चंडीगढ़: शुक्रवार को चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने नगाड़ा बजाकर 14वें राष्ट्रीय शिल्प मेले का आगाज किया. राष्ट्रीय शिल्प मेला इस बार रिद्म ऑफ इंडिया और कलर ऑफ इंडिया थीम के साथ मनाया जा रहा है. सांस्कृतिक केंद्र पटियाला और चंडीगढ़ कला एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वाधान में इस मेले को आयोजित किया जा रहा है. प्रशासक ने मेले में स्थापित पत्थरों में तराशे गए राशि चिन्हों को बहुत सराहा और कलाकारों की बहुत तारीफ की.
चंडीगढ़ में क्राफ्ट मेले का आगाज: चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि राजभवन ने कलाकारों के सम्मान में हर संभव मदद की है. मैं चाहता हूं कि देश के कोने-कोने में कलाकारों का सम्मान किया जाना चाहिए और ये हमारी जिम्मेदारी है. अभी भी गांवों में कई कलाकार छिपे बैठे हैं. मैं डायरेक्टर फुरकान खान जी से गुजारिश करता हूं कि उन्हें तलाशें और यहां लेकर आएं. हम उनका सम्मान करेंगे. जिसके वो हकदार हैं.
पहले दिन गायकों ने बांधा समां: उद्घाटन समारोह के बाद मंच पर 51 वाद्य यंत्रों की खास संगीतमय प्रस्तुति पेश की गई. जिसका अभ्यास निदेशक फुरकान खान के निर्देशन में किया गया था. प्रस्तुति को रिद्म ऑफ इंडिया का नाम दिया गया. फिर 14 राज्यों के लोक नृत्यों ने सभी को दीवाना बनाया. इस नृत्य को कोरियोग्राफर सुशील शर्मा ने 'कलर ऑफ इंडिया' थीम पर तैयार कराया. फिर सूफी गायक कंवर ग्रेवाल ने समा बांधा.
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन: लोक कलाओं पर आधारित कार्यक्रम मेले में दिनभर जारी रहे. इस मौके पर लोक कला साधक (लाइफटाइम अचीवमेंट) अवॉर्ड भी दिए गए. लोक नृत्य श्रेणी में राजस्थान की तेरहताल की कलाकार दुर्गा देवी और हिमाचल प्रदेश के बालक राम ठाकुर का अवॉर्ड मिला. वहीं, लोक संगीत के क्षेत्र में पंजाब के देस राज लचकानी और जम्मू-कश्मीर की गुजरी गायक 'बेगम जान' को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया.