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क्या हैं 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के ड्राफ्ट में शामिल प्रस्ताव? जिन्हें पीएम मोदी की कैबिनेट ने दी मंजूरी - ONE NATION ONE ELECTION

One Nation One Election: पीएम मोदी की अध्यक्षता वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' योजना को मंजूरी दे दी.

पीएम मोदी की कैबिनेट
पीएम मोदी की कैबिनेट (फाइल फोटो ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 12, 2024, 5:48 PM IST

Updated : Dec 12, 2024, 10:28 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को 'वन नेशन, वन इलेक्शन' योजना को मंजूरी दे दी और अब ड्राफ्ट बिल संसद में पेश किया जाएगा. संसद के चालू शीतकालीन सत्र में विधेयक पेश किया जा सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया.

गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने इस वर्ष सितंबर में देशव्यापी आम सहमति बनाने के बाद कुछ सिफारिशें की थीं. वन नेशन, वन इलेक्शन का उद्देश्य लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराना है.

वन नेशन, वन इलेक्शन' को लेकर समिति की सिफारिशें
1. समिति के मुताबिक हर साल बार-बार चुनाव कराने से अर्थव्यवस्था, राजनीति और समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इसलिए इसने इस बोझ को कम करने के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की.

2. शुरुआती चरण में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराए जाएंगे. दूसरे चरण में राज्य और लोकसभा चुनाव के 100 दिनों के भीतर नगरपालिका और पंचायत चुनाव कराए जाएंगे.

3. आम चुनाव के बाद राष्ट्रपति एक अधिसूचना जारी कर सकते हैं, जिसमें लोकसभा की बैठक की तारीख को 'अपॉइंटेड डेट' घोषित किया जाएगा, ताकि निरंतर तालमेल सुनिश्चित हो सके.

4. नवगठित राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले आम चुनावों के साथ छोटा कर दिया जाएगा.

5. समिति इन सुधारों के सफल क्रियान्वयन की निगरानी और सुनिश्चित करने के लिए एक एग्जिक्यूटि ग्रुप की स्थापना की सिफारिश की है.

6. इसने पंचायतों और नगर पालिकाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए अनुच्छेद 324ए का सुझाव देती है और सभी चुनावों के लिए यूनिफाइड वोटर लिस्ट और फोटो पहचान पत्र बनाने के लिए अनुच्छेद 325 में संशोधन का प्रस्ताव किया है.

7. सदन में बहुमत न होने या अविश्वास प्रस्ताव आने की स्थिति में नए चुनाव कराए जाएंगे, लेकिन नए निर्वाचित सदन का कार्यकाल अगले आम चुनाव तक ही रहेगा.

8. समिति सदन में बहुमत न होने या अविश्वास प्रस्ताव आने की स्थिति में नए चुनाव कराने की वकालत करती है. नव निर्वाचित लोकसभा पिछली लोकसभा के शेष कार्यकाल को पूरा करेगी, जबकि राज्य विधानसभाएं लोकसभा के कार्यकाल समाप्त होने तक चलती रहेंगी, जब तक कि उसे पहले भंग न कर दिया जाए.

9. समिति ने चुनाव आयोग को सलाह दी कि वह कुशल चुनाव प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए ईवीएम और वीवीपैट जैसे आवश्यक इक्विपमेंट की खरीद के लिए सक्रिय रूप से योजना बनाए.

10. समिति सभी चुनावों के लिए एकीकृत मतदाता सूची और पहचान पत्र प्रणाली का प्रस्ताव करती है, जिसके लिए राज्यों द्वारा अनुसमर्थन के अधीन एक संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता होगी.

यह भी पढ़ें- 'वन नेशन-वन इलेक्शन' बिल को मोदी कैबिनेट की मंजूरी

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को 'वन नेशन, वन इलेक्शन' योजना को मंजूरी दे दी और अब ड्राफ्ट बिल संसद में पेश किया जाएगा. संसद के चालू शीतकालीन सत्र में विधेयक पेश किया जा सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया.

गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने इस वर्ष सितंबर में देशव्यापी आम सहमति बनाने के बाद कुछ सिफारिशें की थीं. वन नेशन, वन इलेक्शन का उद्देश्य लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराना है.

वन नेशन, वन इलेक्शन' को लेकर समिति की सिफारिशें
1. समिति के मुताबिक हर साल बार-बार चुनाव कराने से अर्थव्यवस्था, राजनीति और समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इसलिए इसने इस बोझ को कम करने के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की.

2. शुरुआती चरण में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराए जाएंगे. दूसरे चरण में राज्य और लोकसभा चुनाव के 100 दिनों के भीतर नगरपालिका और पंचायत चुनाव कराए जाएंगे.

3. आम चुनाव के बाद राष्ट्रपति एक अधिसूचना जारी कर सकते हैं, जिसमें लोकसभा की बैठक की तारीख को 'अपॉइंटेड डेट' घोषित किया जाएगा, ताकि निरंतर तालमेल सुनिश्चित हो सके.

4. नवगठित राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले आम चुनावों के साथ छोटा कर दिया जाएगा.

5. समिति इन सुधारों के सफल क्रियान्वयन की निगरानी और सुनिश्चित करने के लिए एक एग्जिक्यूटि ग्रुप की स्थापना की सिफारिश की है.

6. इसने पंचायतों और नगर पालिकाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए अनुच्छेद 324ए का सुझाव देती है और सभी चुनावों के लिए यूनिफाइड वोटर लिस्ट और फोटो पहचान पत्र बनाने के लिए अनुच्छेद 325 में संशोधन का प्रस्ताव किया है.

7. सदन में बहुमत न होने या अविश्वास प्रस्ताव आने की स्थिति में नए चुनाव कराए जाएंगे, लेकिन नए निर्वाचित सदन का कार्यकाल अगले आम चुनाव तक ही रहेगा.

8. समिति सदन में बहुमत न होने या अविश्वास प्रस्ताव आने की स्थिति में नए चुनाव कराने की वकालत करती है. नव निर्वाचित लोकसभा पिछली लोकसभा के शेष कार्यकाल को पूरा करेगी, जबकि राज्य विधानसभाएं लोकसभा के कार्यकाल समाप्त होने तक चलती रहेंगी, जब तक कि उसे पहले भंग न कर दिया जाए.

9. समिति ने चुनाव आयोग को सलाह दी कि वह कुशल चुनाव प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए ईवीएम और वीवीपैट जैसे आवश्यक इक्विपमेंट की खरीद के लिए सक्रिय रूप से योजना बनाए.

10. समिति सभी चुनावों के लिए एकीकृत मतदाता सूची और पहचान पत्र प्रणाली का प्रस्ताव करती है, जिसके लिए राज्यों द्वारा अनुसमर्थन के अधीन एक संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता होगी.

यह भी पढ़ें- 'वन नेशन-वन इलेक्शन' बिल को मोदी कैबिनेट की मंजूरी

Last Updated : Dec 12, 2024, 10:28 PM IST
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