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ईटीवी भारत की खबर पर मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान, तुरंत कार्रवाई के दिए निर्देश

लातेहार में 17 साल बाद भी अनुकंपा पर नौकरी नहीं मिलने की ईटीवी भारत की खबर पर सीएम हेमंत सोरेन ने संज्ञान लिया है.

CM Hemant Soren
सीएम हेमंत सोरेन और सुनील बृजिया और उसकी मां (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 4 hours ago

लातेहार: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईटीवी भारत की खबर पर संज्ञान लिया है. उन्होंने ट्वीट के जरिए जिला प्रशासन को मामले में तत्काल कार्रवाई कर उन्हें सूचित करने का निर्देश दिया है. ईटीवी भारत ने लातेहार के आदिवासी युवक सुनील बृजिया को 17 साल बाद भी अनुकंपा के आधार पर नौकरी नहीं मिलने की खबर प्रकाशित की थी. इस खबर पर मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया.

दरअसल, लातेहार जिले के गारू प्रखंड अंतर्गत हेनार गांव निवासी आदिवासी युवक सुनील बृजिया के पिता सरकारी शिक्षक थे. सेवाकाल के दौरान ही वर्ष 2007 में उनकी मृत्यु हो गई थी. सरकारी प्रावधान के अनुसार पिता की मृत्यु के बाद सुनील बृजिया को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जानी थी. सारी कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद भी सुनील को सरकारी नौकरी नहीं मिली. वह पिछले 17 साल से नौकरी के लिए दर-दर भटक रहा है. उसकी मां को भी प्रावधान के अनुसार पेंशन की राशि नहीं मिल रही है. इस खबर को बुधवार को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था.

जानकारी देते संवाददाता राजीव कुमार (ईटीवी भारत)

मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान

इधर, जब इस मामले को लेकर ईटीवी भारत में खबर प्रकाशित हुई तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खबर को गंभीरता से लिया और तत्काल लातेहार जिला प्रशासन को ट्विटर के माध्यम से मामले में त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को मामले की जांच कर उन्हें इसकी जानकारी देने का भी आदेश दिया है. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है. हालांकि अच्छी बात यह है कि लातेहार डीसी उत्कर्ष गुप्ता ने भी शिक्षा विभाग को पूरे मामले की जांच कर इस पर तत्काल उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

सुनील के चेहरे पर छाई खुशी

मुख्यमंत्री द्वारा सुनील की समस्या का संज्ञान लेने की सूचना के बाद सुनील के चेहरे पर भी खुशी छा गई है. उसके मन में उम्मीद जगी है कि शायद अब 17 साल की लंबी तपस्या सफल होगी और उसे सरकारी नौकरी मिल सकेगी. अब देखना यह है कि लातेहार जिला प्रशासन इस मामले में जांच कर उचित कार्रवाई करने में कितना समय लगाता है.

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