नई दिल्ली: केंद्र सरकार के एक करोड़ से ज़्यादा कर्मचारी और पेंशनर्स 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) के तहत चेयरमैन और दो सदस्यों की नियुक्ति का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. उम्मीद है कि सरकार जल्द ही नामों की घोषणा करेगी. इस बीच सभी की निगाहें टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR) पर टिकी हैं, जिसे अभी भी अंतिम रूप दिया जाना है.
जानकारी के मुताबिक टर्म ऑफ रेफरेंस को अप्रैल तक अंतिम रूप दिया जा सकता है. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के एक पत्र के जवाब में नेशनल काउंसिल - ज्वाइंट कंसल्टिव मशीनरी (NC-JCM) स्टाफ साइड ने आगामी 8वें वेतन आयोग के लिए प्रस्तावित ToR प्रस्तुत किया है.
इस संबंध में NC-JCM के सेक्रेटरी शिव (कर्मचारी पक्ष) गोपाल मिश्रा ने पत्र में टीओआर को अंतिम रूप देने से पहले विवरणों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक स्थायी समिति की बैठक की आवश्यकता पर जोर दिया.
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पत्र में केंद्र सरकार के विभिन्न कैटेगरी के कर्मचारियों के लिए सैलरी स्ट्रैक्चर, भत्तों और रिटायरमेंट बेनेफिट्स को संशोधित करने के प्रस्ताव हैं.इसमें 15 साल के बजाय 12 साल बाद पेंशन के कम्यूटेड हिस्से को बहाल करने और हर 5 साल के बाद पेंशन बढ़ाने के लिए संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों को लागू करने जैसी मांगों के बारे में भी बात की गई.
वेतन और भत्ते का पुनर्गठन
ToR में ऑल इंडिया सर्विस, रक्षा बलों, अर्धसैनिक बलों, डाक कर्मचारियों (ग्रामीण डाक सेवकों) और केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मियों सहित केंद्र सरकार के सभी कैटेगरी के कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रैक्चर की समीक्षा का प्रस्ताव है. इसमें करियर की प्रगति को बेहतर बनाने के लिए गैर-व्यवहार्य वेतनमानों को विलय करने की भी मांग की गई है.
मिनिमम सैलरी और नेशनल पे सैलरी
ToR चाहता है कि पैनल एक्रोयड फॉर्मूला और 15वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के आधार पर एक सभ्य और सम्मानजनक न्यूनतम वेतन निर्धारित करे. यह वेतन संरचना तैयार करते समय जीवन यापन की लागत और पारिवारिक उपभोग पैटर्न में बदलाव की सिफारिश करता है.
महंगाई भत्ता (DA) और अंतरिम राहत
यह कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बेहतर वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डीए को मूल वेतन और पेंशन के साथ मिलाने का सुझाव देता है. ToR 8वें सीपीसी की सिफारिशों के कार्यान्वयन तक केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए अंतरिम राहत की भी सिफारिश करता है.
रिटायरमेंट बेनेफिट्स और पेंशन रिफोर्म
एनसी-जेसीएम के कर्मचारी पक्ष ने भी टीओआर में पेंशन, ग्रेच्युटी और फैमिली पेंशन बेनेफिट्स को संशोधित करने की मांग की है. इसमें 1 जनवरी 2004 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों के लिए परिभाषित पेंशन योजना (सीसीएस पेंशन नियम 1972) को बहाल करने की भी बात कही गई है.
टीओआर में 15 साल के बजाय 12 साल बाद पेंशन के कम्यूटेड हिस्से को बहाल करने और हर 5 साल बाद पेंशन बढ़ाने के लिए संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों को लागू करने की भी सिफारिश की गई है.
चिकित्सा और कल्याण लाभ
टीओआर में एक और महत्वपूर्ण बिंदु सीजीएचएस (केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना) सुविधाओं में सुधार की मांग है, जिससे डाक पेंशनरों सहित कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए कैशलेस और परेशानी मुक्त चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित की जा सकें.
हेल्थ एंड वेलफेयर बेनेफिट्स
टीओआर में केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) सुविधाओं में सुधार की मांग है, जिससे डाक पेंशनभोगियों सहित कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए कैशलेस और परेशानी मुक्त चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित की जा सकें. टीओआर में बाल शिक्षा भत्ते और पोस्ट ग्रेजुएशन लेवल तक हॉस्टल सब्सिडी में वृद्धि की भी सिफारिश की गई है.
8वें वेतन आयोग का स्ट्रक्चर क्या होगा?
जैसा कि घोषणा की गई है इसमें अध्यक्ष सहित तीन सदस्य होंगे, जो संभवतः वित्त विशेषज्ञ होंगे. अन्य दो सदस्य प्रशासनिक और आर्थिक विशेषज्ञ हो सकते हैं. 6वें और 7वें वेतन आयोग में चार सदस्यों वाले बड़े पैनल थे, जिनमें एक सरकारी प्रतिनिधि भी शामिल था.
हालांकि, पैनल के सदस्यों की नियुक्ति अभी तक अंतिम रूप नहीं दी गई है, लेकिन राज्य सरकारों और रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग सहित प्रमुख मंत्रालयों के साथ परामर्श पहले ही शुरू हो चुका है.
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