जसप्रीत पॉल जानकारी देते हुए. मंडी:छोटी काशी मंडी शहर के साइकिलिस्ट जसप्रीत पॉल ने एक और कीर्तिमान अपने नाम किया है. इस बार जसप्रीत पॉल ढाई फीट सफेद बर्फ की चादर में साइकिल से सफर तय कर 9 हजार फीट की ऊंचाई पर बसे पराशर ऋषि के दरबार पहुंचे हैं. यह सफर जसप्रीत पॉल ने किसी और के साथ नहीं बल्कि अकेले ही पूरा किया है. इसके साथ ही जसप्रीत पॉल ने एक नया कारनामा करके जहां नई मिसाल पेश की है. वहीं, इतिहास भी रच डाला है.
इस रूट से पहुंचे पराशर
जसप्रीत ने बताया कि 14 फरवरी को वो सुबह पांच बजे मंडी से निकला और पराशर तक जाने के लिए एक नए रूट का चयन किया. यह रूट मंडी से हणोगी, बांधी और कांढा होते हुए था. इस रूट से बहुत ही कम लोग जाते हैं, क्योंकि यह काफी कठिन और अधिक दूरी वाला है. जसप्रीत ने सुबह 5 बजे मंडी से अपनी यात्रा की शुरूआत की और शाम पांच बजे पराशर पहुंचे. सबसे ज्यादा समय हणोगी से बांधी तक लगा जहां 15 किमी की खड़ी चढ़ाई को पूरा करने में ही पांच घंटे लग गए.
जसप्रीत ने बताया कि यह सफर काफी चुनौतीपूर्ण था, लेकिन उसे पूरा करने की ठानी थी जिसे पूरा कर दिखाया है. 'चुनौतीपूर्ण था सफर'
जसप्रीत ने बताया कि पराशर ऋषि के मंदिर से पांच किमी पहले बर्फ मिलना शुरू हो गई. जहां-जहां बर्फ हॉर्ड थी वहां पर तो साइकिल चल पड़ी, लेकिन जहां पर बर्फ नर्म थी वहां पर साइकिल को खींचकर ले जाना पड़ा. इस तरह से आधा सफर साइकिल पर सवार होकर तो आधार उसे खींचकर पूरा करना पड़ा. जसप्रीत ने बताया कि यह सफर काफी चुनौतीपूर्ण था, लेकिन उसे पूरा करने की ठानी थी जिसे पूरा कर दिखाया है.
जसप्रीत ने सुबह 5 बजे मंडी से अपनी यात्रा की शुरूआत की और शाम पांच बजे पराशर पहुंचे. 'गाड़ी ही नहीं साइकिल से भी जा सकते हैं, इससे पर्यावरण स्वच्छ रहेगा और शरीर भी'
जसप्रीत ने बताया कि अब वह भविष्य में कमरूनाग, शैटाधार और शिकारी देवी की पहाड़ियों पर बर्फ के बीच साइकिल से जाना चाहते हैं और इस लक्ष्य को वह इसी सीजन में पूरा करना चाहते हैं. जसप्रीत बताते हैं कि जहां पर लोग बर्फबारी में अपनी फोर वाय फोर गाड़ियों को लेकर जाते हैं वहां पर पर्यावरण प्रिय साइकिल से भी जाया जा सकता है. इससे जहां पर्यावरण स्वच्छ रहेगा वहीं शरीर भी स्वस्थ रहेगा.
पुजारी और अन्य लोग हुए हैरान
जसप्रीत पॉल के साइकिल से पराशर पहुंचने पर वहां मौजूद पुजारी और अन्य लोग भी हैरान रह गए. पुजारी अमर सिंह ने बताया कि आजकल जहां लोग पैदल नहीं आ पाते वहां पर जसप्रीत साइकिल से पहुंचे हैं जो हैरानी की बात है. उन्होंने बताया कि पराशर मंदिर में बर्फ के बीच सिर्फ कुछ लोग ही रहते हैं जो मंदिर की देखभाल करते हैं.
15 किमी की खड़ी चढ़ाई को पूरा करने में ही पांच घंटे लग गए. कौन हैं जसप्रीत पॉल:फायरफॉक्स-फायरस्टॉर्म चैलेंज 2021 में देश में पहला स्थान जसप्रीत हासिल किया है. इसके साथ ही कई जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में भी वह विजेता रह चुके हैं. इसके साथ ही उन्होंने तीन प्रमुख यात्राएं साइकिलिंग के जरिए से पूरी की हैं. जिसमें की पहली यात्रा मंडी के थुनाग से चंद्रताल, रोहतांग पास से होते हुए चार दिन में पूरी की है. वहीं, दूसरी यात्रा मनाली से चंबा वाया उदयपुर, किलाड़ से होते हुए साच पास दर्रे को भी साइकिल पर पार किया है. तीसरी यात्रा उन्होंने शिमला से चांशल पास तक साइकिल पर पूरी की है. इसके साथ ही साइकिल चैंपियनशिप की बात की जाए तो जसप्रीत पॉल ने 23 जून से 26 जून तक आयोजित हुई फर्स्ट एमटीवी हिमाचल चैंपियनशिप में तीसरा स्थान हासिल किया है.
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