रेज नजर आ रहा है.