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बर्थराइट सिटिजनशिप: क्या अपने परिवार को एकजुट कर सकेंगे अमेरिका में जन्मे बच्चे? जानें - DONALD TRUMP

डोनाल्ड ट्र्ंप ने बर्थराइट सिटिजनशिप को समाप्त करने लिए एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी कर दिया है. इसके साथ 150 साल से पुरानी नीति खत्म हो जाएगी.

donald trump
डोनाल्ड ट्र्ंप (AP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 22, 2025, 1:54 PM IST

नई दिल्ली: डोनाल्ड ट्र्ंप दूसरी बार संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति बन गए हैं. उन्होंने पद संभालने के बाद उस कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य बर्थराइट सिटिजनशिप को समाप्त करना है. अमेरिका में यह नीति 150 से अधिक वर्षों से लागू थी. यह निर्णय अमेरिकी इमिग्रेशन पॉलिसी में एक नाटकीय बदलाव को दर्शाता है और इसका अमेरिका में पैदा हुए लाखों बच्चों और भारतीय-अमेरिकी समुदाय पर महत्वपूर्ण प्रभाव होगा.

अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन के तहत अमेरिकी धरती पर पैदा हुए किसी भी व्यक्ति को माता-पिता की नागरिकता या इमिग्रेशन स्टेट्स की परवाह किए बिना ऑटोमैटिकली अमेरिकी नागरिकता प्रदान की जाती है. यह प्रावधान 1868 में अधिनियमित किया गया था और इसे संयुक्त राज्य में पैदा हुए सभी व्यक्तियों को नागरिकता प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया थ.

यह अधिकार कानून के तहत समान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अभिन्न अंग रहा है और इसने लाखों लोगों को अमेरिकी नागरिकता प्रदान की है, जिनमें अप्रवासियों से जन्मे बच्चे भी शामिल हैं, चाहे वे दस्तावेज वाले हों या गैर-दस्तावेज वाले.

बर्थराइट सिटिजनशिप समाप्त करने के लिए ट्रंप का कार्यकारी आदेश
इस कार्यकारी आदेश में निर्दिष्ट किया गया है कि अमेरिका में जन्मे बच्चे को नागरिकता प्राप्त करने के लिए माता-पिता में से कम से कम एक का अमेरिकी नागरिक, कानूनी स्थायी निवासी (ग्रीन कार्ड धारक) या अमेरिकी सेना का सदस्य होना चाहिए.

बर्थराइट सिटिजनशिप को समाप्त करने के ट्रंप के प्रयास को अवैध आव्रजन को कम करने और बर्थ टूरिज्म पर अंकुश लगाने के व्यापक प्रयास के हिस्से के रूप में तैयार किया गया है. ट्रंप ने तर्क दिया है कि इस प्रणाली का शोषण किया जा रहा है, विशेष रूप से भारत और चीन जैसे देशों के नागरिकों द्वारा. कार्यकारी आदेश प्रभावी रूप से उन माता-पिता से पैदा हुए बच्चों को दी गई ऑटोमैटिक बर्थराइट सिटिजनशिप को रद्द कर देता है, जो अस्थायी कार्य वीजा (जैसे H-1B) पर हैं या जो ग्रीन कार्ड की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

माता-पिता को अमेरिका नहीं ला सकेगा बच्चा
परिवार बेस्ड इमिग्रेशन उन प्राइमरी तरीकों में से एक है, जिसके माध्यम से यूएस में रहने वाले अप्रवासी अपने रिश्तेदारों को देश में लाते हैं. बर्थराइट सिटिजनशिप के मामले में यूएस में जन्मा बच्चा 21 साल की आयु होने पर अपने माता-पिता के इमिग्रेशन के लिए याचिका दायर कर सकता है. बर्थराइट सिटिजनशिप को खत्म करने से भारतीय माता-पिता से जन्मे कई बच्चे मौजूदा यूएस इमिग्रेशन कानूनों के तहत अपने परिवारों को फिर से एकजुट करने में मदद करने से वंचित हो जाएंगे.

इसके अलावा जिन परिवारों के बच्चे यूएस में जन्मे हैं, लेकिन जो निर्वासन या वीजा संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उनके लिए कार्यकारी आदेश और भी चुनौतियां खड़ी कर सकता है. बर्थराइट सिटिजनशिप को समाप्त करने से ऐसे परिदृश्य उत्पन्न हो सकते हैं, जहां माता-पिता और बच्चों के बीच अलग-अलग आव्रजन स्थितियों के कारण परिवार बिखर सकता है.

