इंदौर: मध्यप्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लेने और सीट छोड़ने के बदले जमा कराई जा राशि को लेकर अक्सर विवाद सामने आते हैं. एक बार फिर ऐसा ही मामला सामने आया है. दरअसल, एक छात्रा ने मेडिकल कॉलेज की सीट छोड़ने के एवज में एक करोड़ 21 लाख जमा कर दिए. इसके बाद उसने काउंसलिंग के जरिए एडमिशन लेने की कोशिश की. लेकिन उसे काउंसलिंग में शामिल नहीं किया गया. इससे छत्रा ने हाई कोर्ट में गुहार लगाई. मामला उज्जैन के आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज का है.
कॉलेज की शर्त के अनुसार राशि जमा की, फिर भी काउंसलिंग नहीं
मामले के अनुसार छात्रा रितिका माहेश्वरी ने इंदौर हाई कोर्ट में याचिका दायर की. छात्रा के अधिवक्ता आदित्य संघी ने हाई कोर्ट को बताया "उज्जैन के आरडी गार्डी कॉलेज में छात्रा ने एडमिशन लिया था. इसके बाद सीट छोड़ने के बदले एक करोड़ 21 लाख रुपए जमा कर दिए. छात्रा ने जब प्री पीजी काउंसलिंग में बैठने का प्रयास किया तो उसे रोक दिया गया, जबकि नियम के अनुसार कॉलेज के होने वाले नुकसान की भरपाई उसने पूरी फीस भरकर कर दी थी.
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डीएमई और कॉलेज प्रबंधन से मांगा जवाब
इस मामले में हाई कोर्ट ने छात्रा के अधिवक्ता के सभी तर्क सुनने के बाद डीएमई और कॉलेज प्रबंधन को नोटिस जारी किया है. इब इस मामले में अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी. छात्रा के वकील का कहना है कि कॉलेज प्रबंधन और डीएमई से कोर्ट ने जवाब मांगा है. बता दें कि मध्यप्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन को लेकर लगातार विवाद सामने आते हैं. जब छात्र को कहीं और से कोर्स करने का अवसर मिलता है तो उससे इसके बदले पहले ही मोटी रकम जमा करवा ली जाती है.