जयपुर.राज्य के अनुसूचित क्षेत्र में विद्यार्थियों के छात्रवृत्ति के बकाया प्रकरणों को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्र ने नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि इस संबंध में लापरवाही को भविष्य में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जनजाति क्षेत्रों के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का सही रूप में व शत-प्रतिशत लाभ मिले. इसके साथ ही उन्होंने जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल की धीमी प्रगति पर भी रोष जताते हुए इसे गंभीरता से लेने के निर्देश दिए.
मुख्यधारा में जोड़ने के लिए मिलकर करें काम :राज्यपाल ने जनजाति क्षेत्रों में विभिन्न संवर्गों के रिक्त पदों को भरने के लिए समयबद्ध और प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सभी स्तरों पर यह सुनिश्चित किया जाए कि अनुसूचित क्षेत्र के लोगों को उनके लिए चलाई जा रही योजनाओं का समुचित और समय पर लाभ मिले. उन्होंने जनजाति क्षेत्र में युवाओं को स्वरोजगार से जोड़े जाने, उनके कौशल प्रशिक्षण, चिकित्सा व स्वास्थ्य, विद्युत तथा पेयजल सेवाओं की उपलब्धता के लिए अधिकारियों को गंभीर होकर काम करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को गरीबी और अभावों से मुक्त कर समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया.
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राज्यपाल ने दिए ये निर्देश :राज्यपाल मिश्र ने आदिवासी क्षेत्रों में उद्योगों की आवश्यकता के अनुसार कौशल प्रशिक्षण के लिए युवाओं को तैयार करने के लिए भी विशेष जोर दिया. उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में स्थानीय उत्पादों के विपणन से जुड़ी उद्यमिता विकास गतिविधियों के क्रियान्वयन के भी निर्देश दिए.
बजट आवंटन की समीक्षा :राज्यपाल ने जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग व जनजाति उपयोजना मद में बजट आवंटन और व्यय की गई राशि के संबंध में विशेष रूप से समीक्षा की. उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में लोगों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक स्तर को ऊंचा उठाने से संबंधित सभी योजनाओं की अधिकारी प्रभावी मॉनिटरिंग करें. उन्होंने जनजाति क्षेत्र के आवासीय विद्यालयों, खेल छात्रावास, विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ के रिक्त पदों के बारे में भी जानकारी ली. साथ ही कहा कि इन्हें भरने के लिए कागजी कार्यवाही नहीं, परिणाम मूलक ठोस प्रयास हों. उन्होंने आगे कहा कि जनजाति क्षेत्र में शिक्षा का प्रसार ही वो माध्यम है, जिससे वहां विकास को व्यावहारिक रूप में क्रियान्वित किया जा सकता है.
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अनुसूचित क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के तहत पेयजल उपलब्धता की प्रगति की राज्यपाल ने बैठक में विशेष समीक्षा की. उन्होंने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर ग्रामीण परिवार को नल से पानी के कनेक्शन की शत प्रतिशत पालना सुनिश्चित की जाए. इसमें किसी तरह की लापरवाही और कोताही नहीं होनी चाहिए. आगे उन्होंने अनुसूचित क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केंद्र के भवनों और उनमें पानी, बिजली, शौचालयों और उनके रख-रखाव के लिए भी प्रभावी कार्य किए जाने पर जोर दिया.
बैठक में जनजाति क्षेत्र विकास विभाग के मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि जनजातीय क्षेत्र के युवाओं को प्रशासनिक सेवाओं में चयन के लिए विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था हो, ताकि इन क्षेत्रों से भी भारतीय प्रशासनिक और पुलिस व अन्य सेवाओं के अधिकारी चयनित होकर आएं. उन्होंने युवाओं के कौशल विकास के लिए कोचिंग की प्रभावी व्यवस्था की आवश्यकता जताई. साथ ही उन्होंने स्थानीय लोगों के लिए रोजगार सृजन, उद्यमिता विकास के साथ ही बुनियादी सुविधाओं के विस्तार की आवश्यकता जताई.