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विभाजन के समय पाकिस्तान से आई थी अखंड ज्योति, दतिया में अभी भी फैला रही है प्रकाश - Datia Jyoti Snan Mahotsav - DATIA JYOTI SNAN MAHOTSAV

भारत पाकिस्तान के विभाजन के समय सिंधी समाज के लोगों द्वारा एक ज्योति लाई गई थी. इसकी स्थापना दतिया में की गई. यह अखंड ज्योति है, हमेशा जलती है. हर साल यहां 3 दिन का अखंड ज्योति महोत्सव मनाया जाता है.

DATIA JYOTI SNAN MAHOTSAV
सन्त हजारी राम मंदिर (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 5, 2024, 9:25 PM IST

दतिया: सिंधी समाज का विशेष पर्व ज्योति स्नान का 3 दिवसीय महोत्सव दतिया में चल रहा है. इस महोत्सव में शामिल होने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. यह महोत्सव हर साल मनाया जाता है. यह पवित्र अखंड ज्योति, भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय पाकिस्तान के सिंध प्रांत से लाई गई थी. 1952 में स्थापना के बाद से यहां हर साल बड़े धूमधाम से ज्योति स्नान पर्व मनाया जाता है.

भारत-पाक विभाजन के समय दतिया आई थी ज्योति (ETV Bharat)

भारत विभाजन के समय लाई गई थी ज्योति

सन्त हजारी राम मंदिर में स्थापित पवित्र अखंड ज्योति सिंधी समाज की आस्था व विश्वास का प्रतीक है. 1947 में भारत पाकिस्तान के बंटवारे के बाद पाकिस्तान से दतिया पहुंची अखंड ज्योति सबसे पहले बैंक घर की हवेली में स्थापित की गई. 5 साल तक यहां पूजा और सेवा के बाद पाकिस्तान से दतिया पहुंचे सिंधी समाज के लोगों ने सामुहिक चन्दा कर गाड़ी खाना के पास जमीन खरीदी और 1952 में सन्त हजारी राम मंदिर का निर्माण कराया. मंदिर निर्माण के बाद यहां अखंड ज्योति का स्थापना की गई. तभी से यहां यह लगातार जल रही है.

पहले पानी से जलती थी अखंड ज्योति

यह अखंड ज्योति पहले पानी से जलती थी. यह प्रक्रिया कई सालों तक चलती रही. संत हजारी राम साहिब के प्राण त्यागने के बाद से यह सरसों के तेल से जलाई जाने लगी. स्थापना के बाद से यह ज्योति लगातार जल रही है, इसलिए इसे अखंड ज्योति भी कहा जाता है. पूरे साल में एक बार दिव्य अखंड ज्योति को स्नान कराया जाता हैं. मंदिर से रथ पर सवार होकर ज्योति को धूमधाम से बाजार में निकाला जाता है, लोग जगह-जगह इसको को तेल चढ़ाते हैं. करन सागर पर पहुंचकर संतों द्वारा इसको स्नान कराया जाता है और मंदिर पर संतों का समागम भी कराया जाता है.

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कैसे हुई थी प्रकट?

मान्यता के अनुसार, संत हजारी राम ने वर्षों पहले अपने गुरु के आश्रम पर 9 दिनों की जल समाधि ली थी. उनके परिवार वाले उन्हें खोजते हुए उस आश्रम पहुंचे और हजारी राम के बारे में पूछा तो उनके गुरु ने बताया कि वह जल समाधि में हैं. 9 दिन की जल समाधि के बाद हजारी राम पानी के अन्दर से ही जलती हुई ज्योति के साथ निकले. तभी से आज तक यह अखंड ज्योति जल रही है.

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