हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

कभी पहुंचे अयोध्या राम मंदिर, कभी पीएम मोदी की तारीफ, पहले भी सुर्खियों में रहे हैं विक्रमादित्य सिंह - Vikramaditya Singh - VIKRAMADITYA SINGH

Vikramaditya Singh : छोटे से पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह इन दिनों सुर्खियों में हैं. वैसे ये पहली बार नहीं है जब मीडिया के कैमरे उनपर पड़े हों. इससे पहले भी उनके कई बयान और उनके उठाए कदम उन्हें चर्चा में लाते रहे हैं.

विक्रमादित्य सिंह
विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh Social Media)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 26, 2024, 7:44 PM IST

शिमला: बीते दो दिन से मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक हिमाचल छाया हुआ है. चर्चा है विक्रमादित्य सिंह के उस बयान की जिसमें उन्होंने कहा कि यूपी की तरह हिमाचल में दुकानदार या रेहड़ी-फड़ी वालों को आइडी लगानी होगी. बयान के बाद हिमाचल से लेकर दिल्ली तक के सियासी गलियारों में मानो उबाल आ गया. चर्चा होने लगी कि क्या कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश की राह पर चल निकला है ? विक्रमादित्य सिंह इसपर सफाई भी दे चुके हैं लेकिन अखबार और टीवी चैनलों की महफिल वो लूट चुके हैं. वैसे ये पहली बार नहीं है जब हिमाचल प्रदेश जैसे छोटे से पहाड़ी राज्य के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सुर्खियां बटोरी हों. इससे पहले भी वो कई बार अपने बयानों से लेकर एक्शन तक से मीडिया की हेडलाइंस में रहे हैं.

बाहरियों को लेकर रुख

सबसे पहले ताजा मुद्दे की ही बात करते हैं. विक्रमादित्य सिंह ने साफ कहा है कि बाहर से कई लोग हिमाचल में काम करते हैं. खासकर उनका इशारा रेस्टोरेंट या खाने-पीने का सामान बेचने वाले रेहड़ी-फड़ी की ओर है. विक्रमादित्य सिंह ने साफ कहा है कि हिमाचल में रेहड़ीधारको, भोजनालय और फास्टफूड रेहड़ी पर ओनर की ID लगाई जाएगी, ताकि लोगों को किसी भी तरीक़े की परेशानी न हो. इस बयान के बाद हिमाचल की तुलना यूपी सरकार से होने लगी.

हिमाचल सरकार में कैबिनेट मंत्री है विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh Social Media)

वक्फ बोर्ड और मस्जिद का अवैध हिस्सा

कुछ दिन पहले ही हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक मस्जिद के अवैध निर्माण का मसला सुर्खियों में रहा. इस मुद्दे पर सड़क से लेकर विधानसभा तक हंगामा हुआ. मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग करते हुए आम लोगों ने प्रदर्शन किया और सरकार के मंत्रियों ने भी इसका समर्थन किया. इन मंत्रियों में विक्रमादित्य सिंह भी शामिल थे. विक्रमादित्य सिंह ने साफ कहा कि कानून के हिसाब से कार्रवाई होगी और कोर्ट का फैसला आने पर अवैध निर्माण गिराया जाएगा. इसके साथ ही वक्फ बोर्ड को लेकर देशभर में हो रही बहस पर भी विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि बदलते वक्त के साथ सुधार की जरूरत है.

जय श्री राम के नारे

जय श्री राम के नारों को लेकर पिछले कई दशकों से देशभर में सियासत होती रही है. सियासी गलियारों में इस नारे पर भले बीजेपी का कॉपीराइट माना जाता हो लेकिन विक्रमादित्य सिंह खुलकर इस नारे को बोलते हैं और सोशल मीडिया पर उनकी लगभग हर पोस्ट में जय श्री राम लिखा होता है. शुरुआत में इसे लेकर सियासी वार-पलटवार भी हुआ लेकिन वो कई बार साफ कर चुके हैं कि वो देवभूमि हिमाचल से ताल्लुक रखते हैं और भगवान राम सबके हैं. इस हिसाब से श्री राम या उनके नारे पर किसी एक का नहीं बल्कि सबका हक है. वो कह चुके हैं कि उन्हें किसी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है.

हिंदुत्व के मुद्दे पर खुलकर बोलते हैं

इसी तरह विक्रमादित्य सिंह हिंदुत्व के मसले पर भी खुलकर अपनी राय रखते हैं. इस मुद्दे को भी बीजेपी सालों से भुनाती रही है और कांग्रेस को हिंदुत्व विरोधी बताती रही है. लेकिन इसके उलट विक्रमादित्य सिंह इस मसले पर खुलकर बोलते हैं. जो कई बार सियासी गलियारों से लेकर अखबार और मीडिया चैनल्स में खूब सुर्खियां बटोरता है.

दूसरी बार विधायक बने हैं विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh Social Media)

पीएम मोदी की तारीफ

विक्रमादित्य सिंह कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी कर चुके हैं. अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने को लेकर उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ की थी और प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण मिलने पर आभार भी जताया था. विक्रमादित्य सिंह हिमाचल के PWD मिनिस्टर हैं और वो कई बार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की भी तारीफ कर चुके हैं. इसे लेकर विक्रमादित्य सिंह कहते हैं कि जिसने अच्छा काम किया है उसकी तारीफ करेंगे फिर चाहे वो किसी भी दल का हो.

