नई दिल्ली: भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के पांच पॉजिटिव मामलों सामने आए हैं, जिससे कोविड-19 जैसे प्रकोप की आशंका बढ़ गई है. दरअसल, चीन कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत के ठीक पांच साल बाद एक बार फिर वायरस से जूझ रहा है.
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक आम श्वसन वायरस है जो आमतौर पर हल्के सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण पैदा करता है. अध्ययनों से पता चलता है कि यह 1970 के दशक से इंसानों में सर्कूलेट हो रहा है, हालांकि, वैज्ञानिकों ने पहली बार 2001 में इसकी पहचान की थी.
Human Metapneumovirus (HMPV) is not a new virus and has been circulating globally for many years.
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) January 6, 2025
The health systems and surveillance networks of the country remain vigilant, ensuring the country is ready to respond promptly to any emerging health challenges. There is no cause… pic.twitter.com/IN1o5N38dq
यह वायरस दुनियाभर में 4 से 16 प्रतिशत लोगों में तीव्र श्वसन संक्रमण फैलाता है. आमतौर पर नवंबर और मई के बीच इसके मामले चरम पर होते हैं. हालांकि, अधिकांश वयस्कों ने इसके संपर्क में आने के कारण पहले से ही इम्युनिटी विकसित कर ली है. HMPV अमूमन पहली बार इसका सामना करने वाले शिशुओं और कमजोर इम्युनिटी सिस्टम वाले लोगों में अधिक गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है.
भारत में एचएमपीवी वायरस
भारत में सोमवार को इसके 5 मामले सामने आए है. कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में पांच शिशुओं में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) की पुष्टि हुई. तमिलनाडु में एचएमपीवी के दो मामले सामने आए हैं, जिनमें से एक चेन्नई और एक सलेम में है, जबकि गुजरात में एचएमपीवी का दूसरा मामला दो महीने के शिशु में सामने आया है, जिसमें वायरस की पुष्टि हुई है. वहीं , कर्नाटक में इस वायरस के दो केस पाए गए. अस्पताल में उपचार दिए जाने के बाद सभी रोगियों की हालत स्थिर बताई जा रही है.
क्या भारत को ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) से चिंतित होना चाहिए?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है और चिंता करने की कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है और देश में किसी भी सामान्य श्वसन वायरस रोगजनकों में कोई उछाल नहीं देखा गया है.
नड्डा ने एक वीडियो मैसेज में कहा कि चीन में HMPV की हालिया रिपोर्टों के मद्देनजर, स्वास्थ्य मंत्रालय, देश की शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान संस्था ICMR और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) चीन और अन्य पड़ोसी देशों में स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं.
जेपी नड्डा ने कहा, "हेल्थ एक्सपर्ट्स ने स्पष्ट किया है कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है. इसकी पहली बार पहचान 2001 में हुई थी और यह कई सालों से पूरी दुनिया में फैल रहा है. एचएमपीवी सांस के जरिए फैलता है. यह सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है. यह वायरस सर्दियों और शुरुआती वसंत के महीनों में ज़्यादा फैलता है." उन्होंने आगे कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने स्थिति का संज्ञान लिया है और जल्द ही अपनी रिपोर्ट साझा करेगा.
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