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IOCL का ग्रामीणों ने किया विरोध, वादों को पूरा नहीं करने का लगाया आरोप

IOCL और जिला भू-अर्जन की टीम खूंटी के अनगड़ा में जमीन का निरीक्षण करने पहुंचे. ग्रामीणों ने उनका जमकर विरोध किया.

INDIAN OIL CORPORATION LIMITED
IOCL और जिला भू-अर्जन की टीम का ग्रामीणों ने किया विरोध (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 3 hours ago

खूंटी: जिला के मुरहू प्रखंड अंतर्गत अनगड़ा में 6 वर्ष पहले 2018 में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा टर्मिनल का निर्माण किया गया था. IOCL टर्मिनल के निर्माण के बाद झारखंड में पेट्रोलियम पदार्थों का उठाव खूंटी के अनगड़ा से ही किया जाता रहा है. हर दिन बड़ी संख्या में वाहनों का परिचालन अनगड़ा स्थित टर्मिनल से ही किया जाता है.

साढ़े छह वर्ष बीतने के बाद IOCL और जिला भू-अर्जन की टीम IOCL के परिसर को बढ़ाने के लिए भू-अर्जन की प्रक्रिया प्रारंभ करने के लिए समीपवर्ती पोकला गांव के ग्रामीणों की जमीन चिन्हित करने पहुंची. जैसे ही आईओसीएल और भू अर्जन के अधिकारी जमीन का निरीक्षण करने पहुंचे, आसपास के ग्रामीण एकजुट हो गए और आईओसीएल के परिसर विस्तार का विरोध करने लगे. ग्रामीणों ने अधिकारियों से किए गए पूर्व के वायदों को दोहराया और कहा कि जान दे देंगे लेकिन जमीन नही देंगे.

IOCL की टीम का ग्रामीणों ने किया विरोध (Etv Bharat)

स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि शुरुआत में जब आईओसीएल का निर्माण कराया गया था तब स्थानीय लोगों को रोजगार, बिजली, पानी, चिकित्सा की सुविधा समेत अन्य सुविधाएं देने की बात की गई थी, लेकिन स्थानीय लोगों को उसका कोई लाभ नहीं मिला. वादा केवल वादा ही रहा.

पूर्व में ग्रामीण अपनी जमीन दे चुके. उसका सही मुआवजा भी नहीं मिला और कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के तहत अन्य सुविधाएं भी ग्रामीणों को नहीं दी गईं. ऐसे में अब पोकला के ग्रामीण फिर जमीन देने का विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों ने एक स्वर में आईओसीएल के परिसर विस्तार का विरोध किया और संबंधित अधिकारियों को वापस लौटना पड़ा.

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साढ़े छह वर्ष बीतने के बाद IOCL और जिला भू-अर्जन की टीम IOCL के परिसर को बढ़ाने के लिए भू-अर्जन की प्रक्रिया प्रारंभ करने के लिए समीपवर्ती पोकला गांव के ग्रामीणों की जमीन चिन्हित करने पहुंची. जैसे ही आईओसीएल और भू अर्जन के अधिकारी जमीन का निरीक्षण करने पहुंचे, आसपास के ग्रामीण एकजुट हो गए और आईओसीएल के परिसर विस्तार का विरोध करने लगे. ग्रामीणों ने अधिकारियों से किए गए पूर्व के वायदों को दोहराया और कहा कि जान दे देंगे लेकिन जमीन नही देंगे.

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स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि शुरुआत में जब आईओसीएल का निर्माण कराया गया था तब स्थानीय लोगों को रोजगार, बिजली, पानी, चिकित्सा की सुविधा समेत अन्य सुविधाएं देने की बात की गई थी, लेकिन स्थानीय लोगों को उसका कोई लाभ नहीं मिला. वादा केवल वादा ही रहा.

पूर्व में ग्रामीण अपनी जमीन दे चुके. उसका सही मुआवजा भी नहीं मिला और कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के तहत अन्य सुविधाएं भी ग्रामीणों को नहीं दी गईं. ऐसे में अब पोकला के ग्रामीण फिर जमीन देने का विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों ने एक स्वर में आईओसीएल के परिसर विस्तार का विरोध किया और संबंधित अधिकारियों को वापस लौटना पड़ा.

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