नई दिल्लीःहर तरह के कैंसर के मामलों में वृद्धि होने से अब इसके इलाज की नई-नई तकनीकों का भी चलन बढ़ता जा रहा है. इसी क्रम में दिल्ली एम्स ने स्किन कैंसर के इलाज के लिए एक नई तकनीक मोहस (एमओएचएस) माइक्रोग्राफिक सर्जरी की शुरुआत कर दी है. एम्स के निदेशक प्रोफेसर एम. श्रीनिवास द्वारा शनिवार को इस सुविधा का शुभारंभ किया गया.
एम्स डर्मेटोलॉजी विभाग के विभागाध्याक्ष डॉ. कौशल कुमार वर्मा ने बताया कि इस तकनीक से भारत में स्किन कैंसर की सर्जरी शुरू करने वाला दिल्ली एम्स पहला अस्पताल है. उन्होंने बताया कि अभी तक स्किन कैंसर के मरीजों की सर्जरी में हमें उनके कैंसर वाली जगह का ज्यादा हिस्सा काटकर निकालना पड़ता था. जिससे उनके शरीर पर बड़े-बड़े निशान रह जाते थे. अब एमओएचएस माइक्रोग्राफिक तकनीक से सर्जरी करने पर स्किन कैंसर का उतना ही हिस्सा (टिश्यू) निकालने में आसानी होगी जितने हिस्से में कैंसर है. इससे शरीर पर बहुत छोटे-छोटे निशान दिखेंगे.
पहले अगर किसी के मुंह पर स्किन कैंसर होता था तो सर्जरी के बाद उसके चेहरे पर बड़े बड़े निशान रहने से उसकी सुंदरता खराब हो जाती थी. इस तकनीक से सर्जरी करने पर अब सौंदर्य पर बहुत कम असर पड़ेगा. डॉ. वर्मा ने बताया कि स्किन कैंसर के मामले भी अब काफी बढ़ रहे हैं. उनके पास अभी सर्जरी के लिए लंबी वेटिंग है. शनिवार को उद्घाटन के बाद रविवार से सर्जरी शुरू कर दी जाएगी.
उद्घाटन में भी स्किन कैंसर की सर्जरी वाले 12 मरीजों को बुलाया गया है. उन्होंने बताया कि करीब 30 लाख रुपये की लागत से एम्स में यह सुविधा शुरू हो रही है. इससे स्किन कैंसर के मरीजों को बेहतर इलाज और सुविधा मिलेगी. इस तकनीक से कम समय में अधिक मरीजों की सर्जरी की जा सकेगी. उन्होंने बताया कि यह तकनीक अभी तक विदेशों में इस्तेमाल की जा रही थी.
क्या है MOSH माइक्रोग्राफिक सर्जरी
MOSH माइक्रोग्राफिक सर्जरी त्वचा कैंसर के इलाज के लिए एक अत्यंत उन्नत और विशिष्ट सर्जिकल तकनीक है. इसे त्वचा कैंसर के उपचार में देखभाल का मानक माना जाता है. यह आसपास की सामान्य त्वचा के न्यूनतम नुकसान के साथ ट्यूमर को पूरी तरह से हटाने को सुनिश्चित करता है, जिससे बेहतर उपचार और फिर से कैंसर होने की दर कम होती है. इसका उपयोग मुख्य रूप से गैर मेलेनोमा त्वचा कैंसर के लिए किया जाता है. लेकिन अब मेलेनोमा और अन्य स्किन ट्यूमर के इलाज में भी इसका इस्तेमाल शुरू हो गया है.