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भ्रष्टाचार में लिप्त इंजीनियरों की अब खैर नहीं! डिप्टी CM ने लोक शिकायत निवारण प्रणाली का किया उद्घाटन

बिहार सरकार भ्रष्टाचार में शामिल इंजीनियरों पर लगाम कसने की तैयारी कर रही है. अब भ्रष्ट इंजीनियरों के लिए नई तकनीक डेवलप की गई है.

Vijay Kumar Sinha
विजय कुमार सिन्हा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : 5 hours ago

पटना: बिहार में अब नई तकनीक के जरिए भ्रष्टाचार में शामिल इंजीनियरिंग विभाग के पदाधिकारी पर कार्रवाई की जा सकेगी. डिप्टी सीएम सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार को पथ-पुल संधारण संबंधित लोक शिकायत निवारण प्रणाली का उद्घाटन किया. इस प्रणाली के तहत आम नागरिक के द्वारा भी पथ-पुलों के त्रुटियों को लेकर अब सूचित किया जा सकता है.

अभियंता और ठेकेदार के गठजोड़ को तोड़ने की तैयारी: पथ संधारण नीति के तहत अबतक मात्र क्षेत्रीय अभियंताओं द्वारा ही पथ की त्रुटि को मोबाइल ऐप पर अपलोड करने की सुविधा दी गई थी. जिसका संवेदक द्वारा निराकरण किया जाता था लेकिन अब आम-जन खुद से त्रुटियों की सूचना दे सकते हैं. पथ पुल संधारण की दिशा में इस प्रणाली को एक क्रांतिकारी कदम बताते हुए डिप्टी सीएम ने बताया कि कंट्रोल और कमांड सेंटर के द्वारा प्रतिवेदित त्रुटि को फोटो सहित संबंधित संवेदक को सुधार के लिए भेजा जाएगा.

लोक शिकायत निवारण प्रणाली का उद्घाटन (ETV Bharat)

समाधान मिलने के बाद फोटो करना होगा अपलोड: बता दें कि सूचना मिलने के बाद संवेदक द्वारा निराकरण किया जाएगा और मरम्मति के बाद एक बार फिर से फोटो भेजा जाएगा. अभियंताओं के द्वारा स्थल के निरीक्षण के बाद मानक के अनुसार मरम्मति कार्य किये जाने पर स्वीकार किया जायेगा. अगर ऐसा नहीं होता है तो संवेदक को फिर से मरम्मति का निर्देश दिया जायेगा. डिप्टी सीएम ने कहा कि इस लोक शिकायत निवारण प्रणाली में आम नागरिकों को भी पथ की त्रुटि को ऑनलाईन माध्यम से विभाग को भेजकर, मरम्मति के लिए सूचित करने की व्यवस्था की गई है.

कैसे करें शिकायत:पथ निर्माण विभाग के बेवसाईट पुब्लिके ग्रिवांस ओपीआरएमसी रोड रेड्रेसल सिस्टम पर जाकर शिकायतकर्ता को अपना नाम, मोबाईल नंबर, जिला का नाम, पथ का नाम, त्रुटि का प्रकार को अंकित करते हुए स्थल का जियो टैग्ड फोटोग्राफ अपलोड करना होगा. डिप्टी सीएम ने कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा दर्ज किये हुए शिकायत और फोटोग्राफ को कंट्रोल और कमांड सेंटर के माध्यम से संबंधित जिला के कनीय अभियंता, सहायक अभियंता, कार्यपालक अभियंता और संवेदक को ऑनलाईन भेज दिया जाएगा.

निर्धारित समय सीमा के अंदर मरम्मत: फोटो मिलने के बाद संवेदक का दायित्व है कि त्रुटि को निर्धारित समय सीमा के अंदर मरम्मति कर स्थल का फोटोग्राफ अपलोड किया जायेगा. इस व्यवस्था से पूर्ण पारदर्शिता के साथ-साथ पथों के त्रुटिरहित रख-रखाव पर नियंत्रण किया जा सकेगा. वर्तमान में पथ निर्माण विभाग अन्तर्गत लगभग-9500 किमी ओपीआरएमसी पथों का संधारण किया जा रहा है.

"पथ-पुल संधारण संबंधित लोक शिकायत निवारण प्रणाली बनाई गई है. भविष्य में पथ-पुलों संबंधित शिकायत प्राप्त करने के लिए कॉल सेंटर का भी गठन किया जायेगा. जिसमें कॉल रिकॉडिंग की व्यवस्था रहेगी और शिकायत निवारण पश्चात् शिकायतकर्त्ता कार्रवाई से अवगत भी हो सकेगें."-विजय कुमार सिन्हा,डिप्टी सीएम

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