विक्रमादित्य सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शिरकत की थी (Vikramaditya Singh Social Media)

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पहुंचे

इसी साल 22 जनवरी 2024 को विक्रमादित्य सिंह अयोध्या भी गए और राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए थे. वो हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के इकलौते चेहरे थे जिन्हें इस कार्यक्रम का निमंत्रण मिला था. वैसे न्योता कांग्रेस आलाकमान को भी मिला था लेकिन पार्टी अध्यक्ष समेत बड़े नेताओं ने वहां जाने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद देशभर के कांग्रेसी पार्टी लाइन के साथ हो लिए लेकिन विक्रमादित्य सिंह ने कार्यक्रम में शिरकत की, उस वक्त भी अयोध्या में उनकी उपस्थिति ने खूब सुर्खियां लूटी थीं.

सोनियां गांधी के साथ विक्रमादित्य सिंह और उनकी माता प्रतिभा सिंह (Vikramaditya Singh Social Media)

मंत्री पद से दिया था इस्तीफा

साल 2024 की शुरुआत में हिमाचल में राज्यसभा चुनाव के दौरान सस्पेंस और थ्रिल से लबरेज जो पॉलिटिकल ड्रामा हुआ. उस वक्त भी विक्रमादित्य सिंह सुर्खियों में आ गए. दरअसल तब कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग करने के बाद बीजेपी उम्मीदवार की जीत हो गई. इन विधायकों ने सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया था. इसी बीच विक्रमादित्य सिंह ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि उनके पिता स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की प्रतिमा के लिए हिमाचल सरकार यानी उनकी अपनी सरकार जमीन नहीं दे रही. हालांकि मान मनौव्वल के दौर के बाद वो मान गए थे.

नितिन गडकरी की तारीफ कर चुके हैं विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh Social Media)

बीजेपी में जाने की अटकलें

मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया कि लोकसभा चुनाव से पहले विक्रमादित्य सिंह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. मीडिया में खूब चर्चा हुई कि इसे लेकर बीजेपी के शीर्ष और केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात भी हो चुकी है. ये वो वक्त था जब राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद हिमाचल की सुखविंदर सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे थे और विक्रमादित्य सिंह के इस्तीफे को देखते हुए कई सियासी पंडित उनके पाला बदलने के साथ-साथ हिमाचल में कांग्रेस की सरकार गिरने की भविष्यवाणी भी कर रहे थे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.

मंडी लोकसभा सीट से कंगना के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार थे विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh Social Media)

कंगना पर तीखे हमले किए

बीते लोकसभा चुनाव के दौरान हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट पर देशभर की नजरों में आ गई. पहले बीजेपी ने यहां से बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत को मैदान में उतारा और फिर कांग्रेस ने विक्रमादित्य सिंह को टिकट देकर मुकाबला दिलचस्प बना दिया था. इस दौरान करीब दो महीने तक कंगना और विक्रमादित्य सिंह के बीच ऐसे जुबानी हमले हुए जैसे हिमाचल के सियासी इतिहास में कभी नहीं हुए थे. विक्रमादित्य सिंह ने कंगना के पुराने ट्वीट का हवाला देते हुए बीफ खाने के आरोप लगाए और उसे हिमाचल की देव संस्कृति से जोड़ दिया.

सोशल मीडिया पर एक्टिव

विक्रमादित्य सिंह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. चुनावी दौरे हों या फिर किसी क्षेत्र का दौरा या फिर किसी मुद्दे पर अपनी राय रखना हो. सोशल मीडिया पर पोस्ट या कमेंट करने पर भी वो कई बार यूजर्स के निशाने पर आए हैं. उनकी सोशल मीडिया पोस्ट कई बार खबरें भी बन चुकी हैं. विक्रमादित्य सिंह सोशल मीडिया पर अपनी बेबाक राय रखते हैं. फेसबुक पर उनके 3.84 लाख और इंस्टाग्राम पर 1.85 लाख फॉलोअर्स हैं.

कुल मिलाकर विक्रमादित्य सिंह कई मौकों पर ऐसे मुद्दों पर बेबाक बयानबाजी कर देते हैं जो पार्टी लाइन से अलग होते हैं. इसे लेकर वो हमेशा सुर्खियों में आ जाते हैं. विक्रमादित्य सिंह हिमाचल की सियासत का युवा चेहरा हैं. वो साल 2017 में शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने और साल 2022 में दूसरी बार विधानसभा पहुंचे. तब उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया. विक्रमादित्य सिंह हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे हैं. जो 6 बार हिमाचल के मुख्यमंत्री, कई बार विधायक, मंडी से सांसद, केंद्रीय मंत्री, नेता विपक्ष और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. विक्रमादित्य सिंह की मां प्रतिभा सिंह हिमाचल कांग्रेस की मौजूदा अध्यक्ष हैं. वो भी मंडी लोकसभा सीट से 3 बार सांसद रह चुकी हैं. वीरभद्र सिंह के निधन के बाद उनकी की सियासत की विरासत बेटे विक्रमादित्य सिंह के हाथ में है.

ये भी पढ़ें:100 करोड़ से अधिक संपत्ति के मालिक विक्रमादित्य सिंह के एक बैंक खाते में 123 रुपये, रामपुर के बैंक में 828 रुपये

ये भी पढ़ें:विक्रमादित्य सिंह 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति के मालिक, घरेलू विवाद सहित 14 आपराधिक मामले भी हैं दर्ज

ये भी पढ़ें: यूपी की तर्ज पर हिमाचल में रेहड़ी फड़ी वालों को नाम और आईडी लगानी पड़ेगी: विक्रमादित्य सिंह

ABOUT THE AUTHOR

...view details