शिमला: राजनीति में सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता बेशक एक-दूसरे पर जमकर तीखे वार करते हैं, लेकिन कई बार ऐसे हल्के-फुल्के क्षण भी आते हैं, जब अचानक सबके चेहरे पर हंसी खिल उठती है. विधानसभा में कई बार ऐसे पल आते हैं. एक दिन के अवकाश के बाद सोमवार को हिमाचल विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो प्रश्नकाल के दौरान खुशनुमा माहौल देखने को मिला.
दरअसल, विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान करुणामूलक आधार पर नौकरियों से जुड़ा सवाल आया था. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अनुपस्थिति में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान जवाब दे रहे थे. मूल सवाल डॉ. भरमौर के एमएलए जनक राज और सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा का था. इसी बीच, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी अनुपूरक सवाल पूछना चाहा. स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने जब जयराम ठाकुर का नाम पुकारा तो गलती से वे मुख्यमंत्री बोलने लगे थे.
स्पीकर के मुख से माननीय मुख्य शब्द ही निकला था कि उन्होंने तत्परता से स्थिति को संभालते हुए माननीय मुख्यमंत्री की जगह माननीय नेता प्रतिपक्ष कहा. इस पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर अपनी सीट से उठे और कहने लगे-आपके मुंह से अच्छा लग रहा था ये सुनकर. स्पीकर कुलदीप पठानिया ने भी हाजिर जवाबी से कहा-पूर्व मुख्यमंत्री महोदय.
नेता विपक्ष जयराम ठाकुर: जो पहले बोला था, वो ज्यादा अच्छा लग रहा था.
स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया:(खिलखिलाते हुए) वो को आप रह लिए पांच साल. अभी तो 27 के बाद है. (स्पीकर का आशय वर्ष 2027 था)
जयराम ठाकुर: चलिए, वो भी होगा. इसी बीच, भाजपा विधायक विनोद कुमार भी स्पीकर की तरफ देखते हुए हंसते हुए कहने लगे कि इसका मतलब है कि आपको भी विश्वास है कि ऐसा होगा.
कुलदीप पठानिया: लोग डिसाइड करेंगे न लोग. यानी कौन सत्ता में आएगा ये जनता तय करेगी. लोग डिसाइड करेंगे सत्ताईस के बाद.
जयराम ठाकुर: ये सत्ताईस, ये सत्ताईस? यानी 27 फरवरी.
फिर सदन में हल्के-फुल्के माहौल में 27 फरवरी और 2027 के विधानसभा चुनाव की बात होने लगी. स्पीकर कुलदीप पठानिया बार-बार वर्ष 2027 की बात करते रहे और विपक्ष के सदस्य 27 फरवरी पर जोर देते रहे. उल्लेखनीय है कि 27 फरवरी को राज्यसभा सीट के लिए वोटिंग होनी है. भाजपा ने हर्ष महाजन को उम्मीदवार के तौर पर उतारा है.
चुनाव में क्रॉस वोटिंग की आशंका जताई जा रही है. इसी कारण नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के कुछ सदस्य बार-बार 27 फरवरी की बात कर रहे थे. वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि चाहे ये सत्ताइस है (27 फरवरी) चाहे वो सत्ताईस, ये संयोग ही है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आंकड़ा ऐसा है कि जो फंसा हुआ है. खैर, इस हल्की-फुल्की चर्चा के बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने करुणामूलक नौकरियों के सवाल पर अपनी बात कही.
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