हरदा: जिले के जामनिया ढाना के निवासी आजादी के 7 दशक बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. यहां के लोगों को करीब 2 किलोमीटर दूर से पीने का पानी लेने जाना पड़ता है. इलाके में मात्र एक जगह ग्रामीणों को पीने योग्य पानी नसीब हो रहा है. ऐसे में हैंडपंप पर पानी भरने के लिए पूरे दिन लोगों की भीड़ जमा रहती है. कभी-कभी पानी लेने के लिए आपस में झड़प भी हो जाती है. स्थानीय निवासी गांव में पानी की सुविधा के लिए जनप्रतिनिधियों और अफसरों से कई बार शिकायत कर चुके हैं. लेकिन प्रशासन की ओर से लगातार आश्वासन ही मिलते रहे हैं. ग्रामीण अब अपनी मांग को लेकर आंदोलन करने को मजबूर हैं.
गांव में रहते हैं सैकड़ों परिवार
खिरकिया ब्लॉक के जामनिया ढाना गांव में लगभग 300 परिवारों के 1200 लोग रहते हैं. यह आदिवसी बहुल गांव मूलभूत सुविधा से कोसों दूर है. यहां की महिलाओं को पीने का पानी लाने के लिए 2 किलोमीटर दूर से सिर पर लादकर लाना पड़ता है. हैंडपंप पर पानी भरने के लिए लंबी कतार लग जाती है, जिस कारण हमेशा एक दूसरे से विवाद होता है.
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महिलाओं ने दी आंदोलन की चेतावनी
कई ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार की जल जीवन योजना के तहत जिले के लगभग सभी गांवों में जल पहुंचाने के लिए कमिश्नर कलेक्टर लगातार निर्देश दे रहे हैं. लेकिन संबंधित विभाग ने इस गांव में योजना के क्रियान्वयन को लेकर कोई रुचि नहीं दिखाई. इसी वजह से लोगों को पानी जैसी मूलभूत सुविधा के लिए भटकना पड़ रहा है. स्थानीय निवासी अनिता बाई ने कहा, " हमारे यहां पानी की बहुत दिक्कत है, मैं दो किलोमीटर दूर से पानी लाती हूं. गर्मी में हमारे यहां बिल्कुल भी पानी की व्यवस्था नहीं रहती है. दस साल हमारी शादी को हो गई है, लेकिन आज भी मुझे बहुत दूर दराज से पानी लाना पड़ता है. यहां के लोगों में पानी पहले लेने को लेकर आपस में बहुत झगड़े होते हैं. यदि हमारे यहां पानी की व्यवस्था नहीं हुई तो हम कलेक्टर ऑफिस का घेराव करेंगे."
इस मामले में पीएचई के अधिकारी पवनसूत गुप्ता ने कहा, " इस गांव में नल जल योजना के लिए आवेदन दिया गया है, जैसे ही योजना की मंजूरी मिलेगी काम शुरू कर दिया जाएगा."