कोटा : नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से आयोजित जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम मेन (JEE MAIN 2025) की 3 दिन की परीक्षा हो चुकी है. शुरुआत के तीन दिनों में बैचलर्स ऑफ इंजीनियरिंग (BE) व बैचलर्स ऑफ टेक्नोलॉजी (BTech) के 6 शिफ्ट में एग्जाम हुए हैं. एक्सपर्ट देव शर्मा का कहना है कि इन शिफ्ट में एग्जाम देने वाले छात्रों के अनुसार इस बार प्रश्नों को कम अटेम्प्ट किया जा रहा है. ऐसा पार्ट बी में विकल्प हटा देने के चलते हो रहा है.
फिजिक्स व केमिस्ट्री पर ध्यान दें छात्र : देव शर्मा ने यह भी दावा किया है कि मैथ्स में 40 फ़ीसदी से भी कम प्रश्न अटेम्प्ट किए जा रहे हैं, जबकि 25 में से महज 8 से 10 प्रश्न ही सॉल्व किए जा रहे हैं. उनका कहना है कि मैथ्स का प्रश्न पत्र कठिन और लेंदी होने के चलते ऐसा हो रहा है. दूसरी तरफ विकल्प भी नहीं होने के चलते विद्यार्थियों को जो प्रश्न पूछे गए हैं, वही करना पड़ रहा है, जिसमें भी समय ज्यादा लग रहा है. ऐसे में कैंडिडेट को फिजिक्स व केमिस्ट्री के प्रश्नपत्रों से अधिकतम स्कोर करने की स्ट्रैटेजी पर ध्यान देना होगा.
देव शर्मा ने यह भी बताया कि तीनों दिनों की परीक्षा केमिस्ट्री आसान, फिजिक्स औसत और मैथ्स कठिन रहे. लगभग सभी टॉपिक्स से प्रश्न पूछे गए. ऐसा भी हुआ कि प्रथम शिफ्ट में जिन टॉपिक्स से प्रश्न नहीं पूछे गए, उनसे द्वितीय शिफ्ट में प्रश्न पूछे गए. आपको बता दें कि साल 2020 से 2024 के बीच आयोजित हुई जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के 90 प्रश्न पूछे जाते थे. तीनों विषयों में 30-30 प्रश्न होते थे. इनमें से कैंडिडेट्स को पार्ट ए में 20 के 20 और पार्ट बी में 10 में से पांच प्रश्न करने होते थे, जबकि नई परीक्षा पैटर्न के अनुसार अब केवल 25 प्रश्न प्रत्येक विषय में पूछे जा रहे हैं. पार्ट ए में 20 और पार्ट बी में पांच प्रश्न हैं, जिनमें से सभी प्रश्न करना अनिवार्य है.
97.38 फीसदी रही उपस्थित : नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के जोनल कोऑर्डिनेटर इंजीनियर डॉ. प्रदीप सिंह गौड़ का कहना है कि तीन दिनों में 97.38 फीसदी विद्यार्थियों ने परीक्षा दी है. इन तीन दिनों में 11526 विद्यार्थी कोटा के चार परीक्षा केंद्र पर रजिस्टर्ड थे. इनमें से परीक्षा देने के लिए 11225 विद्यार्थी पहुंचे हैं, जबकि 301 विद्यार्थी अनुपस्थित रहे हैं. 28 से 30 जनवरी के बीच फिर एग्जाम होगा. ऐसे में विद्यार्थी गाइडलाइन की पालना के साथ पहुंचे. अधिकांश विद्यार्थी ओरिजिनल आईडी और फोटो लेकर नहीं पहुंच रहे हैं, जिसके चलते उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही एग्जाम सेंटर पर प्रतिबंध वस्तुओं को लेकर भी आ रहे हैं, जिन्हें जांच के दौरान बाहर निकाला जा रहा है.