दौसा : सर्दियों के मौसम में कई टेस्टी व्यंजन बनाए जाते हैं, जिन्हें खाकर दिल खुश हो जाता है. इन स्वादिष्ट व्यंजनों की लिस्ट में गजक भी शामिल है. गजक खासतौर पर सर्दियों में बनाई जाती है. इसे गुड़ में तिल या मूंगफली मिलाकर बनाया जाता है, जो सर्दियों में हमारे शरीर को गर्म रखने में मदद करता है. यह खाने में जितना स्वादिष्ट होता है, उतना ही हमारी सेहत के लिए फायदेमंद भी होता है.
दौसा जिला मुख्यालय पर स्थित गुप्तेश्वर रोड पर पिछले दो दशक से गजक के कारोबार से जुड़े रामोतार साहू ने बताया कि सर्दियों के मौसम में गजक खाने से शरीर में इम्युनिटी बढ़ती है. गजक की तासीर गर्म होती है, जिससे सर्दी से भी राहत मिलती है. गजक में ओमेगा-6 और कैल्शियम रहता है, जो बॉडी में इम्युनिटी बढ़ाता है, इसलिए सर्दियों में गजक का सेवन करना जरूरी है.
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गुड़ की गजक की ज्यादा डिमांड : गजक व्यापारी रामोतार साहू ने ईटीवी भारत को बताया कि इस वक्त सर्दियों के सीजन के चलते गजक की बिक्री में बढ़ोतरी हुई है. गुड़ की गजक की डिमांड ज्यादा है. गुड़ और तिल की तासीर गर्म होती है, जिसके चलते लोग इस वक्त गुड़ की गजक ज्यादा पसंद कर रहे हैं. ऐसे में गुड़ की मुरैना गजक, मुरैना कटिंग गजक, गोलपुरी गजक, रोल गजक, थाल वाली गजक, रेवड़ी, तिल के लड्डू सहित 10 से 12 प्रकार की गजक उनके पास मौजूद हैं. वहीं, करीब 35 से 40 प्रकार के गजक भी उनके पास तैयार हैं.
5 से 6 कारीगर 8 घंटे में तैयार करते हैं 60 किलो गजक : रामोतार साहू ने बताया कि गजक बनाने की प्रकिया गुड़ और तिल के मिश्रण से शुरू होती है. इसमें तिल की सफाई करके उसकी सिकाई की जाती है. गुड़ की चाशनी बनाकर उसे खींचते है. इसके बाद गुड़ और तिल का मिश्रण करके, उसकी कुटाई की जाती है. गुड़ और तिल की कुटाई इतनी बारीक होती है कि गुड़ और तिल आपस में रस हो जाते हैं, जिससे गजक स्वादिष्ट बनती है. 5 से 6 कारीगर 7 से 8 घंटे में करीब 60 किलो गजक तैयार करते हैं.
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2 से ढाई करोड़ का व्यापार, डेढ़ गुना बढ़ी महंगाई : गजक व्यापारी ने बताया कि पूरे दौसा जिले में गजक के व्यापार की बात करें तो दो से ढाई करोड़ रुपए का व्यापार एक सीजन में होता है. उन्होंने बताया कि पिछले 10 सालों में लेबरिंग चार्ज बढ़ने के कारण गजक के दामों में डेढ़ गुना बढ़ोतरी हुई है. अब बदलते दौर में लोगों के मुंह पर गजक का स्वाद भी बदलने लगा है. अब बाजार में मैंगो गजक, चॉकलेट गजक, मावा गजक, काजू गजक सहित कई प्रकार की नई वैरायटी भी आ गई हैं, जिन्हें लोग खूब पसंद कर रहे हैं.
मकर संक्रांति पर है तिल का विशेष महत्व : बता दें कि आगामी दिनों में 14 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार है. ऐसे में मकर संक्रांति पर तिल से बनी गजक का विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन सनातन संस्कृति में तिल के दान को अच्छा माना गया है, जिसके चलते इन दिनों तिल और गुड़ की गजक की बिक्री में भी बढ़ोतरी हुई है.