शिमला: शहरी इलाकों में टॉयलेट सीट पर 25 रुपए प्रति माह शुल्क लगाने की अधिसूचना जारी होने के बाद सुक्खू सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. अब सरकार ने अपने फैसले से यू टर्न ले लिया है. अब प्रदेश सरकार की तरफ से मामले में सफाई दी जा रही है. सीएम सुखविंदर अब पूरे विवाद पर दिल्ली में सफाई दे रहे हैं. सीएम सुक्खू इसके पीछे बीजेपी की साजिश बता रहे है हैं.
सीएम सुक्खू ने इस विवाद पर बीजेपी को घेरते हुए कहा कि,'ये बात तथ्यों से परे है. हरियाणा में विधानसभा चुनाव है. इसलिए बीजेपी कभी हिंदू-मुस्लिम और कभी सीवरेज की बात कर रही है. किसी से कोई शौचालय शुल्क नहीं लिया जाएगा. ये बात बिल्कुल गलत है.'
हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति विभाग की तरफ से 21 सितंबर को जारी नोटिफिकेशन में ये दर्ज था कि शहरी इलाकों में जहां कोई प्रतिष्ठान जल शक्ति विभाग की सीवरेज लाइन का प्रयोग करता है, उसे 25 रुपए प्रति सीट प्रति माह शुल्क देना होगा. इसमें एक बिंदु ये था कि जो प्रतिष्ठान अपना वाटर सोर्स यूज कर रहे हैं, लेकिन सीवरेज सिस्टम सरकारी यानी जल शक्ति विभाग का है, उन्हें इस शुल्क का भुगतान करना होगा.