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दिल्ली विधानसभा से निलंबित सात बीजेपी विधायकों की याचिका पर फैसला सुरक्षित - विधानसभा से निलंबित भाजपा विधायक

दिल्ली विधानसभा से निलंबित सात विधायकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई के दौरान कहा कि कोर्ट में मामला लंबित रहने के दौरान विशेषाधिकार समिति को आगे की कार्रवाई को जारी नहीं रखना चाहिए.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 27, 2024, 12:35 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के लिए निलंबित किए गए बीजेपी विधायकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई के दौरान कहा कि कोर्ट मे मामला लंबित रहने के दौरान विशेषाधिकार समिति को आगे की कार्रवाई को जारी नहीं रखना चाहिए.

इसके पहले की सुनवाई के दौरान दिल्ली विधानसभा ने कहा था कि बीजेपी के निलंबित सात विधायकों के खिलाफ चल रही कार्यवाही बिना देरी के खत्म हो जाएगी और उनका निलंबन असहमति के आवाज को खत्म करना कतई नहीं है. सुनवाई के दौरान दिल्ली विधानसभा की ओर से पेश वकील सुधीर नंद्राजोग ने कहा था कि विधायकों का निलंबन विपक्षी विधायकों के गलत आचरण के खिलाफ स्व-अनुशासन की एक प्रक्रिया है. नंद्राजोग ने सात विधायकों की ओर से दाखिल याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि विधानसभा अपनी गरिमा बनाये रखने को लेकर विवेक का इस्तेमाल करता है. उन्होंने कहा था कि जब विधायकों ने उप-राज्यपाल को माफी मांगते हुए पत्र लिखा तो उन्हें विधानसभा को भी ऐसा ही पत्र लिखना चाहिए. तब कोर्ट ने विधायकों की ओर से पेश वकील जयंत मेहता से कहा था कि इस मामले को सुलझाएं और विधानसभा को सम्मानपूर्वक पत्र लिखें.

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सुनवाई के दौरान नंद्राजोग ने कहा था कि निलंबित विधायकों ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है. उन्होंने कहा था कि विधायकों को निलंबित किए जाने को आम आदमी पार्टी के बहुमत के राजनीतिक रुप में नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा था कि इस मामले में विपक्ष के नेता भी बराबर के दोषी हैं, लेकिन उन्हें निलंबित नहीं किया गया. अगर असहमति की आवाज को बंद करना होता तो विपक्ष के नेता को भी निलंबित कर दिया जाता. नंद्राजोग ने कहा था कि विधानसभा की विशेषाधिकार समिति ने अभी कोई कार्यवाही नहीं की है. इस मामले में देरी इसलिए की जा रही है क्योंकि मामला कोर्ट में लंबित है. विशेधाधिकार समिति की देर करने की मंशा नहीं है. किसी भी अंतिम फैसला पर पहुंचने से पहले इन विधायकों का पक्ष सुना जाएगा.

दिल्ली हाईकोर्ट ने 22 फरवरी को दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति से कहा था कि वो निलंबित किए गए सात बीजेपी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई स्थगित रखें. कोर्ट ने कहा था कि चूंकि ये मामला कोर्ट में लंबित है इसलिए विशेषाधिकार समिति को कार्रवाई जारी नहीं रखनी चाहिए. सुनवाई के दौरान बीजेपी विधायकों की ओर से पेश वकील जयंत मेहता ने कहा था कि निलंबित विधायक 21 फरवरी को विधानसभा के स्पीकर से मिले थे. कोर्ट के इस आदेश के बाद इन विधायकों ने स्पीकर से मुलाकात की थी. 21 फरवरी को सात निलंबित विधायकों की ओर से कहा गया था कि विधायकों ने उप-राज्यपाल से मिलकर माफी मांग ली है.

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