खूंटी:जिला में बारिश की कमी होने के कारण सूखे पड़ने की आशंका बनी हुई है. यहां उम्मीद से बहुत कम 9382 हेक्टेयर में धान रोपाई हुई है. इसके चलते किसान परेशान और हताश नजर आ रहे हैं. जिले की छोटी-बड़ी नदियों से अत्यधिक बालू का अवैध दोहन और पेड़ों की कटाई के कारण बारिश पर इसका ज्यादा असर पड़ा है, जो गरीब किसानों की चिंताएं बढ़ा दी है. बारिश नहीं होने के कारण किसानों के बिचड़े खेतों में सूख रहे हैं, जमीनों में दरारें आ गई है. हल्की बारिश से किसानों के चहरे खिलते जरूर है लेकिन जब खेतों तक पहुंचते है तो निराशा हाथ लगती है. यहां के हालात को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि इस मौसम के कारण इस वर्ष भी खूंटी सूखाग्रस्त की सूची में शामिल हो सकती है.
इस साल भी बिन बारिश सब सून वाली स्थिति बनती जा रही है. आषाढ़ माह अब समापन पर है लेकिन जिला में लक्ष्य के खिलाफ मात्र 10 फीसद धनरोपनी हो पायी है. जबकि हजारों हजार हेक्टेयर में धान की खेती होनी है. 93980 हेक्टेयर भूमि पर रोपनी होनी थी लेकिन अब तक 9382 हेक्टेयर भूमि पर ही रोपनी हुई है. बारिश न होने से रोपनी का समय बीतता जा रहा है. किसान चिंता में पड़े हैं. बड़े किसान किसी तरह कुआं एवं बोरवेल से पटवन कर बिचड़ा बचा कर रोपनी कर लिए हैं लेकिन गरीब किसान आज भी बारिश का इंतजार में है. कुछ जगहों पर बारिश हुआ तो किसान रोपनी में जुटे हुए है लेकिन चिंता इस बात की है कि अगर बारिश नहीं हुआ तो रोपनी बेकार हो जाएगी.