यह भी पढ़ें- क्या है एग्जीक्यूटिव ऑर्डर? जिसके जरिए ट्रंप ने बदल दिए बाइडेन के 78 फैसले, US राष्ट्रपति को देता अनलिमिटेड पावर

नई दिल्ली: डोनाल्ड ट्र्ंप दूसरी बार संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति बन गए हैं. उन्होंने पद संभालने के बाद उस कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य बर्थराइट सिटिजनशिप को समाप्त करना है. अमेरिका में यह नीति 150 से अधिक वर्षों से लागू थी. यह निर्णय अमेरिकी इमिग्रेशन पॉलिसी में एक नाटकीय बदलाव को दर्शाता है और इसका अमेरिका में पैदा हुए लाखों बच्चों और भारतीय-अमेरिकी समुदाय पर महत्वपूर्ण प्रभाव होगा.

अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन के तहत अमेरिकी धरती पर पैदा हुए किसी भी व्यक्ति को माता-पिता की नागरिकता या इमिग्रेशन स्टेट्स की परवाह किए बिना ऑटोमैटिकली अमेरिकी नागरिकता प्रदान की जाती है. यह प्रावधान 1868 में अधिनियमित किया गया था और इसे संयुक्त राज्य में पैदा हुए सभी व्यक्तियों को नागरिकता प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया थ.

यह अधिकार कानून के तहत समान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अभिन्न अंग रहा है और इसने लाखों लोगों को अमेरिकी नागरिकता प्रदान की है, जिनमें अप्रवासियों से जन्मे बच्चे भी शामिल हैं, चाहे वे दस्तावेज वाले हों या गैर-दस्तावेज वाले.

बर्थराइट सिटिजनशिप समाप्त करने के लिए ट्रंप का कार्यकारी आदेश
इस कार्यकारी आदेश में निर्दिष्ट किया गया है कि अमेरिका में जन्मे बच्चे को नागरिकता प्राप्त करने के लिए माता-पिता में से कम से कम एक का अमेरिकी नागरिक, कानूनी स्थायी निवासी (ग्रीन कार्ड धारक) या अमेरिकी सेना का सदस्य होना चाहिए.

बर्थराइट सिटिजनशिप को समाप्त करने के ट्रंप के प्रयास को अवैध आव्रजन को कम करने और बर्थ टूरिज्म पर अंकुश लगाने के व्यापक प्रयास के हिस्से के रूप में तैयार किया गया है. ट्रंप ने तर्क दिया है कि इस प्रणाली का शोषण किया जा रहा है, विशेष रूप से भारत और चीन जैसे देशों के नागरिकों द्वारा. कार्यकारी आदेश प्रभावी रूप से उन माता-पिता से पैदा हुए बच्चों को दी गई ऑटोमैटिक बर्थराइट सिटिजनशिप को रद्द कर देता है, जो अस्थायी कार्य वीजा (जैसे H-1B) पर हैं या जो ग्रीन कार्ड की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

माता-पिता को अमेरिका नहीं ला सकेगा बच्चा
परिवार बेस्ड इमिग्रेशन उन प्राइमरी तरीकों में से एक है, जिसके माध्यम से यूएस में रहने वाले अप्रवासी अपने रिश्तेदारों को देश में लाते हैं. बर्थराइट सिटिजनशिप के मामले में यूएस में जन्मा बच्चा 21 साल की आयु होने पर अपने माता-पिता के इमिग्रेशन के लिए याचिका दायर कर सकता है. बर्थराइट सिटिजनशिप को खत्म करने से भारतीय माता-पिता से जन्मे कई बच्चे मौजूदा यूएस इमिग्रेशन कानूनों के तहत अपने परिवारों को फिर से एकजुट करने में मदद करने से वंचित हो जाएंगे.

इसके अलावा जिन परिवारों के बच्चे यूएस में जन्मे हैं, लेकिन जो निर्वासन या वीजा संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उनके लिए कार्यकारी आदेश और भी चुनौतियां खड़ी कर सकता है. बर्थराइट सिटिजनशिप को समाप्त करने से ऐसे परिदृश्य उत्पन्न हो सकते हैं, जहां माता-पिता और बच्चों के बीच अलग-अलग आव्रजन स्थितियों के कारण परिवार बिखर सकता है.

यह भी पढ़ें- क्या है एग्जीक्यूटिव ऑर्डर? जिसके जरिए ट्रंप ने बदल दिए बाइडेन के 78 फैसले, US राष्ट्रपति को देता अनलिमिटेड पावर

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