शहडोल: 16 जनवरी का दिन शहडोल संभाग के लिए बहुत ही यादगार होने जा रहा है, क्योंकि यहां पहली बार इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव का आयोजन होने जा रहा है. जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गई है. शहडोल जिले के इंजीनियरिंग कॉलेज में इस इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव का आयोजन होगा. जिसकी तैयारी में काफी दिनों से प्रशासन लगा हुआ था. अब यह तैयारी भी आखिरी चरण में है. जहां देश भर के उद्योगपतियों का जमावड़ा लगने वाला है.
शहडोल में रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव
शहडोल जिले में 7वां रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव का आयोजन होने जा रहा है. जिसमें पूरे संभाग को लेकर इस कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें शहडोल, अनूपपुर और उमरिया जिले में उद्योग लगाने को लेकर चर्चा होगी. इसे लेकर संभाग में काफी उत्साह का माहौल है. जो इस क्षेत्र के युवा उद्योगपति हैं. उनमें भी एक अच्छा उत्साह देखने को मिल रहा है. इस इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव में शहडोल संभाग के भी कई युवा उद्योगपतियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है.
अब तक कितने का प्रस्ताव ?
शहडोल में होने वाले इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव के लिए अब तक 20 हजार करोड रुपए के निवेश का प्रस्ताव सरकार को मिल चुका है. जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा की. उन्होंने बताया कि उद्योग लगाने के लिए जो निवेशक मध्य प्रदेश में आ रहे हैं. उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होने दी जाएगी. निवेशकों की सुविधा के लिए हर जिले में इन्वेस्टमेंट फैसिलिटेशन सेंटर भी प्रारंभ किए गए हैं.
जिला कलेक्टर को इनका नोडल अधिकारी बनाया गया है. सीएम ने शहडोल में होने जा रहे 7वें रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के अंतर्गत शहडोल, उमरिया और अनूपपुर जिले के उद्योगपतियों के साथ वर्चुअल संवाद भी किया. मुख्यमंत्री ने स्थानीय उद्योगपतियों से संवाद करते हुए प्रदेश की औद्योगिक नीति एवं प्रावधानों और निवेशकों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी दी. प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को प्रोत्साहित करने वाली नीतियां बनाई गई हैं. इसमें मध्य प्रदेश देश में चौथे स्थान पर है."
किन क्षेत्रों में निवेश पर फोकस ?
शहडोल संभाग प्रकृति की गोद में बसा हुआ है. यहां पर खनिज संपदा पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. खनिज संपदा से भरपूर शहडोल जिला भारत के प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्र में से एक है. यहां की भूमि फायर क्ले, मीथेन गैस और अन्य कई महत्वपूर्ण खनिजों का भंडार है. सोहागपुर कोल फील्ड जो एशिया का सबसे बड़ा कोयला भंडारों में से एक है. ऊर्जा उत्पादन और खनन उद्योगों के लिए शहडोल को रणनीतिक महत्व प्रदान करता है. यहां की वन संपदा जैव विविधता और जैविक उत्पाद से वन आधारित उद्योगों और औषधि उत्पादों के क्षेत्र में प्रमुख स्थान बनाती है.
युवाओं को लेकर निर्देश
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शहडोल संभाग के तीनों जिलों के कलेक्टर को ये निर्देश भी दिए हैं कि स्टार्टअप के लिए युवा उद्यमियों को तैयार किया जाए. राज्य सरकार उन्हें स्वरोजगार के लिए हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगी. मोहन यादव ने कहा वर्ष 2025 को प्रदेश में उद्योग वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है. इसी वर्ष फरवरी माह में भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट होने जा रहा है. इसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.
अब तक कहां कितना निवेश ?
शहडोल में जो रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है, ये प्रदेश में सातवां रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव है. इससे पहले 6 और संभागों में रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा चुका है. प्रदेश की पहली आरआईसी उज्जैन में 1 और 2 मार्च को हुई. जिसमें 1 लाख करोड़ का निवेश प्रस्ताव हासिल हुआ. दूसरी आरआईसी 20 जुलाई को जबलपुर में हुई. जिसमें 22 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए.
- शहडोल में 20 हजार करोड़ की धनवर्षा, रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से ठीक पहले निवेशकों ने भेजा प्रस्ताव
- आदिवासियों के बीच पहुंच रहे देशभर के धनकुबेर, शहडोल में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव
इसी क्रम में 28 अगस्त को ग्वालियर में तीसरी आरआईसी हुई, जिसमें 8 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए. चौथी आरआईसी सागर में 27 सितंबर को हुई, जिसमें 23 हजार 181 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए. पांचवी आरआईसी रीवा में 23 अक्टूबर को हुई, जिसमें 30 हजार 814 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए. प्रदेश की 6वीं आरआईसी नर्मदापुरम में 7 दिसंबर 2024 को हुई, जिसमें 31 हजार 800 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए.