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भांकरोटा अग्निकांड केस : मरीजों की जान से खिलवाड़, अस्पताल प्रशासन बना मूकदर्शक - BHANKROTA FIRE INCIDENT

भांकरोटा अग्निकांड के मरीजों का एसएमएस अस्पताल में इलाज चल रहा है, जहां नेताओं की आवाजाही से इंफेक्शन का खतरा बढ़ गया है.

BHANKROTA FIRE INCIDENT
भांकरोटा अग्निकांड केस (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 4 hours ago

जयपुर : भांकरोटा अग्निकांड के मरीजों का इलाज जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में चल रहा है. अभी तक 14 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि 24 मरीज अभी भी अस्पताल के बर्न वार्ड में भर्ती हैं. इस बीच अस्पताल में नेताओं की आवाजाही लगी हुई है, जो वहां भर्ती मरीजों के लिए खतरनाक है.

दरअसल, कुछ नेता सीधे तौर पर बर्न वार्ड में एंट्री कर रहे हैं, जिसके बाद मरीजों में इंफेक्शन का खतरा बढ़ गया है. चिकित्सकों का कहना है कि आग से जलने के बाद आमतौर पर मरीज में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. वहीं, नेता सीधे तौर पर वार्ड में मरीजों से मुलाकात कर रहे हैं. इस बीच एसएमएस अस्पताल में उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी भी पहुंचीं और मरीजों के परिजनों से मुलाकात कीं. इस दौरान दीया कुमारी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को बर्न वार्ड में नहीं जाना चाहिए. उन्होंने खुद भी मरीजों को बाहर से देखा और उनके परिजनों से बातचीत की.

अस्पताल में मरीजों की जान से हो रहा खिलवाड़ (ETV BHARAT JAIPUR)

इसे भी पढ़ें - भांकरोटा अग्निकांड : पीड़ितों से मिलने पहुंचे सचिन पायलट, कहा - हादसे की जांच हो और इससे सबको लेनी चाहिए सबक - JAIPUR TANKER BLAST UPDATE

अस्पताल प्रशासन ने जताई असमर्थता : वहीं, पूरे मामले को लेकर अस्पताल प्रशासन से बातचीत की गई, तो एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी ने बताया कि जो भी बड़े व्यक्ति या फिर नेता मिलने आ रहे हैं, हम उनसे आग्रह कर रहे हैं कि आप अंदर न जाएं. हालांकि, डिप्टी सीएम दीया कुमारी और सचिन पायलट अंदर नहीं गए, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें हम नहीं रोक पा रहे हैं.

परिजनों ने लगाए ये आरोप : दीया कुमारी जब मरीज के परिजनों से मिली, तब कुछ परिजनों ने आरोप लगाया कि मरीजों का ख्याल नहीं रखा जा रहा है. परिजनों ने कहा कि साफ-सफाई का ध्यान बिल्कुल नहीं रखा जा रहा. इस मामले को लेकर अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी ने कहा कि बर्न के मामलों में शरीर से लिक्विड निकलता है और हम लगातार सफाई का ध्यान रख रहे हैं.

इसे भी पढ़ें - भांकरोटा अग्निकांड: जब हादसा हुआ तो लोगों ने सांस के साथ गैस और आग निगली, कइयों की सांस की नली डैमेज, 15 की स्थिति नाजुक - JAIPUR TANKER BLAST

राजनीति करने का समय नहीं : वहीं, इस पूरे हादसे को लेकर विपक्ष ने भी सवाल उठाया है और इसे हादसा नहीं, बल्कि लापरवाही करार दिया. विपक्ष के आरोपों पर बोलते हुए दीया कुमारी ने कहा कि यह समय राजनीति करने का नहीं, बल्कि हम किस तरह से घायलों की मदद कर सकते हैं, उस पर विचार करना चाहिए.

नहीं मिल रही एंबुलेंस : इस हादसे में जिन मरीजों की जान गई है, उनके परिजनों ने आरोप लगाया शव ले जाने के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई इंतजाम नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि करीब एक घंटे के इंतजार के बाद भी उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली. वहीं, उनके घर पर स्थिति काफी खराब है.

जयपुर : भांकरोटा अग्निकांड के मरीजों का इलाज जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में चल रहा है. अभी तक 14 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि 24 मरीज अभी भी अस्पताल के बर्न वार्ड में भर्ती हैं. इस बीच अस्पताल में नेताओं की आवाजाही लगी हुई है, जो वहां भर्ती मरीजों के लिए खतरनाक है.

दरअसल, कुछ नेता सीधे तौर पर बर्न वार्ड में एंट्री कर रहे हैं, जिसके बाद मरीजों में इंफेक्शन का खतरा बढ़ गया है. चिकित्सकों का कहना है कि आग से जलने के बाद आमतौर पर मरीज में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. वहीं, नेता सीधे तौर पर वार्ड में मरीजों से मुलाकात कर रहे हैं. इस बीच एसएमएस अस्पताल में उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी भी पहुंचीं और मरीजों के परिजनों से मुलाकात कीं. इस दौरान दीया कुमारी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को बर्न वार्ड में नहीं जाना चाहिए. उन्होंने खुद भी मरीजों को बाहर से देखा और उनके परिजनों से बातचीत की.

अस्पताल में मरीजों की जान से हो रहा खिलवाड़ (ETV BHARAT JAIPUR)

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अस्पताल प्रशासन ने जताई असमर्थता : वहीं, पूरे मामले को लेकर अस्पताल प्रशासन से बातचीत की गई, तो एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी ने बताया कि जो भी बड़े व्यक्ति या फिर नेता मिलने आ रहे हैं, हम उनसे आग्रह कर रहे हैं कि आप अंदर न जाएं. हालांकि, डिप्टी सीएम दीया कुमारी और सचिन पायलट अंदर नहीं गए, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें हम नहीं रोक पा रहे हैं.

परिजनों ने लगाए ये आरोप : दीया कुमारी जब मरीज के परिजनों से मिली, तब कुछ परिजनों ने आरोप लगाया कि मरीजों का ख्याल नहीं रखा जा रहा है. परिजनों ने कहा कि साफ-सफाई का ध्यान बिल्कुल नहीं रखा जा रहा. इस मामले को लेकर अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी ने कहा कि बर्न के मामलों में शरीर से लिक्विड निकलता है और हम लगातार सफाई का ध्यान रख रहे हैं.

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राजनीति करने का समय नहीं : वहीं, इस पूरे हादसे को लेकर विपक्ष ने भी सवाल उठाया है और इसे हादसा नहीं, बल्कि लापरवाही करार दिया. विपक्ष के आरोपों पर बोलते हुए दीया कुमारी ने कहा कि यह समय राजनीति करने का नहीं, बल्कि हम किस तरह से घायलों की मदद कर सकते हैं, उस पर विचार करना चाहिए.

नहीं मिल रही एंबुलेंस : इस हादसे में जिन मरीजों की जान गई है, उनके परिजनों ने आरोप लगाया शव ले जाने के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई इंतजाम नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि करीब एक घंटे के इंतजार के बाद भी उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली. वहीं, उनके घर पर स्थिति काफी खराब है.

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