शिमला: राजधानी के उपनगर संजौली में मस्जिद में हुए अवैध निर्माण से उपजे विवाद के बीच स्ट्रीट वेंडिंग को लेकर बनी विधानसभा की कमेटी की पहली बैठक आज होगी. हिमाचल प्रदेश विधानसभा में ये मीटिंग आज दोपहर बाद 3 बजे होगी. कमेटी के अध्यक्ष और उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान मीटिंग की अगुवाई करेंगे. कमेटी की पहली बैठक हो रही है. संजौली में मस्जिद विवाद सामने आने के बाद विधानसभा स्पीकर कुलदीप पठानिया ने कमेटी का गठन किया था.
कमेटी में कौन-कौन है ?
इसमें विपक्ष की तरफ से ऊना सदर के एमएलए और बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती, मंडी सदर के एमएलए अनिल शर्मा व श्री नैना देवी जी से एमएलए रणधीर शर्मा भी शामिल हैं. सात सदस्यीय कमेटी में मंत्री अनिरुद्ध सिंह और विक्रमादित्य सिंह के अलावा शिमला शहरी के विधायक हरीश जनारथा भी शामिल हैं. ये कमेटी हिमाचल में तहबाजारी के जरिये कारोबार कर रहे लोगों के लिए नियम बनाएगी. कमेटी की रिपोर्ट कैबिनेट में रखी जाएगी. विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने 20 सितंबर को कमेटी अधिसूचित की थी.
7 सदस्यीय कमेटी स्ट्रीट वेंडर्स को लेकर बनाएगी नियम (नोटिफिकेशन) क्यों पड़ी कमेटी की जरूरत ?
हिमाचल प्रदेश में संजौली के मल्याणा में एक झगड़ा होने के बाद मामला तूल पकड़ गया. मुस्लिम समुदाय के दुकानदारों व स्थानीय कारोबारी के बीच मारपीट के मामले ने इस कदर तूल पकड़ा कि पूरे प्रदेश में मस्जिदों में अवैध निर्माण को लेकर हिंदू संगठनों का आक्रोश बढ़ गया. संजौली में 11 सितंबर को जोरदार प्रदर्शन हुआ, जिसमें लाठीचार्ज करना पड़ा. इससे पहले हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने मल्याणा में हुई मारपीट का मामला उठाया और चिंता जताई कि बाहरी राज्यों से आ रहे लोगों के कारण माहौल बिगड़ रहा है. उनका पंजीकरण ही नहीं है. कैबिनेट मंत्री ने तो यहां तक कहा कि क्या बाहर से आने वाले ये लोग रोहिंग्या तो नहीं? उसके बाद सदन में स्थानीय विधायक व कैबिनेट मंत्री के बयान विरोधाभासी लगने लगे.
अनिरुद्ध सिंह ने संजौली में मस्जिद में हुए अवैध निर्माण पर भी सवाल उठाए और अपनी ही सरकार से मांग कर डाली कि मस्जिद का अवैध निर्माण गिराया जाए. तब सदन में स्ट्रीट वेंडर्स के लिए कमेटी के गठन की बात हुई और इसे लेकर नीति तैयार करने की जरूरत महसूस की गई. पूरे प्रदेश में हुए प्रदर्शनों में स्थानीय लोगों ने भी बाहर से आए लोगों की पहचान करने की मांग की है.
हाई कोर्ट में भी है वेंडिंग जोन से जुड़ा मामला
इसी तरह का एक मामला हाई कोर्ट में भी चल रहा है. ये मामला लोअर बाजार शिमला में वेंडिंग जोन को लेकर है. हाई कोर्ट ने शिमला के लोअर बाजार में वेडिंग कमेटी गठित किये बिना तहबाजारी की अनुमति पर सवाल उठाए थे. अलबत्ता ये मामला अलग है. लोअर बाजार में तहबाजारी के कारण रास्ता संकरा होने से एम्बुलेंस व फायर की गाड़ी निकलने में मुश्किल आती है. इस पर हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी. उस मामले में अदालत ने पिछले साल नगर निगम शिमला के कमिश्नर को वेंडिंग कमेटी बनाने के आदेश दिए थे.
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