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झारखंड विधानसभा में 11,697 करोड़ का अनुपूरक बजट पारित, वित्त मंत्री ने बतायी वजह, जयराम बोले, बहनों को राशि देना ठीक नहीं - SUPPLEMENTARY BUDGET

झारखंड विधानसभा में 11,697 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पारित हुआ. इस दौरान वित्त मंत्री ने सभी के सवालों के जवाब दिए.

Jharkhand assembly Special Session
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 12, 2024, 5:45 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र के चौथे दिन वर्ष 2024-25 के लिए 11,697.45 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित हो गया. इसमें महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के लिए सबसे ज्यादा 6,390.55 करोड़ और ऊर्जा विभाग के लिए 2,577.92 करोड़ रु. आवंटित किए गये हैं. भाजपा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी के कटौती प्रस्ताव का जवाब देते हुए वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने सदन को बताया कि आखिर द्वितीय अनुपूरक बजट क्यों लाना पड़ा.

वित्त मंत्री ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि 1,697 करोड़ रु. सरकार के संकेत पर सरेंडर नहीं हुआ है. चुनावी वर्ष में जो विभाग राशि खर्च नहीं कर पाए तो सरकार ने उसे सरेंडर होने से बचाते हुए मंईयां सम्मान योजना और मुफ्त बिजली बिल के लिए इस्तेमाल किया. वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकारें भी ऐसा करती रहीं हैं. उन्होंने कहा कि चुनावी वर्ष में भी राज्य सरकार ने 42 प्रतिशत राजस्व का सृजन किया है. यह कुशल मैनेजमेंट का उदाहरण है.

अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान पक्ष और विपक्ष में काफी खींचतान भी दिखा. वित्त मंत्री ने कहा कि मंईयां सम्मान योजना पर व्यंग किया जा रहा है. लेकिन यह समझना चाहिए कि महिलाएं साधारण बीमारी के लिए पैसे नहीं जुटा पातीं थी. आज वे लोग खुश हैं कि सरकार उन्हें कुछ दे रही है. अब महिलाओं को दवा खरीदने के लिए हाथ नहीं पसारना पड़ेगा. वित्त मंत्री ने कहा कि ये पैसे बाजार से होते हुए कर राजस्व के रूप में सरकार के खजाने में पहुंचेंगे.

वित्त मंत्री ने कहा कि झारखंड में कुल 13 वर्ष और 62 दिन भाजपा की सरकार रही. उन्होंने पूछा कि जब झारखंड बाल काल में था, तब सिंचने के लिए आपने क्या किया. उस समय ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए कुछ नहीं हुआ. वित्त मंत्री ने कहा कि चुनाव की रात ये लोग सिर्फ वोट खरीदने में मशगूल थे. भाजपा के पास विकास का कोई नारा नहीं था. सिर्फ घुसपैठ की बात हो रही थी.

बहनों को राशि देकर निकम्मा बना देगी सरकार - जयराम

जेएलकेएम विधायक जयराम महतो ने कहा कि आज की बहस का केंद्र बिंदु मंईयां सम्मान योजना रही. हम भी महिला सम्मान के पक्षधर हैं. मैं कहना चाहूंगा कि बहनों को स्कूल-कॉलेज जाने से पहले अगर आप पैसे देंगे, तो आप उन्हें निकम्मा बना देंगे. उन्हें स्कॉलरशिप के रूप में पैसे दिए जाने चाहिए. 18 से 30 साल की लड़कियों को 2500 रुपये देने से उनकी प्रतिभा नष्ट हो रही है. उनकी प्रतिभा नकारात्मक दिशा में जाएगी.

जयराम महतो ने कहा कि अगर मंईयां सम्मान योजना के तहत 2500 रुपये सम्मान राशि है, तो सभी विधायकों को बस की सुविधा दी जानी चाहिए. सभी माननीयों को ट्रेन से रांची आना चाहिए. सभी डीए भत्ता का त्याग करें. जांच हो कि माननीयों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं या गैर सरकारी स्कूलों में. अगर कसौटी में उतरते हैं, तब कहेंगे कि यह मंईयां सम्मान योजना है. सम्मान समानता से आता है. जयराम महतो ने कहा कि सीजीएल का मामला आज भी गर्म है. सांच को आंच क्या. करा लें जांच. इसको विपक्ष की साजिश नहीं कह सकते.

सरकार फिर आंख में झोंक रही है धूल - नवीन जायसवाल

वहीं भाजपा की ओर से हटिया विधायक नवीन जायसवाल ने पूछा कि हर वर्ष एक लाख नौकरी किसको देगी सरकार. राज्यपाल के अभिभाषण में थर्ड और फोर्थ ग्रेड में स्थानीय को सौ फीसदी नौकरी का जिक्र है. 2013 में यही वादा हेमंत सोरेन ने किया था. 2019 में भी वादा किया था. इससे साफ है कि वर्तमान सरकार आंख में धूल झोंक रही है.

