पटना: बिहार में अब नई तकनीक के जरिए भ्रष्टाचार में शामिल इंजीनियरिंग विभाग के पदाधिकारी पर कार्रवाई की जा सकेगी. डिप्टी सीएम सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार को पथ-पुल संधारण संबंधित लोक शिकायत निवारण प्रणाली का उद्घाटन किया. इस प्रणाली के तहत आम नागरिक के द्वारा भी पथ-पुलों के त्रुटियों को लेकर अब सूचित किया जा सकता है.
अभियंता और ठेकेदार के गठजोड़ को तोड़ने की तैयारी: पथ संधारण नीति के तहत अबतक मात्र क्षेत्रीय अभियंताओं द्वारा ही पथ की त्रुटि को मोबाइल ऐप पर अपलोड करने की सुविधा दी गई थी. जिसका संवेदक द्वारा निराकरण किया जाता था लेकिन अब आम-जन खुद से त्रुटियों की सूचना दे सकते हैं. पथ पुल संधारण की दिशा में इस प्रणाली को एक क्रांतिकारी कदम बताते हुए डिप्टी सीएम ने बताया कि कंट्रोल और कमांड सेंटर के द्वारा प्रतिवेदित त्रुटि को फोटो सहित संबंधित संवेदक को सुधार के लिए भेजा जाएगा.
समाधान मिलने के बाद फोटो करना होगा अपलोड: बता दें कि सूचना मिलने के बाद संवेदक द्वारा निराकरण किया जाएगा और मरम्मति के बाद एक बार फिर से फोटो भेजा जाएगा. अभियंताओं के द्वारा स्थल के निरीक्षण के बाद मानक के अनुसार मरम्मति कार्य किये जाने पर स्वीकार किया जायेगा. अगर ऐसा नहीं होता है तो संवेदक को फिर से मरम्मति का निर्देश दिया जायेगा. डिप्टी सीएम ने कहा कि इस लोक शिकायत निवारण प्रणाली में आम नागरिकों को भी पथ की त्रुटि को ऑनलाईन माध्यम से विभाग को भेजकर, मरम्मति के लिए सूचित करने की व्यवस्था की गई है.