लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को नगर विकास विभाग के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की. सीएम ने कहा कि नगरों में वाहनों की पार्किंग एक चुनौती बनती जा रही है. इसके समुचित समाधान के लिए शासन, प्रशासन और जनता को मिलकर काम करना पड़ेगा. इसे सुनिश्चित करना ही होगा कि वाहन तय पार्किंग स्थल पर ही खड़े हों, सड़क किनारे नहीं. आवश्यकता पड़े तो इंफोर्समेंट की कार्रवाई भी की जाए.
'स्कूल, मार्केट, पार्क की हो सुविधाएं' :मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक नगर निगम में एक-एक मलिन बस्ती को चिन्हित कर वहां बहुमंजिला आवासीय परिसर के विकास की योजना तैयार करें. इस आवासीय परिसर के समीप स्कूल, मार्केट, पार्क आदि बुनियादी सुविधाएं होनी चाहिए. यहां जो बाजार विकसित करें, उसमें इसी मलिन बस्ती के परिवार को आवंटित करें. जो पार्क बनाएं, उसके संचालन की जिम्मेदारी भी इन्हें ही दी जाए. इस प्रकार चरणबद्ध रूप से पूरे प्रदेश में मलिन बस्तियों का पुनरोद्धार हो सकेगा. यहां के लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में यह प्रयास अत्यंत उपयोगी होगा. जलजमाव का सबसे बड़ा कारण है नालों, नालियों पर किया गया अतिक्रमण. नालियों, नालों पर जहां भी कहीं अतिक्रमण है, जनता के साथ संवाद बनाकर समाधान निकालें. कार्रवाई के समय इसका ध्यान जरूर रखें कि संबंधित परिवार को मकान के भीतर आने-जाने में अनावश्यक असुविधा न हो.
'सड़क किनारे बाइक, कार, टैक्सी की न हो पार्किंग' :उन्होंने कहा कि पार्किंग के लिए मल्टीलेवल पार्किंग प्रणाली उपयोगी सिद्ध हो रही है. मल्टीलेवल पार्किंग में कॉमर्शियल स्पेस जरूर रखें. नए पार्किंग स्थल के लिए स्थानीय आवश्यकताओं के अध्ययन करने के उपरांत ही कार्ययोजना तैयार करें. भविष्य के दृष्टिगत बेहतर पार्किंग सुविधा के लिए 'पार्किंग स्थल नियम' तैयार किये जाएं. कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी सड़क किनारे बाइक, कार, टैक्सी की पार्किंग न हो. स्ट्रीट वेंडरों को एक जगह नियोजित करें. अवैध टैक्सी स्टैंडों पर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए. नगरीय परिवहन में इलेक्ट्रिक बसों के उपयोग को प्रोत्साहित करें.