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पंचमसाली प्रदर्शनकारियों पर पुलिस लाठीचार्ज से हंगामा, भाजपा ने सिद्धारमैया से माफी की मांग की

पंचमसाली समुदाय के प्रदर्शनकारियों पर पुलिस लाठीचार्ज को लेकर भाजपा नेताओं ने सीएम सिद्धारमैया से माफी मांगने की मांग की है.

बीजेपी ने की सिद्धारमैया से माफी की मांग की
बीजेपी ने की सिद्धारमैया से माफी की मांग की (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

बेंगलुरु: 2A रिजर्वेश की मांग कर रहे पंचमसाली समुदाय के प्रदर्शनकारियों पर पुलिस लाठीचार्ज ने कर्नाटक में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस कृत्य की कड़ी निंदा की है और कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है. यह घटना सुवर्ण सौधा के पास हुई, जहां पंचमसाली लिंगायत समुदाय के सदस्य 2A आरक्षण श्रेणी में शामिल होने की अपनी लंबे समय से चली आ रही मांग को लेकर रैली कर रहे थे.

भाजपा ने अपने विधायकों और प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र के नेतृत्व में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर असंतोष को दबाने के लिए बल प्रयोग करने का आरोप लगाया. प्रदर्शनकारी सुवर्ण सौधा के पास डॉ बीआर आंबेडकर की प्रतिमा के पास एकत्र हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शकारियों ने आरोप लगाया कि यह घटना लोकतंत्र विरोधी और लिंगायत विरोधी है. भाजपा नेताओं ने सीएम सिद्धारमैया से माफी मांगने और लाठीचार्ज में शामिल पुलिस के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की.

भाजपा ने प्रदर्शन से निपटने के सरकार के तरीके की आलोचना की
मीडिया को संबोधित करते हुए बी वाई विजयेंद्र ने कहा, "शांतिपूर्ण पंचमसाली प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज मुख्यमंत्री के समर्थन से किया गया था. इस सरकार ने लोकतंत्र और लिंगायत समुदाय के प्रति घोर उपेक्षा दिखाई है. स्वामीजी से बातचीत करने और मामले को विनम्रता से सुलझाने के बजाय, मुख्यमंत्री के अहंकार ने तनाव को बढ़ा दिया है. पुलिस की कार्रवाई एक अक्षम्य अपराध था और हम बिना शर्त माफी और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं."

विपक्ष के नेता आर अशोक ने विजयेंद्र की भावना को दोहराते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार फूट डालो और राज करो की नीति पर चल रही है. उन्होंने कहा, "जब इस तरह की हिंसक घटनाएं होती हैं, तो मुख्यमंत्री की करुणा और निष्पक्षता की पिछली बयानबाजी खोखली लगती है. इस पूर्व नियोजित पुलिस बर्बरता के पीछे की सच्चाई को उजागर करने के लिए न्यायिक जांच आवश्यक है."

गृह मंत्री ने पुलिस कार्रवाई का बचाव किया
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गृह मंत्री डॉ जी परमेश्वर ने लाठीचार्ज का बचाव किया कहा कि प्रदर्शनकारियों द्वारा कथित तौर पर कानून का उल्लंघन किए जाने के कारण ऐसा हुआ. हमने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी, लेकिन स्थिति तब बिगड़ गई जब प्रदर्शनकारियों ने सुवर्ण सौधा की ओर मार्च करने का प्रयास किया और बैरिकेड्स तोड़ दिए. उन्होंने पत्थरबाजी भी शुरू कर दी और उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की. कानून प्रवर्तन ने सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई की, और हमारे पास इसे प्रमाणित करने के लिए वीडियो भी हैं.

परमेश्वर ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार पंचमसाली समुदाय के विरोध करने के अधिकार का सम्मान करती है, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि सार्वजनिक सुरक्षा और कानून का पालन किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "हमने प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए मंत्रियों को भेजा, फिर भी उनकी मांगें कानूनी सीमाओं से परे थीं. इन परिस्थितियों में लाठीचार्ज करना आवश्यक हो गया था."

भाजपा की जवाबदेही की मांग
विपक्षी नेता चालावाडी नारायणस्वामी ने सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वह बल प्रयोग कर असहमति को दबा रही है. उन्होंने सवाल किया, "वादों को पूरा न करने से लेकर निर्दोष प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज तक, कांग्रेस ने लगातार अपने दोहरे मानदंड दिखाए हैं. हमले में घायल हुए लोगों का क्या हुआ? सरकार को जवाब देना चाहिए."

