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बिना DPR फोरलेन निर्माण पर HC सख्त, NHAI के शपथ पत्र से असहमति जताते हुए गडकरी के मंत्रालय को बनाया प्रतिवादी

सोलन से कैथलीघाट तक फोरलेन निर्माण बिना डीपीआर के किए जाने पर HC ने NHAI के उच्चतम अधिकारी को स्पष्टीकरण देने के आदेश जारी किए.

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (फाइल फोटो)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 4 hours ago

शिमला:हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सोलन से कैथलीघाट तक फोरलेन का निर्माण बिना डीपीआर के किए जाने को गंभीर मामला बताते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को प्रतिवादी बनाया है. हिमाचल हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के शपथपत्र से असहमति जताते हुए एनएचएआई उच्चतम अधिकारी को इस संदर्भ में अपना स्पष्टीकरण देने के आदेश जारी किए.

कोर्ट ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के सचिव को अपना निजी शपथपत्र दायर कर इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने के आदेश दिए. कोर्ट ने कहा कि बिना डीपीआर के महज व्यवहार्यता के आधार पर कैसे सड़क का निर्माण किया जा सकता है.

कोर्ट मित्र द्वारा कालका-शिमला फोरलेन निर्माण से जुड़ी जनहित याचिका में एक आवेदन दायर कर कोर्ट को बताया था कि सोलन से कैथलीघाट तक का फोरलेन का निर्माण कार्य बिना डीपीआर ही कर दिया गया है. आवेदन के साथ संलग्न कुछ दस्तावेजों का अवलोकन करने पर कोर्ट ने पाया था कि संभवतः इस मामले में कोई डीपीआर तैयार नहीं की गई है फिर भी सड़क निर्माण का कार्य जारी है और काम पूरा होने के कगार पर है.

कोर्ट ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा था कि बिना डीपीआर सड़क का निर्माण कैसे किया गया. इसके लिए कोर्ट ने एनएचएआई से 2 सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया था. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को शिमला-मटौर फोरलेन के निर्माण से जुड़ी अहम जानकारी भी दी गई थी. कोर्ट मित्र ने बताया था कि इस फोरलेन सड़क के निर्माण के लिए कुछ लोगों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए शिमला से नौणी तक सड़क की एलाइनमेंट में परिवर्तन कर दिया गया है.

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