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प्राइवेट और सरकारी लॉ कॉलेजों की दयनीय हालत पर HC में सुनवाई, BCI से मांगी 27 लॉ कॉलेजों का ब्योरा - Patna High Court - PATNA HIGH COURT

पटना हाई कोर्ट ने प्राइवेट और सरकारी लॉ कॉलेजों की दयनीय हालत पर सुनवाई की. इस मामले में 27 लॉ कॉलेजों के संबंध में बार काउंसिल ऑफ इंडिया को ब्यौरा देने का निर्देश दिया गया है. पढ़ें पूरी खबर-

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 26, 2024, 11:08 PM IST

पटना :पटना हाईकोर्ट ने राज्य के सभी सरकारी और निजी लॉ कालेजों की दयनीय हालात पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ ने कुणाल कौशल की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सभी 27 लॉ कालेजों के संबंध में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) को विस्तृत ब्यौरा देने का निर्देश दिया. साथ ही कोर्ट ने लॉ कालेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता का भी ब्यौरा भी बीसीआई को देने का निर्देश दिया. यही नहीं इन लॉ कालेजों के प्रिंसिपलों की शैक्षणिक योग्यता का ब्यौरा देने का निर्देश दिया.

BCI ने कॉलेज में कमियां बतायी थी :एक लॉ कालेज, अनुग्रह नारायण मेमोरियल कालेज में छात्रों के प्रवेश के लिए अनुमति मांगी गयी थी. बीसीआई इस कालेज का निरीक्षण कर इस कालेज की व्यवस्था में कमियां बताई थी. कोर्ट ने कहा कि यदि ये सारी कमियां दूर कर ली जाती है, तो सत्र 2024-2025 के लिए छात्रों के नामांकन की अनुमति दी जा सकती हैं.

'मानकों को पूरा नहीं करने के बाद भी हो रहा संचालन' : पिछली सुनवाई में कोर्ट ने जानना चाहा था कि ये लॉ कॉलेज बीसीआई द्वारा लॉ की पढ़ाई के लिए निर्धारित मानको को पूरा कर रहे हैं? वहां क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं? याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि बहुत सारे लॉ कॉलेज बीसीआई द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करने के बाद भी चल रहे हैं.

छात्रों के एडमिशन पर रोक :उन्होंने बताया कि इन लॉ कालेजों में पढ़ाने वाले शिक्षक भी बीसीआई द्वारा निर्धारित शैक्षणिक योग्यता नहीं रखते हैं. पीएचडी की डिग्री उन शिक्षकों के लिए आवश्यक है, लेकिन इन लॉ कॉलेजों में इनका पालन नहीं किया जा रहा है. कोर्ट ने जानना चाहा था कि बगैर बीसीआई द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा किये बहुत से लॉ कालेजों में छात्रों का एडमिशन कैसे लिया जा रहा है? कोर्ट ने इन लॉ कालेजों में छात्रों के एडमिशन पर रोक लगा रखा है.


HC ने इससे पहले क्या कहा था? :पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि अगर कोई लॉ कालेज बीसीआई द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करता है, तभी छात्रों का एडमिशन होना चाहिए. कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि कोई लॉ कॉलेज बीसीआई द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करता है, उन कालेजों में ही लॉ की पढ़ाई होनी चाहिए.

याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट समक्ष पक्ष प्रस्तुत करते हुए अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि राज्य के सरकारी और निजी लॉ कालेजों की स्थिति काफी खराब है. इन कालेजों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. उन्होंने बताया कि बहुत सारे लॉ कॉलेज बीसीआई द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करते है. इस कारण उन कालेजों में स्तरीय लॉ की पढ़ाई नहीं होती है.

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