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कलेक्ट्रेट पहुंचे शख्स के पीले बोरे में क्या था? देखते ही बोलीं कलेक्टर- खाते में पहुंच जाएगा पैसा - GWALIOR PM AWAS APPROVAL

ग्वालियर में एक शख्स पीला बोरा लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा. जब बोरे को खोला तो अंदर रखे सामान को देख हर कोई हैरान रह गया.

PM AWAS APPROVAL AFTER 6 YEARS
6 साल बाद मिली आशियाने की मंजूरी (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 1, 2025, 10:56 AM IST

ग्वालियर:साल 2024 के आखिरी दिन ग्वालियर के मोहना गांव का रहने वाला एक शख्स बोरे में आवेदन भरकर जनसुनवाई में पहुंचा. सालों से परेशान जितेंद्र गोस्वामी के लिए 2024 का आखिरी दिन खुशी लेकर आया. वह पिछले 6 साल से पीएम आवास की मांग को लेकर परेशान था. मंगलवार को इन 6 सालों में किए गए आवेदनों को एक बोरे में भरकर कलेक्ट्रेट पहुंचा. जिसे देख कलेक्टर भी हैरान रह गए. जिसके बाद उसके आवेदन को स्वीकार कर लिया गया.

6 साल बाद मिली आवास की मंजूरी

जितेंद्र जब मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचा और सुरक्षाकर्मियों की उस पर नजर पड़ी तो उन्हें कुछ आशंका हुई. जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने उसके बोरे को खोलकर देखा तो आश्चर्य में पड़ गए. वहीं, जितेंद्र ने कलेक्टर को एक नया आवेदन फिर से दिया. कलेक्टर रुचिका चौहान ने जितेंद्र की परेशानी को सुना. इसके बाद कागजातों का परीक्षण किया और अधीनस्थ कर्मचारियों से पूरी जानकारी लेकर तत्काल उसका नाम पीएम आवास योजना में जुड़वाया.

साल 2024 के आखिरी दिन युवक के चेहरे पर झलकी खुशी (ETV Bharat)

आशियाने के मंजूरी से चेहरे पर झलकी खुशी

जितेंद्र गोस्वामी ने बताया कि, ''वह मोहना गांव का रहने वाला है. उसकी पत्नी थायराइड सहित अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित है. मजदूरी कर वह किसी तरह घर का गुजारा करता है. वह 2018 से लगातार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक आशियाने के लिए आवेदन दे रहा था. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही थी. वह लगातार शासकीय दफ्तरों के चक्कर काटने के लिए मजबूर हुआ. वहीं, अब साल के आखिरी दिन आशियाने की मंजूरी ने जितेंद्र के चेहरे पर खुशी भर दी है.'' जितेंद्र ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को 'छोटे मामा' कहते हुए धन्यवाद दिया. जितेंद्र का कहना है कि उसे अब पूरी उम्मीद है कि नया साल उसके नए आशियाने के साथ होगा.

बैंक अकाउंट में आ जाएंगे आवास के पैसे

कलेक्टर रुचिका चौहान ने कहा, "मुख्यमंत्री मोहन यादव का स्पष्ट निर्देश है कि योजना की पात्रता रखने वाले हितग्राहियों को उसका लाभ मिलना चाहिए. मोहना गांव जब ग्राम पंचायत से नगरीय क्षेत्र में चेंज हुआ तो आवास के सर्वे में उनका नाम छुट गया था. लेकिन अब उनका नाम इसमें जोड़ दिया गया. जैसे ही पोर्टल की कार्रवाई शुरू की जाएगी, उनके खाते में पैसे आ जाएंगे और वे आवास बना सकता है."

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