जयपुर: न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम-6 अदालत ने छात्र जीवन के दौरान दर्ज हुए मामले में देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार रहे नरेश मीणा को बरी कर दिया है. वहीं, विश्वविद्यालय के बाहर प्रदर्शन के दौरान दर्ज एक अन्य प्रकरण में अदालत ने आरोपी नरेश मीणा को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है.
इसके अलावा उपचुनाव के दौरान समरावता में एसडीएम से मारपीट के मामले में नरेश मीणा की ओर से हाईकोर्ट में जमानत याचिका पेश की गई है, जिस पर अदालत आगामी दिनों में सुनवाई करेगी. गत दिनों टोंक के सत्र न्यायालय ने मीणा की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था. नरेश मीणा के अधिवक्ता फतेह राम मीणा ने बताया कि साल 2004 में नरेश मीणा ने विवि के छात्रसंघ चुनाव में महासचिव का चुनाव लंडा था.
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मतगणना के दिन 21 अगस्त को वह मतगणना कक्ष में था. इस दौरान बाहर हुए झगडे में पुलिस ने 6 अन्य आरोपियों विजय सिंह, कपिल, जितेन्द्र, मोहम्मद शफी, अनिल और ज्ञानचंद सहित नरेश मीणा को आरोपी बनाकर एफआईआर दर्ज की थी. अदालत पूर्व में अनिल और जितेन्द्र को परीवीक्षा का लाभ दे चुकी है. जबकि नरेश के अलावा शेष अन्य आरोपी अभी फरार चल रहे है.
वहीं, साल 2004 में ही पुलिस ने विवि के बाहर रास्ता जाम करने के मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी नरेश मीणा की अनुपस्थिति में आरोप पत्र पेश किया था. इस पर अदालत ने नरेश मीणा के गिरफ्तारी के स्थाई वारंट जारी कर तलब किया था. पुलिस ने सोमवार को नरेश मीणा को जेल से प्रोडक्शन वारंट से अदालत में पेश किया था, जहां अदालत ने उसे 24 जनवरी तक जेल भेज दिया.