मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

DAVV में दीक्षांत समारोह से एक दिन पहले Phd स्टूडेंट्स ने फंसाया पेच, रखी अपनी ये डिमांड - Indore DAVV Convocation - INDORE DAVV CONVOCATION

इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में हीरक जयंती पर होने पर होने वाला दीक्षांत समारोह विवादों में आ गया है. पीएचडी के स्टूडेंट्स राष्ट्रपति से ही डिग्री लेने पर अड़े हैं. जबकि राष्ट्रपति भवन से इसकी अनुमति नहीं मिली है.

Indore DAVV Convocation
इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में पीएचडी छात्रों ने रखी मांग (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 17, 2024, 4:49 PM IST

इंदौर।देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) में 19 सितंबर को हीरक जयंती के मौके पर होने वाले दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल होने वाली हैं. कार्यक्रम की तैयारियां अंतिम चरण में है. वहीं, दीक्षांत समारोह को लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन और पीएचडी छात्रों के बीच विवाद की स्थिति बन गई है. पीएचडी छात्र डीएवीवी के ऑडिटोरियम हॉल में मंगलवार को कार्यक्रम की रिहर्सल के लिए पहुंचे. रिहर्सल के दौरान पीएचडी के छात्रों और विश्वविद्यालय प्रबंधन के बीच विवाद होने लगा.

डीएवीवी की कुलपति डॉ. रेणु जैन (ETV BHARAT)

कार्यक्रम में 1 घंटा 10 मिनट रहेंगी राष्ट्रपति

पीएचडी छात्रों द्वारा कहा गया कि उन्हें राष्ट्रपति के हाथों से ही पीएचडी की डिग्री प्रदान की जाए. वहीं, विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि राष्ट्रपति के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार केवल गोल्ड और सिल्वर मेडल वाले छात्रों को ही पदक प्रदान की जाएंगे. कार्यक्रम के लिए राष्ट्रपति कार्यालय से 1 घंटे 10 मिनट की अनुमति प्रदान की गई है. जिसमें सभी को उपाधि दी जाना संभव नहीं है. दीक्षांत समारोह में 46 छात्रों को स्वर्ण और रजत पदक दिए जाने हैं. वहीं 137 छात्रों को उपाधि प्रदान की जानी है.

ये खबरें भी पढ़ें...

इंदौर के DAVV में राष्ट्रपति के दौरे की तैयारियां जोरों पर, रिहर्सल कर जांची तैयारियां

एमपी में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर तय करेगा प्राइवेट कॉलेजों की कोर्स फीस, बड़ा अपडेट

राष्ट्रपति भवन ने दिया समय की कमी का हवाला

कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोपहर 3 बजे शामिल होंगी. पीएचडी छात्रों का कहना है कि अगर उन्हें राष्ट्रपति के हाथों या अतिथि के हाथों उपाधि प्रदान नहीं की जाती तो कार्यक्रम का बहिष्कार करेंगे. ऐसे में विश्वविद्यालय प्रबंधन बीच का रास्ता निकालने में जुटा हुआ है. विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा पीएचडी स्कॉलर छात्रों को समय की कमी का हवाला देते हुए समझाने की कोशिश की जा रही है. वहीं पीएचडी स्कॉलर छात्रों का कहना है कि उन्हे राष्ट्रपति के हाथों नहीं तो कुलाधिपति या उच्च शिक्षा मंत्री के हाथों से उपाधि प्रदान कराई जाए. इस मामले में डीएवीवी की कुलपति डॉ. रेणु जैन का कहना है "राष्ट्रपति भवन से मिले कार्यक्रम के अनुसार सभी को महामहिम उपाधि नहीं दे पाएंगी."

ABOUT THE AUTHOR

...view details