जयपुर/माल्टा : देसी संस्कृति और रीति-रिवाज के प्रचार के लिए सात समंदर पार से सुर्खियां बटोरने वाली धोली मीणा एक बार फिर माल्टा में चर्चा में रहीं. मौका था अमेरिकी दूतावास की हैंडीक्राफ्ट एग्जीबिशन का, जहां महिलाओं के बनाए हाथ से बुने गए कपड़े, सुंदर मिट्टी के बर्तन, पेपर मैशी के काम, कढ़ाई वाले वस्त्र और कई तरह के जेवरात की नुमाइश लगाई गई थी.
एग्जिबिशन में शिरकत करने आए माल्टा के चौथे प्रधानमंत्री के पोते से उनकी मुलाकात हुई, जिन्होंने धोली को उनके लिबास से पहचान लिया और पूछा कि 'आर यू फ्रॉम राजस्थान?' (क्या आप राजस्थान से हो?). साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वे कई बार राजस्थान घूमने आ चुके हैं. पहली बार वे 40 साल पहले राजस्थान आए थे. तब उन्होंने जयपुर जिले के सामोद महल में अपनी पत्नी का जन्मदिन भी मनाया था. उन्होंने सामोद महल में रुकने का अनुभव साझा किया और राजस्थान की मेहमान नवाजी की तारीफ की. इसके बाद धोली मीणा ने भी उन्हें एक बार फिर राजस्थान आने का न्योता दिया, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया.
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देसी महिलाओं को दिया पैगाम :हैंडीक्राफ्ट मेले के दौरान धोली मीणा ने अमेरिकी दूतावास के मिशन उप-प्रमुख Ken Toko और अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों से मुलाकात की. इन मुलाकातों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान के साथ-साथ भविष्य में ऐसे और आयोजनों की संभावनाओं पर चर्चा हुई. धोली ने इस मौके पर अपनी संस्कृति के बारे में जानकारी साझा की और उन्होंने दूसरों को भी राजस्थान की समृद्ध हस्तशिल्प परंपरा के बारे में जानने का मौका दिया. धोली मीणा ने इस आयोजन के दौरान कहा कि आज के युग में जब व्यावसायिक उत्पादन की होड़ में हस्तशिल्प कला कमजोर पड़ रही है, ऐसे में यूरोपीय महिलाओं का यह प्रयास प्रेरणादायक है. उन्होंने जोर देकर कहा कि राजस्थान की महिलाओं को भी इस मार्ग पर चलना चाहिए. अपनी सांस्कृतिक विरासत जैसे ब्लॉक प्रिंटिंग, बांधनी, लहरिया और कठपुतली निर्माण को आगे बढ़ाना चाहिए.