तिरुवनंतपुरम: केरल सरकार ने प्राकृतिक आपदा, संकट और खतरे से लोगों को सतर्क करने के लिए नई प्रणाली 'कवचम' शुरू की है. ये भारत की पहली पूर्ण एकीकृत आपदा चेतावनी प्रणाली है. इसके तहत आपदाओं के दौरान बड़ी तेजी से लोगों को अलर्ट करने के किया जा सकता है. इसके लिए 126 सायरन, स्ट्रोब लाइट, इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर और एक डेटा हब स्थापित किया गया है. अब तक पूरे राज्य में 91 सायरन लगाए जा चुके हैं, और 126 स्थानों पर पूर्ण कार्यान्वयन की योजना है.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित इस पहल का नेतृत्व केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) कर रहा है. इसका उद्देश्य सायरन और मोबाइल संदेशों के माध्यम से वास्तविक समय में अलर्ट और चेतावनी जारी करके सार्वजनिक सुरक्षा को बढ़ाना है. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा, 'यह प्रणाली आम लोगों और बचाव बलों को सटीक चेतावनी देने की अनुमति देगी, जिससे पर समय पर बचाव प्रयास सुनिश्चित हो सकेगा.
इस सिस्टम में इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर, निगरानी कैमरे और चौबीसो घंटे संचालित होने वाले कंट्रोल रूप शामिल हैं. ये नियंत्रण कक्ष एक वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क के माध्यम से जुड़े हुए हैं, जिससे आपदा-ग्रस्त क्षेत्रों की त्वरित निगरानी और किसी भी खतरे के मामले में त्वरित प्रतिक्रिया संभव हो सकेगा. सिस्टम आपदा प्रबंधन में सहायता के लिए जल निकायों, सड़कों, पुलों, स्कूलों, अस्पतालों और अन्य प्रमुख बुनियादी ढांचे के स्थानों जैसे महत्वपूर्ण डेटा को भी संग्रहीत करता है.
परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सार्वजनिक शिक्षा है. विजयन ने कहा, 'लोगों को सायरन के माध्यम से जारी की जाने वाली चेतावनियों और उचित कार्रवाई के बारे में शिक्षित करना महत्वपूर्ण है.' पहले चरण के तहत वर्तमान में 91 सायरन लगाए गए हैं. अगले चरण में चल रहे परिचालन परीक्षणों के साथ-साथ शेष सायरन भी लगाए जाएंगे.
यह कैसे काम करता है?
'कवचम' सिस्टम में एक नागरिक पोर्टल और 24 घंटे इमरजेंसी कॉल सेंटर हैं. इस प्लेटफॉर्म के जरिए लोग खतरों की रिपोर्ट कर सकेंगे. इसके अलावा आपात स्थिति के दौरान मदद मांग सकेंगे. कॉल करने वाले के स्थान सहित जानकारी तुरंत आस-पास की बचाव टीमों को दिए जाएंगे और कंट्रोल रूप के जरिए उपायों पर नजर रखी जाएगी. पुलिस, फायर ब्रिगेड, एनडीआरएफ कंट्रोल रूप भी इस नेटवर्क के साथ होंगे.
राजस्व मंत्री के राजन ने उद्घाटन सत्र में आपदा तैयारियों में केरल की भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि यह राज्य देश में पंचायत स्तर पर आपदा प्रबंधन समितियां स्थापित करने वाला पहला राज्य है. सरकार इस सुरक्षा नेटवर्क को केरल के सभी आपदा की आशंका वाले क्षेत्रों तक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. ताकि बड़ी घटनाओं के दौरान व्यापक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. अपने व्यापक प्रयासों के हिस्से के रूप में केरल ने पहले ही मोबाइल संदेशों और सोशल मीडिया के माध्यम से मौसम की चेतावनियां लागू कर दी है.