शिमला: हिमाचल के चर्चित राज्यसभा चुनाव मामले में हाईकोर्ट ने सोमवार को भाजपा नेता हर्ष महाजन के आवेदन को खारिज कर दिया. हर्ष महाजन के निर्वाचन को कांग्रेस नेता और यहां से राज्यसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी रहे अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका के जरिए चुनौती दी थी. सिंघवी की याचिका के बाद हर्ष महाजन ने भी एक आवेदन दाखिल किया था और अदालत से आग्रह किया था कि उक्त याचिका मैंटेनेबल नहीं है. हर्ष महाजन के इसी आवेदन को न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ ने खारिज कर दिया है.
हर्ष महाजन केस में एडवोकेट विक्रांत ठाकुर ने कहा, "अभिषेक मनु सिंघवी ने हर्ष महाजन के निर्वाचन को याचिका के माध्यम से चुनौती दी थी. इसी केस में हर्ष महाजन ने सिंघवी की याचिका को डिस्मिस करने का आग्रह किया था. विक्रांत ठाकुर के अनुसार राज्यसभा चुनाव के दौरान परिणाम की प्रक्रिया को लेकर दोनों ही प्रत्याशियों ने हामी भरी थी. परिणाम पर्ची सिस्टम यानी ड्रॉ ऑफ लॉट्स के जरिए घोषित हुआ था. हर्ष महाजन राज्यसभा के लिए निर्वाचित हो गए. बाद में अभिषेक मनु सिंघवी ने हर्ष महाजन के निर्वाचन में पर्ची सिस्टम को चुनौती देने से जुड़ी याचिका दाखिल की थी. उसी याचिका को लेकर हर्ष महाजन की तरफ से अलग से आवेदन दाखिल किया गया था".
विक्रांत ठाकुर ने कहा कि आवेदन में कहा गया था कि चुनाव में दोनों ही पक्षों की कंसेंट दो बार ली गई थी. उन्होंने कहा कि आवेदन खारिज होने को लेकर आगे चुनौती देनी है या नहीं, ये हर्ष महाजन डिसाइड करेंगे. विक्रांत ठाकुर ने बताया कि हाईकोर्ट ने उपरोक्त आवेदन को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने अब सिंघवी की याचिका का जवाब दाखिल करने के लिए हर्ष महाजन को दो सप्ताह का समय दिया है. इस तरह मुख्य याचिका पर सुनवाई जारी रहेगी.