भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश में मकर संक्रांति से 28 जनवरी तक प्रदेश के हर गांव और शहर में आनंद उत्सव मनाने का ऐलान किया है. साथ ही सीएम ने अपील की है कि सभी प्रदेशवासी इस उत्सव से जुड़ें और दूसरों के जीवन में भी खुशियां बिखेरें. सीएम ने सभी प्रदेशवासियों से इस उत्सव से जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि परंपराओं और संस्कृति का संरक्षण राज्य सरकार का प्रण है.
जीवन को परिपूर्ण बनाने के लिए आनंद जरूरी : सीएम
सावन उत्सव की तरह अब मकर संक्राति से पूरे मध्यप्रदेश में आनंद उत्सव मनाया जाएगा. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, '' लोक-संस्कृति में रची-बसी गतिविधियों का सामुदायिक स्तर पर संचालन जीवन में आनंद का संचार करता है. इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए संपूर्ण प्रदेश में आनंद उत्सव का आयोजन किया जा रहा है.'' सीएम ने आगे कहा, '' नागरिकों की मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक उन्नति और प्रसन्नता, प्रदेश के विकास और खुशहाली के लिए आवश्यक है. आधारभूत आवश्यकताओं व अधोसंरचना की उपलब्धता के साथ आनंद और प्रसन्नता का संचार जीवन को परिपूर्ण बनाने के लिए जरूरी है.''
" आनंद उत्सव 2025"
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) January 14, 2025
आज से 28 जनवरी तक गाँव-गाँव, घर-घर में होगा उत्सव का वातावरण; चारों ओर बिखरेंगी खुशियाँ, हर चेहरे पर होगी मुस्कान।
आप भी इस उत्सव से जुड़कर अपने साथ-साथ दूसरों के जीवन में भी आनंद के रंग भरिये।@anandminmp #AnandUtsav2025 pic.twitter.com/bktdgMGC3B
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, '' सांस्कृतिक आयोजन तथा खेल, व्यक्ति की मानसिक-शारीरिक और भावनात्मक सकुशलता बढ़ाने के मुख्य कारक हैं. इसलिए आनंद उत्सव का आयोजन इन्हीं तथ्यों के आधार पर किया जा रहा है. इसके अंतर्गत होने वाली गतिविधियां, भारतीय परम्परा में आनंद की अवधारणा पर केन्द्रित होंगी. आनंद उत्सव की मूल भावना प्रतिस्पर्धा नहीं सहभागिता है.
एमपी के आनंद उत्सव में क्या होगा?
आनंद उत्सव में प्रमुख रूप से स्थानीय तौर पर प्रचलित परंपरागत खेल-कूद जैसे कबड्डी, खो-खो, बोरा रेस, पिठ्ठू, सितोलिया, लेमन रेस आदि होंगे. सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत लोक संगीत, नृत्य, गायन, भजन, कीर्तन, नाटक व स्थानीय स्तर पर तय अन्य कार्यक्रम आयोजित होंगे. आनंद उत्सव का आयोजन इस तरह होगा, जिससे गतिविधियों में समाज के सभी वर्गों जैसे महिला-पुरुष, सभी आयु वर्ग के नागरिक, दिव्यांग आदि शामिल हो सकें. उत्सव में 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के महिला, पुरुषों, दिव्यांगों और बुजुर्गों की विशेष सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए उनके अनुकूल गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा. उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया जाएगा.
शासकीय अमले के साथ स्वयंसेवी संस्थाएं भी शामिल
14 जनवरी से 28 जनवरी तक करीब 15 दिन चलने वाले आनंद उत्सव का आयोजन राज्य आनंद संस्थान और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के तत्वाधान में किया जा रहा है. इसमें स्वयंसेवी संस्थाएं, जन-प्रतिनिधि और राज्य आनंद संस्थान के स्वयं-सेवक भी सक्रिय सहभागिता करेंगे. इसके साथ ही आनंद उत्सव के आयोजन में ग्राम स्तर पर पंचायतें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. जनपद, अनुविभाग और जिलास्तर पर अधिकारियों को आवश्यक समन्वय का दायित्व सौंपा गया है.
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