बीकानेर.आज शनिवार वरुथिनी एकादशी है. भगवान विष्णु की आराधना और उपवास करने के लिए वरुथिनी एकादशी का दिन अच्छा माना जाता है. हिंदू धर्म पंचांग में वैशाख माह का बड़ा महत्व है. वैशाख महीने को भगवान विष्णु की पूजा आराधना का माह कहा जाता है. एक वर्ष में कुल चौबीस एकादशी होती हैं और वैशाख माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी के रूप में जाना जाता है. साल में कुछ एकादशी का विशेष महत्व है, उनमें से वरुथिनी एकादशी भी एक है. वरुथिनी एकादशी के दिन व्रत और भगवान विष्णु की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है, जीवन सुखपूर्वक बीतता है एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है.भगवान विष्णु को सृष्टि का पालनहार कहा जाता है और हर एकादशी भगवान विष्णु की पूजा आराधना के लिए ही होती है. वरुथिनी एकादशी का व्रत आज यानी शनिवार को रखा जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, 03 मई, 2024 दिन शुक्रवार रात्रि 11 बजकर 24 मिनट पर वैशाख माह के कृष्ण पक्ष के एकादशी तिथि की शुरुआत हुई. वहीं, इसका समापन अगले दिन 4 मई, 2024 दिन शुक्रवार रात्रि 08 बजकर 38 मिनट पर होगा.
एकादशी में ना करें ये काम : एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें. नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उंगली से कंठ शुद्ध कर लें. वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफाकी सब्जी नहीं खानी चाहिए.
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