मेरठ:जिलेके सबसे पॉश इलाके में स्थित सेंट्रल मार्केट को लेकर बड़ी खबर है. सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गये फैसले के बाद इस मार्केट में अब बुलडोजर चलने जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आवास विकास परिषद को तीन महीने में अवैध निर्माण हटाने का निर्देश दिया है. यहां आवासीय परिसर में अवैध तरीके से निर्माण कर व्यावसायिक गतिविधियां चल रही थीं.
गौर करने वाली बात यह है, कि अब से पहले सन 2013 में सेंट्रल मार्केट को ध्वस्तीकरण करने का आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी दिया था. जिसके खिलाफ यहां के व्यापारियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, लेकिन 10 साल की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है. इतना ही नहीं इसके साथ ही आवास विकास के उन अफसरों पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, जिनकी वजह से आवासीय परिसर को कमर्शियल बना दिया गया था.
मेरठ सेंट्रल मार्केट के व्यापारी नेता ने दी जानकारी (Video Credit; ETV Bharat) इसे भी पढ़ें - लखनऊ में LDA का एक्शन, मुबारकपुर चौराहे के पास 50 बीघे में अवैध प्लाटिंग पर चला बुलडोजर - LDA ACTION IN LUCKNOW बता दें, कि यह मार्केट मेरठ के पॉश मार्केट में से एक है. सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जारी किए गये आदेश के बाद अब यहां के व्यापारियों के होश उड़ गये हैं.
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गये आदेश के बाद अब दिन भर पूरे मार्केट के व्यापारी भविष्य को लेकर तनाव में नजर आए. दिन भर पूरी मार्केट में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की चर्चा होती रही. व्यापारियों का कहना है, कि उनकी रोजी रोटी रोजगार सब यहीं है ऐसे में जो आदेश आया है, उसके बाद सभी हैरान हैं.
इस बारे में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान उत्तरप्रदेश आवास एवं विकास परिषद मेरठ के चीफ इंजीनियर राजीव कुमार ने बताया, कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा.इसके लिए जो तय समय अवधि है उसमें जो आदेश आया है उसी के आधार पर एक्शन लेंगे. हालांकि व्यापारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में ही एक मर्सी अपील दाखिल करेंगे. हालांकि जो तय एरिया है उसमें लगभग 22 दुकाने हैं जिनपर पर अब बुलडोजर चल सकता है. बस इस बारे में अब आवास विकास विभाग को रणनीति तय करनी है.
ये था पूरा मामला:पूर्व में आवास विकास की तरफ से 6500 आवासीय प्लॉटों की कॉलोनी शास्त्रीनगर में विकसित हुई थी. तब यहां के लोगों ने अपने घरों में दुकानें, शोरूम, बेकरी, रेस्टोरेंट व अन्य व्यावसायिक गतिविधियां शुरू हो गई. 1995 अफसरों सांठगांठ से शुरू हुआ यह खेल ऐसा बढ़ा कि यहां घर-घर में दुकानें और शोरूम खुल गए . बीतते समय के साथ ही सेंट्रल मार्केट मेरठ के पॉश बाजारों में शामिल हो गया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जब आवास विकास की तरफ से सर्वे किया गया तो इसका खुलासा हुआ. जिसके बाद मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने में मार्केट से अवैध निर्माण हटाने का निर्देश दिया है. जिसके बाद अब आवास विकास के अफसरों कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अमल में लाते हुए कार्रवाई की जाएगी.
इस बारे में व्यापारी नेताओं का कहना है, कि वह सुप्रीम कोर्ट के कुछ वकीलों से राय मशवीरा करेंगे. उम्मीद है कोई हल निकलेगा. वहीं इस बारे में सीएम योगी से भी मिलने का समय मांग रहे हैं. उनका कहना है कि 22 दुकाने हैं जिनसे लगभग 80 परिवार जुड़े हैं जिनके सामने बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा.
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