उन्होंने पूछा कि यह सरकार किस नियोजन नीति के तहत नौकरी देगी. राज्य में अभी कौन सी नियोजन नीति लागू है. नवीन जायसवाल ने पूछा कि राज्यपाल के अभिभाषण में जिक्र है कि सभी महिलाओं को 2500 रु. मंईयां सम्मान योजना की राशि दी जाएगी. फिर टर्म एंड कंडिशन क्यों नहीं बता रही है सरकार. उन्होंने कहा कि चुनाव के समय 60 लाख खातों में पैसे डाल दिए गये. बहुत जल्द यह आंकड़ा 6 लाख हो जाएगा. 450 रु. में गैस सिलेंडर कब से मिलेगा, यह भी बताना चाहिए. चुनाव में वादा किया गया था कि 3200 रु. प्रति क्विंटल धान खरीदा जाएगा. अब 2,400 रु. प्रति क्विंटल धान खरीदा जा रहा है.

यह भी पढ़ें:

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वित्त मंत्री ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि 1,697 करोड़ रु. सरकार के संकेत पर सरेंडर नहीं हुआ है. चुनावी वर्ष में जो विभाग राशि खर्च नहीं कर पाए तो सरकार ने उसे सरेंडर होने से बचाते हुए मंईयां सम्मान योजना और मुफ्त बिजली बिल के लिए इस्तेमाल किया. वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकारें भी ऐसा करती रहीं हैं. उन्होंने कहा कि चुनावी वर्ष में भी राज्य सरकार ने 42 प्रतिशत राजस्व का सृजन किया है. यह कुशल मैनेजमेंट का उदाहरण है.

अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान पक्ष और विपक्ष में काफी खींचतान भी दिखा. वित्त मंत्री ने कहा कि मंईयां सम्मान योजना पर व्यंग किया जा रहा है. लेकिन यह समझना चाहिए कि महिलाएं साधारण बीमारी के लिए पैसे नहीं जुटा पातीं थी. आज वे लोग खुश हैं कि सरकार उन्हें कुछ दे रही है. अब महिलाओं को दवा खरीदने के लिए हाथ नहीं पसारना पड़ेगा. वित्त मंत्री ने कहा कि ये पैसे बाजार से होते हुए कर राजस्व के रूप में सरकार के खजाने में पहुंचेंगे.

वित्त मंत्री ने कहा कि झारखंड में कुल 13 वर्ष और 62 दिन भाजपा की सरकार रही. उन्होंने पूछा कि जब झारखंड बाल काल में था, तब सिंचने के लिए आपने क्या किया. उस समय ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए कुछ नहीं हुआ. वित्त मंत्री ने कहा कि चुनाव की रात ये लोग सिर्फ वोट खरीदने में मशगूल थे. भाजपा के पास विकास का कोई नारा नहीं था. सिर्फ घुसपैठ की बात हो रही थी.

बहनों को राशि देकर निकम्मा बना देगी सरकार - जयराम

जेएलकेएम विधायक जयराम महतो ने कहा कि आज की बहस का केंद्र बिंदु मंईयां सम्मान योजना रही. हम भी महिला सम्मान के पक्षधर हैं. मैं कहना चाहूंगा कि बहनों को स्कूल-कॉलेज जाने से पहले अगर आप पैसे देंगे, तो आप उन्हें निकम्मा बना देंगे. उन्हें स्कॉलरशिप के रूप में पैसे दिए जाने चाहिए. 18 से 30 साल की लड़कियों को 2500 रुपये देने से उनकी प्रतिभा नष्ट हो रही है. उनकी प्रतिभा नकारात्मक दिशा में जाएगी.

जयराम महतो ने कहा कि अगर मंईयां सम्मान योजना के तहत 2500 रुपये सम्मान राशि है, तो सभी विधायकों को बस की सुविधा दी जानी चाहिए. सभी माननीयों को ट्रेन से रांची आना चाहिए. सभी डीए भत्ता का त्याग करें. जांच हो कि माननीयों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं या गैर सरकारी स्कूलों में. अगर कसौटी में उतरते हैं, तब कहेंगे कि यह मंईयां सम्मान योजना है. सम्मान समानता से आता है. जयराम महतो ने कहा कि सीजीएल का मामला आज भी गर्म है. सांच को आंच क्या. करा लें जांच. इसको विपक्ष की साजिश नहीं कह सकते.

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वहीं भाजपा की ओर से हटिया विधायक नवीन जायसवाल ने पूछा कि हर वर्ष एक लाख नौकरी किसको देगी सरकार. राज्यपाल के अभिभाषण में थर्ड और फोर्थ ग्रेड में स्थानीय को सौ फीसदी नौकरी का जिक्र है. 2013 में यही वादा हेमंत सोरेन ने किया था. 2019 में भी वादा किया था. इससे साफ है कि वर्तमान सरकार आंख में धूल झोंक रही है.

उन्होंने पूछा कि यह सरकार किस नियोजन नीति के तहत नौकरी देगी. राज्य में अभी कौन सी नियोजन नीति लागू है. नवीन जायसवाल ने पूछा कि राज्यपाल के अभिभाषण में जिक्र है कि सभी महिलाओं को 2500 रु. मंईयां सम्मान योजना की राशि दी जाएगी. फिर टर्म एंड कंडिशन क्यों नहीं बता रही है सरकार. उन्होंने कहा कि चुनाव के समय 60 लाख खातों में पैसे डाल दिए गये. बहुत जल्द यह आंकड़ा 6 लाख हो जाएगा. 450 रु. में गैस सिलेंडर कब से मिलेगा, यह भी बताना चाहिए. चुनाव में वादा किया गया था कि 3200 रु. प्रति क्विंटल धान खरीदा जाएगा. अब 2,400 रु. प्रति क्विंटल धान खरीदा जा रहा है.

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