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डिपुओं में नहीं मिल रहा सरसों का तेल, बाजार से ₹200 लीटर तेल खरीदने को मजबूर लोग

हिमाचल प्रदेश में इस महीने डिपुओं में लोगों को सरसों का तेल नहीं मिल रहा है. जिससे लोगों की जेब पर असर पड़ रहा है.

HIMACHAL DEPOT MUSTARD OIL CRISIS
डिपुओं में सरसों का तेल खत्म (ETV Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 10, 2024, 11:14 AM IST

Updated : Nov 10, 2024, 12:09 PM IST

शिमला:हिमाचल प्रदेश में कमर तोड़ महंगाई के बीच लोगों को सस्ते राशन के डिपुओं में भी राहत नहीं मिल रही है. प्रदेश भर के 4500 से अधिक डिपुओं में उपभोक्ताओं को इस महीने सरसों के तेल का कोटा नहीं मिल रहा है. जिसके चलते लाखों उपभोक्ताओं को सरसों के तेल के बिना ही डिपुओं से खाली हाल वापस लौटना पड़ रहा है. पिछले महीने फेस्टिव सीजन में ज्यादा खर्च होने के चलते पहले ही लोगों की जेब टाइट है. ऐसे में डिपुओं में तेल का कोटा न मिलने से लोगों की जेब पर और असर पड़ रहा है.

बाजार से तेल खरीदने को लोग मजबूर

वहीं, डिपुओं में तेल का कोटा कब तक उपलब्ध होगा, इस बात की भी उपभोक्ताओं को कोई जानकारी नहीं मिल रही है. इस तरह से डिपुओं में सरसों के तेल का संकट होने के कारण लोग बाजार से 200 रुपए लीटर तेल खरीदने को मजबूर हैं. हालात ये है कि मंडी समेत अन्य जिलों में तो उपभोक्ताओं को पिछले कई महीने भी डिपुओं में सरसों का तेल उपलब्ध नहीं हुआ था. जिससे अब उपभोक्ताओं की मुश्किलें और बढ़ गई हैं.

डिपुओं में इन श्रेणियों को इस भाव मिलेगा तेल

वहीं, बाजार में अब तेल की कीमतें आसमान छूने लगी हैं. हिमाचल सरकार एक राशन कार्ड पर अधिकतम दो लीटर सरसों का तेल देती है. इसमें वर्तमान में एपीएल और बीपीएल उपभोक्ताओं को 123 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से सरसों का तेल उपलब्ध कराया जा रहा है. वहीं, टैक्स पेयर कार्ड धारकों को यही सरसों का तेल 129 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से दिया जा रहा है. पिछले महीने त्योहारी सीजन में सरकार ने उपभोक्ताओं को डिपुओं में जाकर जरूरत के मुताबिक सरसों का तेल खरीदने की सुविधा भी दी थी, लेकिन सरकार का ये दावा कुछ ही दिनों में हवा हो गया था.

हर महीने 34 लाख लीटर तेल की खपत

हिमाचल प्रदेश में कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19 लाख 65 हजार 589 है. जो 4500 से अधिक डिपुओं के जरिए सस्ते राशन की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. उचित मूल्यों की दुकानों के जरिए उपभोक्ताओं को आटा, चावल, तीन अलग-अलग किस्म की दालें, सरसों का तेल और नमक बाजार से सस्ते रेट पर उपलब्ध करवाया जाता है. महंगाई के कारण डिपुओं में सरसों के तेल की अधिक मांग रहती है. सरसों के तेल के कोटे को कोई भी उपभोक्ता नहीं छोड़ता है. ऐसे में प्रदेश में हर महीने डिपुओं में 34 लाख लीटर तेल की खपत होती है. जिस पर सरकार सब्सिडी के तौर पर लाखों रुपए खर्च करती है.

डिपो पर बैकलॉग कोटा मिलेगा महंगा

जिन परिवारों को पिछले महीने तेल का कोटा नहीं मिल पाया था, वो इस महीने मिलेगा. सरकार के इस फैसले के बाद भी प्रदेशभर के हजारों राशन कार्ड धारकों को बैकलॉग तेल की खुशी महंगी मिलेगी. ऐसा इसलिए कि जुलाई महीने में डिपुओं के जरिए उपभोक्ताओं को 110 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से सरसों का तेल दिया गया था, लेकिन अब कीमतें बढ़ने के बाद इस महीने डिपुओं में सरसों का तेल 123 रुपये प्रति लीटर मिलेगा. जिसके कारण हजारों परिवारों को पिछले महीने के सरसों के तेल का कोटा लेने पर 13 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी. यानी जिन परिवारों को पिछले महीने तेल का कोटा नहीं मिला था, अगर वो इस महीने लेते हैं तो उन्हें नई दरों के हिसाब से 123 रुपये प्रति लीटर चुकाने पड़ेंगे.

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Last Updated : Nov 10, 2024, 12:09 PM IST

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