भाजपा नेताओं ने घटना की न्यायिक जांच, इसमें शामिल पुलिस अधिकारियों के निलंबन और घटना में उनकी कथित भूमिका के लिए सीएम के इस्तीफे की भी मांग की.

यह भी पढ़ें- Hathras Rape Case: वादे पूरे होने के इंतजार में पीड़ित परिवार, जानें मामले में अब तक क्या हुआ?

बेंगलुरु: 2A रिजर्वेश की मांग कर रहे पंचमसाली समुदाय के प्रदर्शनकारियों पर पुलिस लाठीचार्ज ने कर्नाटक में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस कृत्य की कड़ी निंदा की है और कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है. यह घटना सुवर्ण सौधा के पास हुई, जहां पंचमसाली लिंगायत समुदाय के सदस्य 2A आरक्षण श्रेणी में शामिल होने की अपनी लंबे समय से चली आ रही मांग को लेकर रैली कर रहे थे.

भाजपा ने अपने विधायकों और प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र के नेतृत्व में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर असंतोष को दबाने के लिए बल प्रयोग करने का आरोप लगाया. प्रदर्शनकारी सुवर्ण सौधा के पास डॉ बीआर आंबेडकर की प्रतिमा के पास एकत्र हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शकारियों ने आरोप लगाया कि यह घटना लोकतंत्र विरोधी और लिंगायत विरोधी है. भाजपा नेताओं ने सीएम सिद्धारमैया से माफी मांगने और लाठीचार्ज में शामिल पुलिस के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की.

भाजपा ने प्रदर्शन से निपटने के सरकार के तरीके की आलोचना की
मीडिया को संबोधित करते हुए बी वाई विजयेंद्र ने कहा, "शांतिपूर्ण पंचमसाली प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज मुख्यमंत्री के समर्थन से किया गया था. इस सरकार ने लोकतंत्र और लिंगायत समुदाय के प्रति घोर उपेक्षा दिखाई है. स्वामीजी से बातचीत करने और मामले को विनम्रता से सुलझाने के बजाय, मुख्यमंत्री के अहंकार ने तनाव को बढ़ा दिया है. पुलिस की कार्रवाई एक अक्षम्य अपराध था और हम बिना शर्त माफी और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं."

विपक्ष के नेता आर अशोक ने विजयेंद्र की भावना को दोहराते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार फूट डालो और राज करो की नीति पर चल रही है. उन्होंने कहा, "जब इस तरह की हिंसक घटनाएं होती हैं, तो मुख्यमंत्री की करुणा और निष्पक्षता की पिछली बयानबाजी खोखली लगती है. इस पूर्व नियोजित पुलिस बर्बरता के पीछे की सच्चाई को उजागर करने के लिए न्यायिक जांच आवश्यक है."

गृह मंत्री ने पुलिस कार्रवाई का बचाव किया
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गृह मंत्री डॉ जी परमेश्वर ने लाठीचार्ज का बचाव किया कहा कि प्रदर्शनकारियों द्वारा कथित तौर पर कानून का उल्लंघन किए जाने के कारण ऐसा हुआ. हमने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी, लेकिन स्थिति तब बिगड़ गई जब प्रदर्शनकारियों ने सुवर्ण सौधा की ओर मार्च करने का प्रयास किया और बैरिकेड्स तोड़ दिए. उन्होंने पत्थरबाजी भी शुरू कर दी और उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की. कानून प्रवर्तन ने सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई की, और हमारे पास इसे प्रमाणित करने के लिए वीडियो भी हैं.

परमेश्वर ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार पंचमसाली समुदाय के विरोध करने के अधिकार का सम्मान करती है, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि सार्वजनिक सुरक्षा और कानून का पालन किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "हमने प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए मंत्रियों को भेजा, फिर भी उनकी मांगें कानूनी सीमाओं से परे थीं. इन परिस्थितियों में लाठीचार्ज करना आवश्यक हो गया था."

भाजपा की जवाबदेही की मांग
विपक्षी नेता चालावाडी नारायणस्वामी ने सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वह बल प्रयोग कर असहमति को दबा रही है. उन्होंने सवाल किया, "वादों को पूरा न करने से लेकर निर्दोष प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज तक, कांग्रेस ने लगातार अपने दोहरे मानदंड दिखाए हैं. हमले में घायल हुए लोगों का क्या हुआ? सरकार को जवाब देना चाहिए."

भाजपा नेताओं ने घटना की न्यायिक जांच, इसमें शामिल पुलिस अधिकारियों के निलंबन और घटना में उनकी कथित भूमिका के लिए सीएम के इस्तीफे की भी मांग की.

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