जयपुर :राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में होने वाले चुनाव को लेकर फिलहाल कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में राजस्थान क्रिकेट पर पूरी तरह से राज्य सरकार का आधिपत्य हो चुका है. राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद से वैभव गहलोत को हटाने के बाद एसोसिएशन में नागौर जिला क्रिकेट संघ से ताल्लुक रखने वाले व प्रदेश के चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बेटे धनंजय सिंह खींवसर को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया था. इसके कुछ समय बाद सरकार ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन पर एडहॉक कमेटी बना दी, जो फिलहाल राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन को संचालित कर रही है. माना जा रहा है कि एक बार फिर राजस्थान में आयोजित होने वाले आईपीएल के मुकाबले सरकार की ओर से ही आयोजित कराए जाएंगे. वहीं, इसको लेकर राज्य के पूर्व खेल मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि भाजपा सरकार चुनाव में विश्वास नहीं करती है.
उन्होंने कहा कि जब वैभव गहलोत राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन अध्यक्ष चुने गए थे, तो उन्हें बिना चुनाव करवाए क्यों हटा दिया गया. यदि सरकार को राजस्थान क्रिकेट चलानी थी तो चुनाव करवाने चाहिए थे. चांदना ने कहा कि मौजूदा समय में राजस्थान के खेलों के हालात अच्छे नहीं हैं. राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन में कार्यकारिणी नहीं होने से खिलाड़ियों को सबसे अधिक नुकसान हो रहा है.
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कब बनी एडहॉक कमेटी :राज्य सरकार ने 28 मार्च, 2024 को राजस्थान क्रिकेट संघ की कार्यकारिणी को भंग करके एडहॉक कमेटी का गठन किया था. उस समय यह कमेटी सिर्फ 3 महीने के लिए बनाई गई थी और इसका काम राजस्थान क्रिकेट संघ का चुनाव करवाना था, लेकिन सरकार ने इस कमेटी को दो बार एक्सटेंशन दे दिया. ऐसे में बीते 8 महीने से राजस्थान में क्रिकेट का संचालन एडहॉक कमेटी कर रहा है और राजस्थान क्रिकेट के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब एडहॉक कमेटी ने इतने लंबे समय तक राजस्थान के क्रिकेट को चलाया है.