ऊना: जिला ऊना में एक शराब कारोबारी के साथ करोड़ों के घोटाले का मामला सामने आया है. पुलिस ने शराब कारोबारी की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है और मामले की छानबीन शुरू कर दी है.
लोन दिलाने के नाम पर की पैसों की मांग
पुलिस को दी शिकायत में शराब कारोबारी अनिल डोगरा ने बताया कि साल 2016-17 में उनका कारोबार खराब दौर से गुजर रहा था, जिसके चलते उन्हें कर्ज लेने की जरूरत पड़ी थी. कर्ज के लिए उन्होंने सभी सरकारी, गैर सरकारी बैंकों और फाइनेंस कंपनियों से भी संपर्क किया. इसी बीच उनकी मुलाकात कोटा की फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी दिनेश गुप्ता के साथ हुई. दिनेश ने अपने एक अन्य साथी सचिन भटनागर को उसके साथ फाइनेंस कंपनी के निदेशक के रूप में मिलवाया. इसके बाद उन्होंने 200 करोड़ रुपए का लोन देने की हामी भी भरी. जिसके लिए वो प्रोसेसिंग फीस के रूप में उनसे लगातार पैसों की मांग करने लगे. दोनों आरोपी उन्हें जाली दस्तावेज भेज-भेज कर अपने जाल में फंसाते रहे. इसके बाद सचिन भटनागर ने उसे 600 करोड़ का लोन दिलवाने का आश्वासन दिया और पैसों की मांग की.
4 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी को दिया अंजाम
अनिल डोगार ने बताया कि साजिश के तहत सचिन भटनागर ने अपने तीन अन्य साथियों रवि जुनेजा, संजीव मल्होत्रा और उमाशंकर से मुझे मिलवाया. कुछ समय के बाद इन तीनों लोगों ने बताया कि सचिन भटनागर की एक सड़क हादसे में मौत हो चुकी है. इसके बाद इन तीनों लोगों ने लोन दिलवाने के नाम पर मुझसे पैसे लेने का काम शुरू कर दिया. इनमें से उमाशंकर ने अपने आप को नामी फाइनेंस कंपनी का निदेशक बताकर लगातार लोन के नाम पर पैसे लिए. साल 2021 में उमाशंकर और अन्य लोगों ने मुझसे से बातचीत करना भी बंद कर दिया. आरोपियों ने लोन देने के नाम पर मुझसे 4 करोड़ 21 लाख 54 हजार 812 रुपए की राशि अभी तक ठगी है, लेकिन अब न तो उनका लोन सेंक्शन नहीं हो पा रहा है और न ही उनकी रकम वापस की जा रही है.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि, "पुलिस ने अनिल कुमार डोगरा की शिकायत के आधार पर सचिन भटनागर और दिनेश गुप्ता के खिलाफ केस दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है. शिकायत में बताए गए अन्य लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी, ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके."